‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ परियोजना के मुद्दे पर फ्रान्स और जर्मनी में तनाव

पैरिस/बर्लिन – जर्मनी और रशिया के दरमियान निर्माण हो रही ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ परियोजना के पाईपलाईन के मुद्दे पर यूरोप के फ्रान्स और जर्मनी इन दो प्रमुख देशों के बीच तनाव निर्माण होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। रशिया में राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने उनके विरोधी ऐलेक्सी नैवेल्नी के खिलाफ की हुई कार्रवाई की पृष्ठभूमि पर ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ परियोजना रद करने की माँग फ्रान्स ने रखी थी। लेकिन, जर्मनी ने फ्रान्स की यह माँग ठुकराई होने की बात सामने आयी है। इस मुद्दे पर हुए तनाव की गूँज यूरोपिय महासंघ की बैठक में भी सुनाई देगी, ऐसा दावा सूत्रों ने किया है।

france-germany-nord-streamवर्ष २०१४ में युक्रैन के साथ हुए संघर्ष की पृष्ठभूमि पर रशिया ने यूरोपिय देशों को ईंधन की आपूर्ति करने के मार्ग का विकल्प ढ़ूँढ़ना शुरू किया था। इसमें ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ ईंधन पाईपलाईन एक अहम हिस्सा है और इस पाईपलाईन का पहला चरण कार्यान्वित हुआ है। इस चरण की पाईपलाईन ५५ अरब घनमीटर गैस की सप्लाई करने की क्षमता रखती है और यह सप्लाई क्षमता बढ़ाकर ११० अरब घनमीटर करने की योजना है। इसके लिए रशिया और जर्मनी के बीचे समझौता भी हुआ है और दोनों देशों ने इस प्रकल्प का काम आगे बढ़ाने की तैयारी भी शुरू की है।

france-germany-nord-streamलेकिन, अमरीका ने इस प्रकल्प के मुद्दे पर जर्मनी पर भारी दबाव डाला है। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस परियोजना में शामिल यूरोपियन और रशियन कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगाए थे। अमरीका की यही नीति आगे भी बरकरार रहेगी और इस ईंधन परियोजना का काम पूरा होने से रोकने के लिए सभी विकल्प अपनाने का इशारा बायडेन प्रशासन ने भी दिया है। इसी पृष्ठभूमि पर अब फ्रान्स ने नैवेल्नी पर हुई कार्रवाई का मुद्दा उठाकर ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ रद करने की माँग रखी है।

‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ परियोजना के मुद्दे पर हमने अपनी आपत्ति लगातार बयान की हैं। जर्मनी इस परियोजना से पीछे हटे, यह आवाहन इससे पहले भी किया गया था। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने नैवेल्नी के विरोध में की हुई कार्रवाई के बाद यूरोप ने प्रत्युत्तर देने की तैयारी जुटाना शुरू किया है। रशिया पर लगाए जा रहे प्रतिबंध पर्याप्त साबित नहीं होंगे। france-germany-nord-streamनॉर्ड स्ट्रीम २’ एक अहम विकल्प साबित हो सकता है’, इन शब्दों में फ्रान्स के यूरोपियन अफेअर्स मिनिस्टर क्लेमेंत ब्युन ने यह माँग रखी कि, जर्मनी इस परियोजना को स्थगित करे।

फ्रान्स की यह माँग जर्मनी ने स्पष्ट शब्दों में ठुकराई है। ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ परियोजना के मुद्दे पर जर्मनी की भूमिका में बदलाव नहीं हुआ है, यह बात जर्मनी की प्रवक्ता मार्टिना फिट्ज ने स्पष्ट की। जर्मनी के विदेश विभाग ने भी इस परियोजना का काम पूरा होगा, ऐसा बयान करके यह निवेदन किया है कि, इस विषय पर फ्रान्स की भूमिका की जानकारी जर्मनी रखती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.