जम्मू-कश्मीर में आयोजित ‘जी २०’ बैठक में अनुपस्थित रहने से चीन का ही नुकसान होगा – केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

श्रीनगर – चीन ने जम्मू-कश्मीर में आयोजित ‘जी २०’ बैठक में अनुपस्थित रहने का निर्णय किया था। यह बैठक भारत ने जानबूझकर विवादित क्षेत्र में आयोजित की, यह कहकर चीन ने इस बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। इसपर भारत की प्रतिक्रिया सामने आयी है। इस बैठक में चीन के अनुपस्थित रहने से भारत के लिए कुछ भी बदला नहीं हैं। उल्टा इससे चीन का ही नुकसान हुआ है, ऐसा बयान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया है।

जम्मू-कश्मीर में भारत ने जानबूझकर ‘जी २०’ बैठक का आयोजन किया हैं। इस बैठक में शामिल देश यह क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग हैं, इस पर मुहर लगाएंगे ऐसी चिंता पाकिस्तान ने जताई थी। साथ ही पाकिस्तान ने ‘जी २०’ देशों को इस बैठक में शामिल ना होने की गुहार भी लगाई थी। इसपर चीन की प्रतिक्रिया सामने आयी है और इस बैठक का विवादित क्षेत्र में आयोजन हो रहा हैं, ऐसा आरोप चीन ने लगाया है। इस आपत्ति के साथ चीन ने इस बैठक में अनुपस्थित रहने का निर्णय किया है। इससे भारत का नहीं, बल्कि चीन का ही नुकसान हुआ, ऐसा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया।

भारत यानी यूरोप का कोई छोटा देश नहीं हैं। भारत एक विशाल देश हैं। इस वजह से पूरे देश में ‘जी २०’ की बैठकों का आयोजन करके भारत अपनी विभिन्नताओं का अहसास इन सदस्य देशों को करा रहा हैं, ऐसा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा। इसी बीच, ‘जी २०’ की बैठक का आयोजन जम्मू-कश्मीर में करने से पाकिस्तान उतना ही चीन भी बेचैन होने की खबरें पहले से ही प्रसिद्ध हुई थी। पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए हुए कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान में चीन-पाकिस्तान के ‘इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) प्रकल्प का निर्माण हो रहा है। इसके खिलाफ भारत ने चीन को चेतावनी भी दी थी।

‘सीपीईसी’ परियोजना के ज़रिये भारत की संप्रभुता को चुनौती दी जा रही है, ऐसी चेतावनी भारत ने दी थी। लेकिन, चीन ने इसे पुरी तरह से अनदेखा किया। इसके बाद पाकिस्तान में फैली अस्थिरता के कारण दोनों देशों का यह प्रकल्प खतरे से घिरा होने के दावे किए जा रहे थे। चीन ने इस प्रकल्प में निवेश करना पुरी तरह से रोक दिया है, ऐसे दावे पाकिस्तानी माध्यम कर रहे थे। फिलहाल पाकिस्तान में फैली अराजकता का लाभ उठाकर भारत अब पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए कश्मीर (पीओके) को हथियाने की तैयारी में होने की चिंता इस देश में जताई जा रही है।

भारत ने ‘पीओके’ पर हमला किया तो इसका मुकाबला करने की क्षमता ही पाकिस्तान की सेना के पास बची नहीं है। ऐसे में ‘पीओके’ की जनता को भी अब डुबने की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान में रहने की इच्छा नहीं रही। इस वजह से भारत जल्द ही ‘पीओके’ पर कब्ज़ा करेगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इसका अहसास होने पर चीन ने ‘पीओके’ पर भारत के कब्ज़ा करने को स्वीकृति प्रधान करने की भी तैयारी रखी है। लेकिन, भारत पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान में शुरू अपने प्रखल्पों को मंजूरी दे, यही चीन की मांग है। लेकिन, भारत इसके लिए तैयार नहीं हैं, ऐसे दावे सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में आयोजित ‘जी २०’ बैठक के दौरान पाकिस्तान की किसी आतंकी संगठन ने हमला किया तो इसे वजह बनाकर भारत ‘पीओके’ पर कब्ज़ा करेगा, इस चिंता ने पाकिस्तानी विश्लेषकों को परेशान कर रखा हैं।

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