‘अफ्रिका के आतंकवादियो के खिलाफ़ ‘लाँग वॉर’ के लिए तैयार रहें’ : फ्रेंच प्रधानमंत्री का सेना को आवाहन

पॅरिस, दि. ३१: अफ्रिका की परिस्थितियों में बहुत नाट्यपूर्ण बदलाव हो रहे होकर, फ्रेंच सेना इस क्षेत्र के आतंकवादियों के खिलाफ़ दीर्घकालीन जंग (‘लाँग वॉर’) के लिए तैयार रहें, ऐसा आवाहन फ्रान्स के प्रधानमंत्री बर्नार्ड कॅझेन्यूव्ह ने किया| प्रधानमंत्री कॅझेन्यूव्ह ने अपनी पहली ही विदेशयात्रा में अफ्रिका का दौरा करते हुए, ‘साहेल रिजन’ नामक जगह में फ्रान्स द्वारा चलायी जानेवाली सेना की मुहिम की जानकारी ली| फ्रेंच प्रधानमंत्री ने सेना को किया आवाहन यानी आनेवाले कुछ सालों के लिए, फ्रान्स इस जगह पर अपना अड्डा जमाने की तैयारी में है, इस बात के संकेत दे रहा है|

‘लाँग वॉर’‘अफ्रिका के साहेल क्षेत्र में बहुत नाट्यपूर्ण बदलाव नजर आ रहे हैं| उनका सामना करते हुए फ्रेंच सेना को चाहिए कि वह आतंकवाद के खिलाफ दीर्घकालीन लड़ाई के लिए तैयार रहें| फ्रेंच सरकार सेना की मुहिम के लिए आवश्यक आर्थिक सहायता करेगी’, ऐसा आवाहन प्रधानमंत्री कॅझेन्यूव्ह ने किया| प्रधानमंत्री कॅझेन्यूव्ह अपनी पहली ही विदेश यात्रा के लिए अफ्रिका के ’चाड’ देश में दाखिल हुए होकर, उन्होंने चाड के प्रधानमंत्री और फ्रेंच सेना के जवानों से मुलाकात की|

अफ्रिका के ‘साहेल रिजन’ नामक क्षेत्र में चाड, माली, नायजर, मॉरिशानिआ और बुर्किना फासो ये देश शामिल हैं| इस क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से आतंकी संगठनों का प्रभाव बढ़ने की जानकारी सामने आ रही है| पिछले वर्ष के नवंबर महीने में माली की राजधानी में हुआ हमला और जनवरी २०१६ में बुर्किना फासो में हुआ आतंकी हमला ये इस बढ़ते प्रभाव के संकेत माने जाते हैं|

‘लाँग वॉर’‘साहेल’ क्षेत्र में ‘अल कायदा’, ‘मुजाओ’, ‘अन्सर-अल-दिन’ एवं बोको हराम ये आतंकी संगठन सक्रिय हैं| माली और बुर्किना फासो में हुए आतंकी हमले के पीछे ‘अल कायदा’ का हाथ है, ऐसे कहा जाता है| सन २०१२ में माली में तुआरेग व्रिदोहियों के गुट ने सरकार पर कब्जा करने की कोशिश की थी| लेकिन फ्रेंच सेना ने इस कोशिश को नाकाम किया था| इस क्षेत्र के देशों में आतंकवाद का बढता प्रभाव देखते हुए, फ्रान्स ने यहाँ पर सन २०१४ में व्यापक तौर पर सेना की मुहिम हाथ में ले थी|

‘ऑपरेशन बर्खान’ नाम से शुरू की इस मुहिम के अंतर्गत फ्रेंच सेना ने साहेल क्षेत्र में चार हज़ार सैनिक तैनात किये हैं| इनमें से १ हज़ार सैनिक माली में, तो १२०० चाड में तैनात हैं| इनके अलावा नायजर, बुर्किना फासो व आयव्हरी कोस्ट में सैनिक तैनात किये गये हैं| साथ ही, लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स और ड्रोन्स भी तैनात किये गये हैं| नज़दीकी भविष्य में उनका विस्तार करने की कोशिश शुरू है| फ्रेंच प्रधानमंत्री का अफ्रिका दौरा और ‘लॉंग वॉर’ संदर्भ के उनके बयान यही संकेत दे रहे हैं|

युरोप के साथ अमरीका में होनेवाले आतंकी हमलों में भी अफ्रिकी आतंकवादियों की तादाद बढ रही है। इस पृष्ठभूमि पर, फ्रान्स ने ‘लाँग वॉर’ के संदर्भ में की हुई बात महत्त्वपूर्ण साबित होती है|

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