चुनौती मिलने पर भारत से मुँहतोड़ प्रत्युत्तर प्राप्त होगा – रक्षामंत्री का चीन को इशारा

नई दिल्ली – शांतिप्रिय भारत किसी को आँखें नहीं दिखाता। लेकिन, चुनौती मिलने पर मुँहतोड़ प्रत्युत्तर देने के लिए भारत तैयार रहता है, ऐसा कहकर पड़ोसी देश इससे ज्ञान प्राप्त करें, यह संदेश रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिया। लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तैनात सैनिकों के सामने रक्षामंत्री बोल रहे थे। भारत द्वारा लद्दाख के ‘एलएसी’ पर ५० हज़ार सैनिक तैनात रखने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। लद्दाख के ‘एलएसी’ पर डेप्सांग, हॉटस्प्रिंग, गोग्रा से अपने सैनिकों को हटाने के लिए चीन तैयार नहीं है। इस पृष्ठभूमि पर भारत की नई तैनाती, रक्षामंत्री की लद्दाख यात्रा और उन्होंने दिए हुए संदेश के माध्यम से चीन को कड़ी चेतावनी दी जा रही है। 

लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के विदेश मंत्रालय के बीच सहमति होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वैंग वेनबिन ने ‘एलएसी’ स्थिर होने का दावा किया। इसी के साथ दोनों देशों के बयान और कृति शांति एवं एक-दूसरे का भरोसा बढ़ाने के लिए सहायक हो, यह उम्मीद वेनबिन ने व्यक्त की। भारत के विदेशमंत्री और रक्षामंत्री सीधे शब्दों में चीन को इशारे दे रहे हैं। लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तैनात अपने सैनिकों को पीछे हटाने की ज़िम्मेदारी से चीन मूँह मोड़ रहा है, इस पर ध्यान केंद्रीत करके भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर ने चीन के सामने मुश्‍किल खड़ी की थी। इसी बीच भारत ने ‘एलएसी’ की सुरक्षा सख्त करने के लिए अतिरिक्त ५० सैनिक तैनात किए हैं। सीधे भले ही ज़िक्र नहीं किया हो, फिर भी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता यह बात दोनों देशों के बीच की शांति के लिए सहायक ना होने का बयान कर रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तैनात सैनिकों को संबोधित करते समय चीन को कड़े शब्दों में इशारा दिया। भारतीय सेना पराक्रमी है और साथ ही संयम बरतना जानती है, ऐसा कहकर रक्षामंत्री ने बीते वर्ष गलवान घाटी में हुए संघर्ष में शहीद हुए सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत ने अब तक दूसरे देश की एक इंच ज़मीन पर भी कब्ज़ा नहीं किया है। भारत शांतिप्रिय देश है और दूसरों को आँखें दिखाने में भारत विश्‍वास नहीं रखता। लेकिन, चुनौती मिलने पर भारत मुँहतोड़ प्रत्युत्तर देने के लिए तैयार रहता है, ऐसा बयान रक्षामंत्री ने किया।

सैंकड़ों वर्षों से भारत के पड़ोसी देश इससे सीख प्राप्त करें, ऐसा सूचक बयान राजनाथ सिंह ने किया। रक्षामंत्री ने इससे पहले भी चीन को इसी तरह का इशारा दिया था। बीते कुछ महीनों से भारत और चीन द्वारा एक-दूसरे के विरोध में हो रहे बयानों में काफी बड़े बदलाव होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। भारत ने हमारी ज़मीन पर घुसपैठ की है, यह आरोप लगाकर चीन अपनी एक इंच ज़मीन भी भारत को प्राप्त करने नहीं देंगे, ऐसे दावे कर रहा है। इसी बीच भारत चीन को स्पष्ट शब्दों में परिणामों का अहसास करा रहा है। सीमा विवाद के जारी रहते भी भारत और चीन सहयोग कर सकते हैं, ऐसा चीन का कहना है। लेकिन, द्विपक्षीय सहयोग के लिए सीमा पर सलोखा अपेक्षित होने का इशारा भारत दे रहा है।

लद्दाख के ‘एलएसी’ पर चीन का अड़ियल रवैया कायम रहा तो अगले दिनों में चीन को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह अहसास भारत अलग अलग मार्ग से चीन को करा रहा है। लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तैनात भारतीय सेना की तैयारी और क्षमता साबित हुई है और इससे चीन को बड़ा झटका लगने की बात भी सामने आ रही है। खास तौर पर लद्दाख के मौसम का मुकाबला करना चीनी सैनिकों के लिए बड़ी चुनौती साबित हुई थी। इसी वजह से चीन अब अपनी सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए तिब्बत के युवाओं को सेना में भर्ती करा रहा है। इनका इस्तेमाल करके इस क्षेत्र में अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए हो रही चीन की कोशिशों का संज्ञान भारत के रक्षाबलप्रमुख ने भी लिया था। इसके ज़रिये चीन ने अपनी सेना की अक्षमता स्वीकारी है, ऐसे संकेत रक्षाबलप्रमुख ने दिए थे।

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