फ्रान्स के स्ट्रासबर्ग में ‘ख्रिसमस मार्केट’ पर हुए आतंकी हमले में ३ लोगों की बलि संदिग्ध; आतंकी के विरोध में २७ गुनाह दर्ज

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स्ट्रासबर्ग – फ्रान्स के स्ट्रासबर्ग शहर में मंगलवार रात को ‘ख्रिसमस मार्केट’ में हुए हमले में ३ लोगों की बलि गई है और १२ लोग जख्मी हुए है| सुरक्षा यंत्रणा और संदिग्ध आतंकी के बीच मुठभेड हुई, यह जानकारी दी गई है| लेकिन, यह आतंकी सुरक्षा कर्मीयों के बीच से भाग निकलने में कामयाब हुआ है| इस आतंकी को गिरफ्तार करने के लिए विशेष मुहीम शुरू की गई है| इस आतंकी हमलावर का नाम ‘शेरिफ चेकत’ है, ऐसा कहा जा रहा है और उसके विरोध में २७ गुनाह दर्ज है, ऐसी जानकारी सामने आयी है|

पिछले डेढ महीने से फ्रान्स में सरकार के विरोध में ‘यलो वेस्टस्’ प्रदर्शन शुरू है| इसी दौरान मंगलवार के दिन हुए आतंकी हमले से फ्रान्स फिर से दहल उठा है| स्ट्रासबर्ग में ‘क्लेबर’ क्षेत्र में बहुत बडा ख्रिसमस मार्केट है| ‘ख्रिसमस’ के पृष्ठभुमि पर इस हिस्से में खरिदारी के लिए बहुत भीड उमडती है| इसी भीड का लाभ उठाकर रात ७.४५ के करीब २९ वर्ष के ‘चेरिफ’ ने धुंवाधार गोलीबारी की| इस गोलीबारी में तीन लोग जगह पर ही ढेर हुए और १२ लोग घायल हुए| इनमें से कुछ लोगों के हालात गंभीर है, यह जानकारी स्थानिय अधिकारियों ने दी|

२९ वर्ष के शेरिफ पर फ्रान्स के अलावा अन्य युरोपीय देशों में लगभग २७ गुनाह दर्ज है| पिछले कुछ वर्षों से चरमपंथियों के राह पर चल रहा शेरिफ का नाम फ्रान्स सरकार की संदिग्ध आतंकियों की सुचि में भी शामिल है| कुछ दिनों पहले फ्रेन्च यंत्रणा ने शेरिफ के घर पर छापा किया था| इस दौरान उसके घर से बडी संख्या में ग्रेनेडस् बरामद हुए थे| इस पृष्ठभुमि पर यह हमला करने के बाद वह सुरक्षा यंत्रणा की हाथों से बच निकलना खलबली का कारण बना है| इस घटना के बाद फ्रेन्च सुरक्षा यंत्रणा की अक्षमता फिर से सामने आयी है, ऐसी आलोचना शुरू हुई है|

दौरान, फ्रान्स में ‘यलो वेस्टस्’ प्रदर्शन शुरू है और इसी दौरान आतंकी हमला होना संदिग्धता जताई जा रही है| फ्रान्स के कुछ माध्यम और सोशल मीडिया में यह हमला ‘सरकारी षडयंत्र’ हो सकता है, इस स्वरूप की चर्चा शुरू हुई है| सरकार के विरोध में शुरू प्रदर्शन से राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन की तकलिफ बढी है| सोमवार के दिन ही उन्होंने कडी भूमिका छोडकर कुछ सहुलियत घोषित की थी| लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनका यह ऐलान नजरअंदाज किया था| और प्रदर्शन शुरू रखने की चेतावनी दी थी|

इस पृष्ठभुमि पर हुए आतंकी हमले का कारण आगे करके फ्रान्स की सरकार ने सुरक्षा के मुद्दे को वरीयता देने के संकेत दिए थे| इसके लिए प्रदर्शनकारियों को रास्ते और अन्य जगह खाली करके सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता करने की गतिविधियां शुरू हुई है| आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का कारण आगे करके प्रदर्शन रौंधने की कोशिष होगी, यह चर्चा भी प्रदर्शनकारियों के गुटों में शुरू हुई है, यह सोशल मीडिया पर हो रहे पोस्टस् के जरिये सामने आ रहा है|

फ्रान्स में शुरू प्रदर्शन यानी ‘इस्लामिक अवेक्निंग’ – ईरान के वरिष्ठ नेता का दावा

तेहरान – फ्रान्स में शुरू प्रदर्शन यानी ‘इस्लामिक अवेक्निंग’ है, यह दावा ईरान के न्याय व्यवस्था के प्रमुख ‘आयातुल्लाह सादेघ अमोली लारिजानी’ इन्होंने किया है| ईरान में हुई इस्लामी क्रांती के जनक आयातुल्लाह खोमेनी इन्होंने तो काफी पहले ही युरोपीय देशों में ‘इस्लामिक अवेक्निंग’ होगा, यह भविष्य कथन किया था इसकी भी याद लारिजानी इन्होंने दिलाई है| लेकिन फ्रान्स में हो रहे प्रदर्शन इस्लाम धर्मियों के साथ किस तरीके से जुडे है, इसका ब्यौरा देने से लारिजानी दूर रहे| फिर भी ईरान के नेता और विदेश मंत्रालय फ्रान्स के प्रदर्शनों में काफी रुचि लेते दिख रहे है|

सत्तर के दशक में ईरान में हुए इस्लामी क्रांती के जनक आयातुल्लाह खोमेनी रहे है| उसके बाद ईरान की राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव हुए और सियासी स्तर पर सबसे प्रभावी रहे सर्वोच्च धर्मगुरू पद पर आयातुल्लाह खोमेनी लंबे समय तक बने रहे| ईरान में हुआ बदलाव अन्य देशों में भी दिखाई देगा और सिर्फ इस्लामी देश ही नही बल्कि युरोपीय देशों में भी ‘इस्लामिक अवेक्निंग’ दिखाई देगा, यह दावा आयातुल्लाह खामेनी इन्होंने किया था| फ्रान्स में शुरू प्रदर्शनों की ओर ध्यान आकर्षित करके ईरान के न्याय व्यवस्था के प्रमुख आयातुल्लाह सादेघ अमोली लारिजानी इन्होंने खोमेनी ने किये भविष्य कथन की याद दिलाई है|

लेकिन फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन इनकी नीति के विरोध में शुरू प्रदर्शनों का इस्लामी अवेक्निंग यानी इस्लाम धर्मियों के जागृति से किस प्रकार से संबंध है, यह लारिजानी ने स्पष्ट किया नही है| लेकिन फ्रान्स सरकार इन प्रदर्शन पर कार्रवाई करते समय संयम बरते, ऐसी दर्ख्वास्त ईरान के विदेश मंत्रालय ने की थी| साथ ही ईरान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष महमूद अहमदीनेजाद इन्होंने नागरिकों की न्याय मांगे पूरी करने की जिम्मेदारी फ्रान्स सरकार की ही है, ऐसा कहा था| साथ ही जनता के विरोध में खडे होकर विश्‍व की कोई भी सरकार टिक नही सकती, यह चेतावनी अहमदीनेजाद इन्होंने दी है|

फ्रान्स में शुरू प्रदर्शनों के संबंधी ईरान के नेताओं के साथ ही विदेश मंत्रालय ने भी जताई संवेदनशीलता अलग ही संकेत देते है| इसी में लारिजानी इन्होंने फ्रान्स के प्रदर्शन खोमेनी इन्होंने कथन किए ‘इस्लामिक अवेक्निंग’ से जोडकर इससे जुडा रहस्य और भी बढाया है|

 

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