युरोप के ऊर्जा संकट के दौरान फ्रान्स के परमाणु ऊर्जा उत्पादन में ५० प्रतिशत गिरावट

पैरिस/मास्को – रशिया-यूक्रैन युद्ध की वजह से युरोप के ऊर्जा संकट की तीव्रता बढ़ रही है और इसी बीच फ्रान्स जैसें प्रमुख देश की परमाणु ऊर्जा के उत्पादन में ५० प्रतिशत गिरावट होने की जानकारी सामने आयी है| फ्रान्स के लगभग ५६ प्रतिशत परमाणु संयत्र, सुरक्षा और रखरखाव के कारण बंद करने से यह स्थिति उभरी है| परमाणु ऊर्जा उत्पादन बंद होने से फ्रान्स ने युरोप के ‘इलेक्ट्रिसिटी ग्रीड’ से अतिरिक्त ऊर्जा खरीदना शुरू किया है| फ्रान्स की इस खरीद से युरोप के अन्य देशों को नुकसान हो सकता है और युरोप का ऊर्जा संकट अधिक गंभीर होगा, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं|

europe-france-energy-crisis-2पिछले साल कोरोना की महामारी के संकट से वैश्‍विक अर्थव्यवस्था बाहर निकल रही थी, तभी कई देशों में ईंधन और ऊर्जा की मॉंग यकायक बढ़ी| लेकिन, सीमित उत्पादन और वैश्‍विक सप्लाई चेन में उभरी कठिनाइयों की वजह से विश्‍व के प्रमुख देशों को ‘एनर्जी क्राइसिस’ का मुकाबला करना पड़ा था| इसमें अमरीका और चीन के साथ युरोपीय देशों का भी समावेश था| चीन ने ईंधन की आयात बढ़ाकर और अमरीका ने अपने ‘स्ट्रैटेजिक रिज़र्व’ खुले करके ईंधन के संकट को कुछ हद तक रोकने का चित्र बनाया था| लेकिन, युरोपीय देशों के ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र का संकट पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ हैं और यूक्रैन युद्ध ने इसमें अधिक इज़ाफा किया दिख रहा है|

युरोपीय देशों के ऊर्जा निर्माण में, नैसर्गिक ईंधन वायु, कच्चा तेल और कोयले का बड़ा हिस्सा है| लेकिन, फ्रान्स जैसे देश ने पिछली सदी में ही परमाणु ऊर्जा निर्माण करने पर ज़ोर दिया था| फ्रान्स में फिलहाल ७० प्रतिशत बिज़ली की ज़रूरत परमाणु ऊर्जा पूरी करती हैं| फ्रान्स के कुल ५६ परमाणु संयत्र इस बिज़ली का निर्माण करते हैं| इसके अलावा फ्रान्स जलबिजली, नैसर्गिक वायु एवं ‘रिन्युएबल एनर्जी’ के ज़रिये अपनी बिजली की ज़रूरत पूरी करता है|

europe-france-energy-crisis-1फ्रान्स में कुल मॉंग से अधिक बिजली उत्पादन हो रहा है और इस वजह से फ्रान्स युरोप में प्रमुख ऊर्जा निर्यातक के तौर पर जाना जाता है| ऐसें में फ्रान्स द्वारा जर्मनी, ब्रिटेन और इटली को ऊर्जा सप्लाई की जाती है| इसके बावजूद, फ्रान्स में ऊर्जा निर्माण का प्रमुख साधन बने परमाणु ऊर्जा के निर्माण को पहुँचा नुकसान ध्यान आकर्षित कर रहा है| फ्रान्स में ५६ में से २८ परमाणु संयत्र, सुरक्षा, मरम्मत और रखरखाव के कारणों से बंद रखे गए हैं|

इस वजह से फ्रान्स में ऊर्जा निर्माण को बड़ा झटका लगा है| यह ऊर्जा निर्यातक देश युरोप के इलेक्टिसिटी ग्रीड से ऊर्जा खरीदने ते सिए मज़बूर होने की बात स्पष्ट हुई है| फ्रेंच कंपनियों ने खरीद की ऊर्जा का स्रोत बताने से इन्कार किया है| इस वजह से फ्रान्स के इस निर्णय पर सवाल किया जा रहा है| लगभग २८ परमाणु संयत्रों से हो रहा बिजली का निर्माण एक ही समय पर बंद कैसे हो सकता है, यह सवाल माध्यमों के साथ विश्‍लेषक और विशेषज्ञ कर रहे हैं|

युरोप में उभरे ऊर्जा संकट की पृष्ठभूमि पर फ्रान्स में परमाणु ऊर्जा निर्माण बंद होना, ध्यान आकर्षित कर रहा है| रशिया-यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर, युरोपीय देशों की ईंधन सप्लाई में और इसके अलावा बिजली निर्माण में बड़ी बाधाएँ बन रही हैं| ऐसे समय मे ईंधन और ऊर्जा स्रोत के विकल्प पूरी क्षमता से कार्यरत रखना आवश्यक है और इसके बावजूद परमाणु ऊर्जा का निर्माण बंद होने से यही संकेत प्राप्त हो रहे हैं कि युरोप का ऊर्जा संकट अधिक ही गंभीर होता चला जा रहा है|

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