रशिया की आक्रामकता को जवाब देने के लिए यूरोप में नाटो का विशाल युद्धाभ्यास – १० हजार सैनिक शामिल

Third World Warलंदन/बुडापेस्ट: अप्रैल महीने में रशिया के निकट ‘ब्लैक सी’ क्षेत्र में विशाल नौसेना अभ्यास करने के बाद नाटोने फिर से व्यापक युद्धाभ्यास करने का सत्र शुरू किया है| रशिया से एक के पीछे एक विकसित किए जा रहे मिसाइलों का सामना करने के लिए स्कॉटलैंड में ‘मिसाइल डिफेन्स एक्सरसाईज’ का आयोजन किया गया है| वही, रशिया ने पूर्व यूरोप और नजदिकी देशों में शुरू गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर दक्षिण यूरोप में तीन देशों में स्वतंत्र लष्करी युद्धाभ्यास शुरू किया गया है| इन दोनों युद्धाभ्यास में अमरिका के साथ २३ देशों के १० हजार से अधिक सैनिक शामिल हुए है|

नाटो ने यूरोप में शुरू किया विस्तार और अमरिका से यूरोपीय देशों में ‘मिसाइल डिफेन्स’ यंत्रणा तैनात करने का हुआ निर्णय अपनी सुरक्षा के लिए सीधे खतरा होने का आरोप रशिया कर रही है| अमरिका और नाटो की गतिविधियों को जैसे को तैसा जवाब देने के लिए रशिया ने रक्षादलों का आधुनिकीकरण एवं तैनाती में काफी मात्रा में बढोतरी की है| इसमें प्रगत मिसाइल, पनडुब्बी, विध्वंसक, लेजर वेपन्स, ड्रोन्स, टैंक, रोबोटिक वेपन्स का समावेश है|

रशिया, आक्रामकता, जवाब देने, यूरोप, नाटो, विशाल युद्धाभ्यास, १० हजार, सैनिक, शामिलपिछले कुछ वर्षों में रशिया ने ‘इस्कंदर’, ‘आरएस-२८ सरमाट’, ‘एसएससी-८’, ‘ऍव्हानगार्ड’, ‘किंझल’, ‘कॅनिअन’ जैसी प्रगत और घातक मिसाइल का निर्माण किया है| रशिया ने विकसित किए यह मिसाइल यूरोप के लिए बडा खतरा होने की बात समझी जा रही है और इसी लिए अमरिका यूरोपीय देशों में ‘मिसाइल डिफेन्स’ यंत्रणा तैनात कर रही है, यह समझा जा रहा है| रशिया के इन प्रगत मिसाइलों का सामना करने की कोशिश के हिस्से के तौर पर स्कॉटलैंड में ‘मिसाइल डिफेन्स’ यंत्रणा यही मध्यवर्ती सूत्र रखकर नौसेना का युद्धाभ्यास आयोजित किया गया है|

‘फॉर्मिडेबल शिल्ड’ नाम से शुरू किए गए इस युद्धाभ्यास में नौ देशों के करीबन ३,५०० सैनिक शामिल हुए है| इसके अलावा युद्धाभ्यास में १३ युद्धपोत, १० लडाकू विमान, गश्ती एवं निगरानी करनेवाले विमान भी शामिल हुए है| इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए देशों मेें अमरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रान्स, इटली, नेदरलैंड, नार्वे, स्पेन और डेन्मार्क का समावेश है| १९ मई तक यह युद्धाभ्यास जारी रहेगा, यह जानकारी नाटोने दी है|

रशियन मिसाइलों के खतरे से बचने के लिए नाटो ध्यान केंद्रीत कर रही है और ऐसे में यूरोप में अमरिकी सेनाने रशियन सेना के विरोध में रणनीति तैयार करने के लिए ‘इमिजिएट रिस्पॉन्स’ नाम के युद्धाभ्यास का आयोजन किया है| यह युद्धाभ्यास दक्षिण यूरोप के हंगेरी, क्रोएशिया और स्लोव्हेनिया इन देशों में एक ही समय पर शुरू हुआ है| १५ देशों के ६,५०० से अधिक सैनिक इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए है|

बाल्कन क्षेत्र के देशों में रशिया ने हमला किया तो इसके विरोध में रणनीति तैयार करने के साथ सदस्य देशों में समन्वय रखने पर इस युद्धाभ्यास में जोर दिया जाएगा, यह जानकारी यूरोप में मौजूद अमरिकी सेना ने दी है| इस महीने के आखिर तक होनेवाले इस युद्धाभ्यास में अमरिका के तीन हजार सैनिक शामिल होंगे|

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