युरोप को खतरनाक ठंड़ का सामना करना होगा – अमरिकी उद्यमी बिल गेटस्‌ की चेतावनी

वॉशिंग्टन – युरोपीय देश रशियन ईंधन पर बनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहे हैं, फिर भी मौजूदा स्थिती के मद्देनज़र युरोप को इस साल ठंड़ के मौसम में खतरनाक स्थिति का सामना करना होगा, ऐसी चेतावनी अमरीका के अग्रिम उद्यमी बिल गेटस्‌ ने दी। रशिया ने युरोप को हो रही अधिकांश ईंधन वायु की आपूर्ति रोक दी है। रशिया से युरोप पहुँच रहीं एकमात्र ईंधन पाइपलाइन फिलहाल शुरू है, मग़र इससे हो रही आपूर्ति भी कम करने के संकेत रशिया ने दिए हैं। इस पृष्ठभूमि पर, गेटस्‌ की यह चेतावनी ध्यान आकर्षित कर रही है।

ठंड़ का सामनारशिया-युक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर युरोपीय देशों ने रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाए थे। इसमें रशिया के ईंधन क्षेत्र का भी समावेश था। युरोप के इन प्रतिबंधों के जवाब में रशिया ने युरोपीय देशों की ईंधन सप्लाई कम करना शुरू किया। रशिया से युरोप पहुँच रहीं अधिकांश ईंधन पाइपलाइन से होनेवाली आपूर्ति रोक दी गई हैं। सिर्फ ‘साऊथ स्ट्रीम’ पाइपलाइन से तुर्की और कुछ युरोपीय देशों की ईंधन सप्लाई शुरू है। लेकिन, इसकी मात्रा भी कम करने के संकेत रशिया ने दिए हैं।

ठंड़ का सामनारशिया से हो रहीं ईंधन आयात कम करने के लिए, युरोपीय देशों ने अमरीका और खाड़ी एवं अफ्रीकी देशों से समझौते किए हैं। लेकिन, ये समझौते रशियन ईंधन की कमी पूरी नहीं कर सकते, यह बात स्पष्ट तौर पर सामने आयी है। इस वजह से इस साल की ठंड़ मे युरोपीय जनता को बड़ी मुश्‍किलों का सामना करना होगा, यह समझा जा रहा है। बिल गेटस्‌ का बयान भी इसकी पुष्टि करता हैं। गेटस्‌ ने ‘ब्लूमबर्ग’ नामक शीर्ष वेबसाईठ को दिए साक्षात्कार के दौरान, इस साल युरोप में ठंड़ का मौसम खतरनाक यानी ‘स्केरी विंटर’ होगा, यह इशारा दिया।

ठंड़ का सामना‘ईंधन वायु की कीमतें भारी उछाल पर हैं और युरोपीय जनता ईंधन के लिए इतना खर्च उठाने के लिए सक्षम नहीं। इस वजह से ठंड़ के मौसम में युरोपयन नागरिक अपना घर पर्याप्त मात्रा में गरम नहीं रख सकेंगे। युरोप के उद्योग को भी ईंधन वायु का इस्तेमाल रोकना पड़ेगा, ऐसी संभावना है और जनता एवं उद्योगक्षेत्र इसके लिए तैयार हैं ऐसा महसूस नहीं होता’, यह दावा गेटस्‌ ने किया। ठंड़ अगर कड़ी होती है, तो युरोप में ईंधन वायु की ज़रूरत बढ़कर तिगुनी हो सकती है, इसपर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

युरोपीय देश ईंधन के और विकल्प एवं हरित ईंधन पाने की कोशिश कर रहे हैं, फिर भी उन्हें इसे पाने के लिए कई साल लगेंगे। उतने दौर में युरोपीय देश रशियन ईंधन की निर्भरता कम नहीं कर सकते, ऐसी चेतावनी भी उन्होंने दी। युरोप के लिए रशियन ईंधन को नकारने के लिए कम से कम १० साल लगेंगे, इसका अहसास भी गेटस्‌ ने इस दौरान कराया।

इसी बीच, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन करीबी समय में कुछ अकल्पित कदम उठाने की संभावना है और इसका वैश्‍विक ईंधन बाज़ार पर बड़ा असर हो सकता है, ऐसा अनुमान पश्‍चिमी विश्‍लेषकों ने व्यक्त किया है।

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