श्रीलंका को दिए गए कर्ज़ के भुगतान के लिए सहुलियत प्रदान करें – श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष का चीन से आवाहन

कोलंबो – श्रीलंका को सहायता करने की इच्छा हो तो चीन कर्ज़ का भुगतान करने के लिए सहुलियत प्रदान करे, यह माँग श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष गोताबाया राजपक्षे ने की है। चीन के विदेशमंत्री वैंग यी श्रीलंका के दौरे पर हैं। उनके साथ हुई चर्चा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष ने यह माँग रखी। विदेशमंत्री यी के इस दौरे से पहले चीन आर्थिक संकट से घिरे श्रीलंका की सहायता करने के लिए तैयार होने के दावे चीनी माध्यमों ने किए थे। इस पृष्ठभमि पर श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष ने यह माँग चीन के विदेशमंत्री के सामने रखी है।

कर्ज़ के भुगतानइस वर्ष श्रीलंका को कर्ज की किश्‍त के तौर पर तकरीबन १.५ से २ अरब डॉलर्स का भुगतान चीन को करना है। कोरोना की वजह से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था टूटने की कगार पर है। दिसंबर में श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंड़ार में मात्र १ अरब डॉलर्स शेष बचे थे। इससे केवल दिसंबर महीने का आयात का खर्च उठाना संभव होने का इशारा आर्थिक विशेषज्ञों ने दिया था। ऐसी स्थिति में चीन ने श्रीलंका में किए विकास प्रकल्पों के कर्ज की किश्‍त का श्रीलंका को भुगतान करना पड़ रहा है। यह कर्ज चीन ने ज्यादा ब्याजदर से श्रीलंका को प्रदान किया था। उस समय इसका श्रीलंकन आर्थिक विशेषज्ञों के अलावा विश्‍वभर से विरोध किया गया था।

चीन के कर्ज का भुगतान करना मुमकिन ना होने के कारण वर्ष २०१७ में श्रीलंका ने अपना हंबंटोटा बंदरगाह ९९ वर्षों के लिए चीनी कंपनी के हवाले किया था। इसके बाद चीन की शिकारी अर्थनीति की कड़ी आलोचना हुई थी और विश्‍वभर के देश इससे सावधान हुए थे। अब भी श्रीलंका का आर्थिक संकट को किसी हद तक चीन के कर्जे के फंदे की वजह से होने के दावे किए जा रहे हैं। इस वजह से श्रीलंका और चीन के संबंधों में खटास निर्माण हुई थी और उसी मात्रा में श्रीलंका के भारत के साथ संबंधों में सुधार हुआ है।

भारत और श्रीलंका के बीच नए सहयोग स्थापित हो रहे हैं। इस वजह से बेचैन हुए चीन ने श्रीलंका को फिर से भारत के खिलाफ प्यादे के तौर पर इस्तेमला करने की गतिविधियॉं शुरू की हैं। श्रीलंका के आर्थिक संकट का इस्तेमाल करने के लिए चीन ने फिर एक बार श्रीलंका के सामने सहायता का प्रस्ताव रखने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। चीन के सरकारी अखबारों ने ऐसे दावे भी किए थे। ऐसी स्थिति में श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष गोताबाया राजपक्षे ने चीन से नया कर्ज़ प्राप्त किए बिना पहले उठाए गए कर्ज का भुगतान करने की दुबारा सोचकर इसके लिए सहुलियत देने की माँग की है।

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