सौदी-रशिया ईंधन समझौते के कारण सिरिया का संघर्ष और भड़क उठेगा

विश्लेषकों का दावा

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ईंधन के दाम स्थिर रखने पर रशिया और सौदी अरेबिया का एकमत हुआ है। सिरिया और ईरान के मामले में परस्परविरोधी भूमिका अपनानेवाले रशिया और सौदी के बीच के इस सहयोग की ओर ज़रासा अचरज के साथ ही देखा जा रहा था। लेकिन यह सहयोग केवल ईंधन के दाम स्थिर रखने तक ही सीमित रहेगा। इस ‘सीमित सहयोग’ के कारण दोनों देशों को सिरिया के संघर्ष में उतरने के लिए आवश्यक रहनेवाली ‘स्थिरता’ प्राप्त होगी और इसी कारण रशिया एवं सौदी के बीच का यह ईंधनविषयक सहयोग सिरिया में चल रहे संघर्ष को भड़कानेवाला साबित होगा, ऐसा दावा पश्चिमी देशों के विश्लेषकों ने किया है।

‘सौदी तथा रशिया के बीच, ईंधन का उत्पादन स्थिर रखने पर हुआ एकमत, ईंधन के दाम स्थिर रखने के लिए या बढ़ाने के लिए उपयुक्त साबित हो सकता है। इससे दोनों देशों को, सिरिया में चल रहा ‘प्रॉक्सी वॉर’ जारी रखने के लिए अतिरिक्त निधि और स्थिरता प्राप्त होगी। ये दोनों घटक सिरिया का संघर्ष अधिक ही तीव्रता से भड़कानेवाले साबित होंगे, ऐसा दावा सिंगापुर के विश्लेषक जेम्स डॉर्सी ने किया है

लंडनस्थित ‘आयएचएस ग्लोबल इनसाईट’ के वित्तविशेषज्ञ लिलिट गेवर्गिआन ने रशिया और सौदी अरेबिया की, सिरिया और ईरान के बारे में परस्परविरोधी भूमिकाएँ रहते हुए भी, ईंधन के मुद्दे पर उनका एकमत होना यह अचरजभरी बात है, ऐसा मत व्यक्त किया है। लेकिन उसी समय, ‘इस संदर्भ में हुआ निर्णय यह इस बात को दर्शाता है कि रशिया तथा सौदी ने आर्थिक हितसंबंध और विदेशव्यवहार नीति ये दोनो बातें अलग रखने का रवैया अपनाया है’ ऐसा दावा भी उन्होंने किया।

रशिया तथा सौदी अरेबिया इन दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को, ईंधन के दामों में हुई गिरावट के कारण बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।

त्पादन स्थिर रखने का निर्णय उसीमें से उद्भवित हुआ होने की संभावना पॉल सुलिव्हन इस अमरिकी विश्लेषक ने व्यक्त की है।

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रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव्ह ने भी, ईंधन पर हुआ निर्णय यह केवल समान हितसंबंधों तक ही सीमित रहने की संभावना की स्पष्ट रूप में पुष्टि की है। ‘ईंधन के मुद्दे पर हुए एकमत का, सिरिया में रहनेवाले मतभेद मिटाने के साथ कोई ताल्लुक नही है। ये दोनों मुद्दें बिलकुल अलग हैं’ ऐसा पेस्कोव्ह ने स्पष्ट किया।

रशिया ने गत कुछ महीनों में, सिरिया में बड़े पैमाने पर हवाई हमलें किये होकर, ये हमलें सत्ताधारी अस्साद की हुक़ुमत का स्थान अधिक ही मज़बूत बनानेवाले साबित हुए है। वहीं, इन हमलों के कारण भड़क उठे सौदी अरेबिया तथा तुर्की ने, सिरिया में लष्करी कार्रवाई की तैयारी की है। सौदी अरेबिया ने अपने लड़ाक़ू विमान तुर्की में तैनात किये होकर, किसी भी पल कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी है।

इस पार्श्वभूमि पर शुक्रवार को रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन एवं सौदी अरेबिया के किंग सलमान बिन अब्दुलअझिझ अल सौद के बीच दूरभाष पर चर्चा हुई होने की जानकारी रशिया द्वारा दी गयी है। इस चर्चा में, सिरिया, आखाती देश और उत्तरी अफ़्रिका के मुद्दों पर चर्चा हुई, ऐसा ‘क्रेमलिन’ इस रशिया के प्रशासकीय मुख्यालय के द्वारा बताया गया। रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने सौदी के किंग सलमान बिन अब्दुलअझिझ अल सौद के सामने रशिया का दौरा करने का प्रस्ताव रखा, ऐसा भी बताया गया है।

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