जलद और पारदर्शी निर्णयों की वजह से रक्षा तैयारी अधिक बढ़ती है – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – जलद गति से किए पारदर्शी निर्णय की वजह से देश की रक्षा तैयारी अधिक मज़बूत होती हैं। साथ ही रक्षा तैयारी बढ़ाने के लिए हर एक स्रोत का पूरा इस्तेमाल करना आवश्यक होता है, यह संदेश रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया। ‘डिफेन्स अकाऊंटस्‌ डिपार्टमंट’ (डीएडी) ने आयोजित कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह कहा। साथ ही इस वित्तीय वर्ष में देश के रक्षा खर्च के लिए किया गया करीबन ५.२५ लाख करोड़ का प्रावधान अगले वर्ष ६ लाख करोड़ रुपयों से अधिक करने की आवश्यकता होने का सूचक बयान रक्षा मंत्री ने किया है।

रक्षा तैयारी‘डीएडी’ ने आयोजित किए ‘कंट्रोलर्स कान्फरन्स २०२२’ में बोलते समय रक्षा मंत्री ने उपलब्ध स्रोत का पूरा इस्तेमाल करने की अहमियत रेखांकित की। पूरे विश्व में स्रोत सीमित ही होते हैं, इस वजह से इसका उचित करना होगा, बचत किया हर एक पैसा यानी कमाएं पैसे की तरह ही होता है, इस पारंपरिक समज़दारी का ज़िक्र करके स्रोत के लिए भी वह उतना ही सच साबित होता है, ऐसा रक्षा मंत्री ने कहा। रक्षाबलों के लिए उपलब्ध स्रोत पूरी तरह से इस्तेमाल करने चाहिये। साथ ही मुमकिन होगा वहां इसकी बचत करनी होगी, यह संदेश राजनाथ सिंह ने दिया।

रक्षा तैयारी के लिए जलद गति से लेकिन, पारदर्शी निर्णय करना बड़ा आवश्यक है। इसमें देरी हुई तो इसका असर रक्षा तैयारी पर होता है, यह कहकर सरकार को इसका अहसास होने का बयान राजनाथ सिंह ने किया। इस वित्तीय वर्ष के लिए रक्षा बलों को करीबन ५.२५ लाख करोड़ का प्रावधान हुआ। यह राशि उचित तरिके से इस्तेमाल करने की ज़िम्मेदारी ‘डीएडी’ पर होने की बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कही। यदि सरकार ज़रूरत से कम खर्च करती हैं तो वह खर्च कहां और कितना बढ़ाना हैं, इस पर ‘डीएडी’ ध्यान आकर्षित करे। नहीं तो अगले बजट में समस्या निर्माण होगी, ऐसा स्पष्ट इशारा रक्षा मंत्री ने दिया है।

साथ ही मौजूदा वित्तीय साल में देश का रक्षा खर्च ५.२५ लाख करोड़ रुपये हैं और अगले वित्तीय साल में यह प्रावधान ६ लाख करोड़ रुपयों से अधिक करना आवश्यक होगा। लेकिन, इसके लिए पहले प्राप्त हुआ निधी उचित समय पर खर्च करना आवश्यक हैं। लेखपाल इस बात पर ध्यान दे, ऐसा आवाहन रक्षा मंत्री ने किया हैं।

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