ऊर्जा संकट की पृष्ठभूमि पर युरो का मूल्य दो दशकों के न्यूनतम स्तर पर – मंदी की संभावना बढ़ने का विश्लेषकों का दावा

ऊर्जा संकटब्रुसेल्स – रशिया-युक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर युरोप का ऊर्जा संकट अधिक तीव्र होने के संकेत मिल रहे हैं। इसका झटका युरो करेंसी को भी लगा होकर, मंगलवार को युरो अमरिकी डॉलर की तुलना में दो दशकों के न्यूनतम स्तर तक गिर गया। आनेवाले समय में युरो का मूल्य अधिक फिसल सगता है, ऐसा अनुमान अमरिकी वित्तसंस्था ‘सिटीबँक’ ने जताया है। ऊर्जा संकट समेत युरो के यह नयी गिरावट, युरोप में मंदी की संभावना अधिक बढ़ने के संकेत दे रही होने का दावा विश्लेषकों ने किया।

मंगलवार को हुए व्यवहारों में युरो का मूल्य एक प्रतिशत से फिसलकर 0.9905 डॉलर्स तक नीची आया। यह सन 2002 के बाद का सबसे न्यूनतम स्तर साबित हुआ है। युरो की इस गिरावट के पीछे रशिया-युक्रेन युद्ध, ऊर्जा संकट, भड़की हुई महँगाईचा, चीन की अर्थव्यवस्था को लगे हुए झटके और अमरीका के सेंट्रल बैंक ने बढ़ायी हुईं दरें इन जैसे घटक कारण बनने की बात बतायी जाती है। युरो के साथ साथ ब्रिटीश पौंड तथा चीन के युआन के मूल्य में भी गिरावट आयी है।

ऊर्जा संकटरशिया-युक्रेन युद्ध में युक्रेन का समर्थन करनेवाले युरोपीय देशों ने रशिया पर ज़बरदस्त प्रतिबंध लगाये हैं। इन प्रतिबंधों का झटका युरोपियन देशों को लगने की शुरुआत हुई है। युरोप में रिकार्ड़ स्तर पर महँगाई भड़की है। ईंधन और बिजली की दरों में सालभर में दोगुनी से अधिक वृद्धि हुई है। उसी समय युरोप का सबसे बड़ा व्यापारी साझेदार होनेवाले चीन की अर्थव्यवस्था को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। इसके भारी परिणाम युरोपीय देशों पर दिखायी दे रहे हैं।

ऊर्जा संकट

युरोप की प्रमुख अर्थव्यवस्था होनेवाले जर्मनी, फ्रान्स और इटली जैसे देशों की निर्यात में गिरावट आयी है। पिछले दो महीनों से युरोप के उत्पादन क्षेत्र में भी गिरावटा आ रही होकर, इस क्षेत्र का निर्देशांक फ़रवरी 2021 के बाद के न्यूनतम स्तर पर गया है। दूसरी ओर अमरीका ने महँगाई का मुक़ाबला करने के लिए ब्याजदरों में तक़रीबन दो प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे अमरिकी डॉलर में निवेश अधिक बढ़ा होकर, उसका झटका युरो करेंसी को लगा है। आनेवाले दौर में युरो अमरिकी डॉलर की तुलना में अधिक फिसलेगा, ऐसा अनुमान अमरिकी वित्तसंस्था ने जताया है।

ऊर्जा संकट की बढ़ती व्याप्ति, भड़की हुई महँगाई, उत्पादन और निर्यात को लगा झटका और अब युरो करेंसी में आयी गिरावट ये घटक यही संकेत दे रहे हैं कि युरोपीय महासंघ की अर्थव्यवस्था मंदी में जाने की संभावना है, ऐसा दावा विश्लेषकों द्वारा किया जा रहा है। जर्मनी के सेंट्रल बैंक ने भी इसकी पुष्टि की होकर, जर्मन अर्थव्यवस्था मंदी की राह पर चल रही है ऐसा कहा है।

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