‘पाकिस्तान दुनिया के लिए सबसे खतरनाक देश’ : सीआयए के पूर्व अधिकारी का दावा

वॉशिंग्टन, दि. १६ : ‘पाकिस्तान यह केवल दुनिया का सबसे खतरनाक देश नहीं है, बल्कि दुनिया के लिए सबसे खतरनाक देश बना हुआ है’, ऐसा ‘सीआयए’ के ‘स्टेशन चीफ’ के तौर पर पाकिस्तान में रह चुके ‘केविन हलबर्ट’ ने कहा है| एक संकेतस्थल के लिए लिखे अनुच्छेद में हलबर्ट ने पाकिस्तान के खतरे को दर्शाया है| उसी समय, ‘पाकिस्तान टूटने की क़गार पर है और यह देश यदि टूटा, तो दुनिया के लिए महँगा साबित होगा’ ऐसी चेतावनी भी हलबर्ट ने दी है|

दुनिया के लिए सबसे खतरनाक देशअमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प का प्रशासन सत्ता में आने के बाद, अमरीका की पाकिस्तानविषयक पहले की नीति में बदलाव होने शुरू हुए हैं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं| कुछ दिन पहले, अमरीका के दस मान्यवर अभ्यासगुटों के विशेषज्ञों का सहभाग होनेवाले एक अभ्यासगुट ने एक खास रिपोर्ट तैयार कर, ट्रम्प प्रशासन को पाकिस्तान के सिलसिले में अहम सूचना की थी| पाकिस्तान के साथ संबंधों को बिना बिगाडे इस देश को सही रास्ते पर लाने के लिए क्या किया जा सकता है, इस संदर्भ में इस अहवाल में सलाह दी गई थी| इसके बाद अमरीका के विश्‍लेषक और अधिकारी पाकिस्तान की आतंकी नीति पर लगातार चिंता जता रहे हैं और इनमें अफगानिस्तान स्थित अमरीका के सेना कमांडर भी शामिल हैं|

इस पृष्ठभूमि पर, पाकिस्तान में ‘सीआयए’ के स्टेशन चीफ के तौर पर काम देखनेवाले केविन हलबर्ट का यह लेख प्रकाशित हुआ है| अफगानिस्तान यह करिबन तीन करोड ३० लाख की आबादीवाला देश था| ऐसे देश में होनेवाली उथलपुथल का बहुत बड़ा असर पूरी दुनिया को सहना पड़ा| तब यदि अठारह करोड़ से ज़्यादा आबादीवाला पाकिस्तान टूट जाता है, तो दुनिया की लिए वह कितना महँगा साबित हो सकता है, इसके बारे में सोचना चाहिए, इन शब्दों में हलबर्ट ने, पाकिस्तान से दुनिया को रहनेवाले ख़तरे को अधोरेखित किया| परमाणुअस्त्र रखनेवाले इस देश की आर्थिक स्थिति गंभीर हो रही है और यहाँ का जनसंख्या दर भी बढ़ रहा है, यह चिंता का विषय है, इस बात की ओर हलबर्ट ने ग़ौर फ़रमाया|

इस वजह से, पाकिस्तान का ढह जाना, यह एक बँक गिरने जैसा है| क्योंकि इसके साथ दुनिया को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है| इसलिए पाकिस्तान को गिरने देना नुकसानदेह साबित हो सकता है| इसके लिए अब तक अमरीका ने और आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने पाकिस्तान पर बड़ा खर्च किया और इस देश को बचाया है| लेकिन यह कोशिश रोकी नहीं जा सकती, ऐसा दावा हलबर्ट ने किया है| पिछले कुछ महिने से अमरीका में पाकिस्तान की आतंकवादी नीति के खिलाफ चिंता का सूर अलापा जा रहा है| ‘हडसन इन्स्टिट्युट’ इस अमरिकी थिंक टँक ने आयोजित किए गए कार्यक्रम में पाकिस्तान के अमरीका के पूर्व राजदूत हुसेन हक्कानी ने, अपने देश की आतंकवादी नीति की आलोचना की थी| जब तक पाकिस्तान पर सेना का प्रभुत्व बरक़रार है, तब तक इस देश की पारंपरिक नीति में बदलाव मुश्किल हैं,  ऐसा हक्कानी ने कहा था| तभी, ‘कश्मीर सवाल को हल करने के लिए अमरीका और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आवाहन करनेवाले पाकिस्तान ने ही कश्मीर में सेना को घुसाकर इस मसले को पेचींदा किया है’ इसकी याद जानेमाने विशेषज्ञ ख्रिस्तिन फेअर ने इसी कार्यक्रम में दिलाई थी|

इस वजह से अमरीका में पाकिस्तानविषयक भूमिका का पुनर्विचार शुरू हुआ है, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं| आनेवाले समय में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प का प्रशासन, कई सवालों के जवाब देने के लिए पाकिस्तान को मजबूर कर सकता है, ऐसी आशंका जताई जा रही है| लेकिन ऐसा ही होगा, इस दबाव के नीचे पाकिस्तान ने नहीं रहना चाहिए, ऐसा दावा अमरीका स्थित कुछ पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने किया है|

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