यूरोपिय देशों को बगैर अमरिकी प्रभाव की नाटो आवश्यक – हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन

बुडापेस्ट – यूरोपिय देशों को बगैर अमरिकी प्रभाव की नाटो की आवश्यकता है, ऐसा इशारा हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने दिया है। एक स्विस पत्रिका को दिए साक्षात्कार में ऑर्बन ने यह बयान किया। यूरोप जीत हासिल नहीं कर सकता ऐसी जंग में अमरीका इसे खींच रही हैं, यह आरोप भी ऑर्बन ने इस दौरान लगाया।

अमरिकी प्रभाव‘अमरीका को अपना प्रभाव अधिक बढ़ाना हैं। इसी इरादे की वजह से फिलहाल पश्चिमी देश और रशिया के बीच तनाव निर्माण हुआ है। नाटो में फिलहाल अमरीका का शब्द निर्णायक समझा जाता है। यूरोपिय देश अमरीका के निर्णयों के सामने ही गर्दन हिलाते हैं’, इन शब्दों में ऑर्बन ने नाटो अब अमरिकी गुट बना होने का एहसास भी कराया।

इससे यूरोप को मुक्त होना है तो यूरोप को स्वतंत्र सैन्य गठबंधन की आवश्यकता है। यूरोपिय देशों ने बगैर अमरिकी प्रभाव का सैन्य गुट स्थापीत करने की ज़रूरत हैं, ऐसा दावा हंगरी के प्रधानमंत्री ने किया। ‘यूरोपियन नाटो ही इसका जवाब हो सकता हैं’, यह भी ऑर्बन ने कहा। नाटो ने जॉर्जिआ और यूक्रेन की ओर बढ़ाए कदम रशिया के लिए चिंता का विषय होने पर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने आर्थिक प्रावधानों के मुद्दे पर नाटो से बाहर होने की चेतावनी दी थी। इसी बीच दूसरी ओर यूरोप के शीर्ष देश जर्मनी और फ्रान्स ने यूरोप की स्वतंत्र सेना स्थापित करने के संकेत दिए थे। इस प्रस्ताव का ब्रिटेन ने विरोध किया था। लेकिन, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने इसके लिए पहल की हैं और अभी भी यह कोशिश जारी होने की बात कही जा रही है। 

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