वैश्विक अर्थव्यवस्था को इस वर्ष मंदी से नुकसान होने की संभावना – ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की रपट

दावोस – वैश्विक अर्थव्यवस्था को साल २०२३ में मंदी से नुकसान होने की संभावना की चेतावनी विश्व के प्रमुख आर्थिक विशेषज्ञों ने दी है। दावोस में आयोजित ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ में जारी की गई ‘चीफ इकॉनॉमिस्टस्‌ आऊटलूक’ नामक रपट से यह संभावना सामने आयी है। ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था ड़ामाड़ोल हो रही है और ऐसे में विश्व के प्रमुख आर्थिक विशेषज्ञों में से एक तिहाई विशेषज्ञों ने मंदी की चेतावनी दी है’, इन शब्दों में ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की व्यवस्थापकीय संचालक सादिया ज़हिदी ने वर्णित रपट के अनुमान की जानकारी साझा की। पिछले कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश और वर्ल्ड बैंक जैसी प्रमुख वित्तसंस्थाओं ने भी वैश्विक मंदी के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया था।

‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’साल २०१९ में चीन से कोरोना के फैलने के बाद साल २०२० में विश्व की कई अर्थव्यवस्थाओं को मंदी का मुकाबला करना पड़ा था। इसके बाद साल २०२१ में वैश्विक अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सामान्य हो होने के संकेत मिले थे। लेकिन, पिछले साल शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध के बाद सभी आर्थिक गणित बिखरते हुए दिखाई दे रहे हैं। युद्ध की वजह से ईंधन की कीमतों में उछाल आया है और वैश्विक सप्लाइ चेन भी बिगड़ी है। अधिकांश देशों में महंगाई उछाल पर है और आम जनता को ‘कॉस्ट ऑफ लीविंग क्राइसिस’ का सामना करना पड़ रहा है। महंगाई कम करने के लिए विश्व की सभी सेंट्रल बैंकों ने ब्याजदर बढ़ाने की नीति अपनाई है। इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है और कई क्षेत्रों में मांग घटती जा रही है।

‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’इस पृष्ठभूमि पर अपवादों के अलावा विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं का विकासदर गिरावट की ओर बढ़ता जा रहा है। चीन ने कुछ दिन पहले साल २०२२ के जीडीपी के आँकड़े घोषित किए थे। चीन का विकासदर साल १९७६ के बाद न्यूनतम स्तर पर पहुँचने की बात इससे स्पष्ट हुई थी। अमरीका और ब्रिटेन जैसे देशों के विकासदर में भी गिरावट आई है और यूरोपिय महासंघ की अर्थव्यवस्था में भी गिरावट देखी जा रही है। ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की रपट से इसकी पुष्टि हो रही है।

‘जनवरी २०२३ चीन इकॉनॉमिस्टस्‌ आउटलूक’ रपट के लिए ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ ने विश्व के २० से अधिक प्रमुख आर्थिक विशेषज्ञों से संपर्क किया था। इनमें से दो तिहाई विशेषज्ञों ने इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी से नुकसान पहुँचेगा, यह इशारा दिया है। तथा, एक तिहाई विशेषज्ञों ने मंदी की संभावना खारिज की है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंदी में बड़ा उछाल आने की संभावना पर भी कुछ आर्थिक विशेषज्ञों ने ध्यान आकर्षित किया है। महंगाई से सबसे अधिक दाह यूरोपिय महाद्वीप को महसूस होगा, यह दावा भी किया गया है।

‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’‘महंगाई में उछाल, फिसलता विकासदर, कर्ज का बढ़ता भार और तीव्र मतभेद की स्थिति के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक निवेश की मात्रा घट रही है। विकास और असुरक्षित स्थिति का जीवनमान सुधारने के लिए निवेश बड़ी जरुरी बात है’, इन शब्दों में ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की व्यवस्थापकीय संचालक सादिया ज़हिदी ने इस रपट पर अपनी भूमिका स्पष्ट की।

कुछ ही दिन पहले वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक तिहाई हिस्से को इस साल आर्थिक मंदी से नुकसान होगा, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश की प्रमुख क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने दी थी। पिछले साल की तुलना में मौजूदा वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अधिक कठिन साबित होगा, यह चेतावनी भी मुद्राकोश की प्रमुख ने दी थी।

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