सिरिया स्थित तुर्की के लष्करी अड्डे पर बड़ा हवाई हमला

syria-turkey-base-air-attackतेहरान – उत्तर सिरिया के राक्का प्रांत में तुर्की ने स्थापित किए लष्करी अड्डे पर हवाई हमला हुआ। हालांकि लड़ाकू विमान ने यह हमला किया, फिर भी यह विमान किस देश का है, यह सामने नहीं आया है। तुर्की का लष्कर सिरिया स्थित अमरीका समर्थक ‘पिपल्स प्रोटेक्शन युनिट्स’ (वायपीजी) इस कुर्द संगठन पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा था, तब यह हमला हुआ। तुर्की अथवा सिरियन सरकार ने इस हमले के बारे में अधिक विवरण जारी नहीं किया है।

राक्का प्रांत के ‘अईन इस्सा’ इस इलाके में तुर्की के लष्कर का बड़ा अड्डा है। गुरुवार शाम को अज्ञात विमान ने तेज़ी से उड़ान भरकर इस अड्डे पर हमला किया, ऐसी जानकारी कुर्द न्यूज़ एजेंसी ने प्रकाशित की। रशिया तथा ईरान के न्यूज़ चैनल ने यह खबर प्रकाशित की। लेकिन इस हमले में तुर्की के लष्करी अड्डे का कितना नुकसान हुआ अथवा जीवित हानि और वित्त हानि हुई, इसकी जानकारी प्रकाशित करना सभी माध्यमों ने टाला है। इस कारण इस हमले के बारे में रहस्य अधिक ही बढ़ा है।

syria-turkey-base-air-attackपिछले कुछ सालों से सिरिया के ताल अबयाद इस उत्तरी भाग में, तुर्की का लष्कर और वायपीजी इन कुर्द बागियों के बीच जोरदार संघर्ष जारी है। वायपीजी यह तुर्की के ‘कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी’ (पीकेके) इस कुर्द संगठन से जुड़ा है। तुर्की ने पीकेके को आतंकवादी संगठन घोषित किया होकर, वायपीजी तथा इराक के पेशमर्गा और पीव्हायडी इन कुर्द संगठनों को भी तुर्की आतंकवादी संगठन ही मानता आया है। इस कारण तुर्की द्वारा पीकेके की तरह ही वायपीजी, पेशमर्गा, पीव्हायडी इन संगठनों पर हमले किए जाते हैं।

वायपीजी यह सिरिया स्थित कुर्दों का सशस्त्र संगठन होकर, पिछले कुछ साल सालों से सिरिया के गृहयुद्ध में सहभागी हुआ है। अमरीका ने सिरिया में घोषित किए ‘आयएस’विरोधी संघर्ष में वायपीजी ने अहम भूमिका निभाई थी। सिरिया की अस्साद हुकूमत के विरोध में भड़के गृहयुद्ध में भी वायपीजी ने सहभाग लिया था।

syria-turkey-base-air-attackलेकिन पिछले दो सालों से रशिया ने मध्यस्थता करने के बाद वायपीजी ने अस्साद हुकूमत के साथ सुलह की है। इन दो सालों में तुर्की के लष्कर ने वायपीजी पर किए हमलों को सिरियन लष्कर ने भी उत्तर दिया था। वहीं, सिरियन लष्कर की इस कार्रवाई में रशिया ने भी साथ दिया था। वायपीजी ने भी सिरिया में हाल ही में घोषित हुए चुनाव में अस्साद के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा न करने की भूमिका अपनाई है।

पिछले कुछ दिनों से तुर्की ने इराक के कुर्दिस्तान प्रांत में हम हमलें शुरू किए हैं। तुर्की के हमलों पर, इराक सरकार के साथ ही इराक स्थित ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठनों से भी आलोचना शुरू है। इन संगठनों ने तुर्की के हमलों का प्रत्युत्तर देने की धमकी दी है। इससे यही दिख रहा है कि तुर्की ने सिरिया तथा इराक में कुर्दों के खिलाफ शुरू की कार्रवाई को सिरिया, इराक, ईरान इनका विरोध है।

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