युरोप में पाँच हज़ार आतंकवादी घुसे होने की युरोपोल की चेतावनी

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युरोपीय देशों की सुरक्षा को बहुत बड़ा ख़तरा निर्माण हुआ होकर, युरोप मे पूरे पाँच हज़ार आतंकवादी दाख़िल हुए हैं, ऐसी गंभीर चेतावनी ‘युरोपोल’ इस संगठन ने दी है। युरोपीय महासंघ की पुलीसयंत्रणा के रूप मे जाने जानेवाले ‘युरोपोल’ के प्रमुख ने अपनी चेतावनी में, ‘आयएस’ यह आतंकवादी संगठन युरोप में हमलें कर सकता है, ऐसा ज़ोर देकर कहा है। गत कुछ दिनों में युरोप में दाख़िल होनेवाले निर्वासितों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही होकर, उनकी आड़ लेकर आतंकवादी बड़े पैमाने पर दख़िल हो रहे हैं, ऐसा इस चेतावनी में कहा है।

‘आयएस’ इस आतंकवादी संगठन में शामिल हुए तक़रीबन पाँच हज़ार आतंकवादी युरोप में दाख़िल हो चुके हैं। इस कारण युरोप की सुरक्षा ख़तरे में पड़ चुकी होकर, युरोपीय देशों के लिए इस दशक का सबसे बड़ा ख़तरा पैदा हुआ है। ‘आयएस’ या अन्य आतंकवादी संगठन युरोप में कहीं पर भी बड़े हमलें कर कइयों की जानें ले सकते हैं, ऐसी चेतावनी युरोपोल के प्रमुख रॉब वेनराईट ने दी। युरोपीय देशों में ‘आयएस’ के आतंकियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही होकर, यह विस्तार महासंघ के सामने नया संकट खड़ा करनेवाला है, ऐसा भी उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा।

पिछले हफ़्ते ही अमरीका की गुप्तचरयंत्रणा तथा फ़्रेंच प्रधानमंत्री ने ‘आयएस’ के बढ़ते प्रभाव के संदर्भ में तथा यह ख़तरनाक़ संगठन अगले साल में हमले करने की संभावना को लेकर चेतावनियाँ दी थीं। उसके पीछे पीछे ही युरोपोल जैसे प्रमुख संगठन से आयी यह चेतावनी, आतंकवादी हमलों की संभावना अधिक ही बढ़ी होने के संकेत देनेवाली है।

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गत वर्ष के १३ नवम्बर को फ़्रान्स की राजधानी पॅरिस पर ‘आयएस’ ने भीषण आतंकवादी हमले किये थे। उन हमलों में १३० लोगों की मौत हुई थी और लगभग ४०० लोग घायल हुए थे। यह हमला करके ‘आयएस’ ने फ़्रान्स सहित पूरी दुनिया को झटका दिया था। पॅरिस पर हुए इस आतंकवादी हमले के बाद फ़्रान्स सहित युरोपीय देशों के हालात तेज़ी से बदलते जा रहे दिखायी दे रहे हैं।

कुछ दिन पूर्व, जर्मनी के म्युनिक में एक सुरक्षाविषयक परिषद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री वॉल्स ने, ‘फ़्रान्स ने आतंकवादियों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ा है’ यह कहा था। साथ ही, ‘फ़्रान्स को आनेवाले समय में आतंकवादी कार्रवाइयों के ख़तरे का सामना करना पड़ेगा और यह ख़तरा लंबे समय तर क़ायम रहेगा’ इन शब्दों में प्रधानमंत्री मॅन्युअल वॉल्स ने फ़्रेंच जनता को वास्तव का एहसास करा दिया था।

उसके बाद केवल फ़्रान्स ही नहीं, बल्कि अन्य युरोपीय देशों की यंत्रणाएँ भी आतंकवादी हमले की संभावना के संदर्भ में सतर्क बनीं होकर, इन देशों ने सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कदम उठाये हुए दिखाई दे रहे है। कई युरोपीय देशों ने सुरक्षा का मुद्दा आगे कर निर्वासितों पर पाबंदियाँ लगाने की शुरुआत की होकर, लष्कर तथा सुरक्षायंत्रणाओं की अतिरिक्त तैनाती शुरू की है।

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