पूर्व लष्करी अफसरों के खत का किया फ्रान्स की जनता ने समर्थन

france-macron-armyपैरिस – चरमपंथियों से प्राप्त हो रही चुनौतियों की वजह से फ्रान्स के सामने गंभीर संकट खड़ा हुआ है और इन चरमपंथियों के कारण हमारे देश के टुकड़े-टुकड़े भी हो सकते हैं, ऐसा इशारा फ्रान्स के २० पूर्व लष्करी अफसरों ने कुछ दिन पहले ही राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन को दिया था। यह इशारा देने के लिए इन अफसरों ने लिखे खत को फ्रान्स की जनता का बड़ा समर्थन प्राप्त होने का दावा स्थानीय समाचार चैनल ने किया है। इन चरमपंथियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो फ्रान्स के टुकड़े भी हो सकते हैं, ऐसी सोच फ्रान्स की ७३ प्रतिशत जनता रखती है।

फ्रान्स में चरमपंथ का बड़ा विस्तार हो रहा है और यह काफी बड़ा मुद्दा होने का दावा यहां के दक्षिणपंथी विचारधारा के नेता और निरीक्षक कर रहे हैं। चरमपंथ के बढ़ते प्रभाव को ज्यादा समय तक नजरअंदाज करना देश की सुरक्षा के लिए उचित नहीं होगा, ऐसा इशारा निरिक्षक दे रहे हैं। चार दिन पहले फ्रेंच सेना के जनरल पद से सेवानिवृत्त २० अफसरों ने राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन को लिखे खत में देश के भविष्य को लेकर गंभीर चिंता जताई थी।

साथ ही राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने इस चरमपंथ के खिलाफ कदम नहीं उठाए तो सेना के हाथों में नियंत्रण देने की माँग इन पूर्व अफसरों ने की थी। फ्रान्स की सेना में कार्यरत एवं सेवा निवृत्त तकरीबन एक हज़ार सैनिकों ने इस खत पर हस्ताक्षर करके अपना समर्थन दिया था। फ्रान्स के प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने सेना अफसरों के इस खत की आलोचना की थी।

अब फ्रेंच जनता भी इन लष्करी अफसरों के खत पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज़ कर रही है। लष्करी अफसरों के इस खत का ७३ प्रतिशत जनता ने समर्थन किया है और ऐसे में कुल ४९ फीसदी जनता की यह सोच है कि, देश का नियंत्रण सेना ने हाथ में लेना चाहिए।

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