पाँच लाख अफगानी शरणार्थी युरोप में धड़कने की तैयारी में – ब्रिटेन की गृहमंत्री ने जताई चिंता

5-lac-afghan-migrants-europe-2लंडन – तालिबान की हुकूमत के कारण अफगानिस्तान से भागे हुए पाँच लाख से अधिक अफगानी शरणार्थी युरोपीय देशों की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रिती पटेल ने अफगानी शरणार्थियों के इस समूह पर चिंता व्यक्त की होकर, उन्हें रोकने के लिए ‘फाईव्ह आईज्’ देशों के नेताओं के साथ चर्चा की। इन समूहों को अगर समय पर ही नहीं रोका गया, तो आनेवाले समय में ब्रिटेन को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, ऐसा ब्रिटेन की सरकार के सूत्रों का कहना है।

पिछले साल अगस्त महीने में तालिबान ने काबुल पर कब्जा करने के बाद भयभीत हुए लाखों अफगानियों ने वह देश छोड़ा था। इनमें से 22 लाख शरणार्थी, अफगानिस्तान के पड़ोसी देश होनेवाले पाकिस्तान और ईरान में होने का दावा किया जाता है। वहीं, लाखों शरणार्थी मध्य एशिया तथा खाड़ी क्षेत्र के देशों से होकर युरोपीय देशों के लिए निकले थे।

अफगानिस्तान से बाहर निकले लगभग पाँच लाख शरणार्थी आने वाले कुछ महीनों में यूरोप में घुसपैठ करेंगे, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संगठन ने पिछले साल ही दी थी। शरणार्थियों के यह झुंड अब यूरोपीय देशों के नजदीक आकर पहुंचे होने की चेतावनी ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणा ने दी है। उसके बाद पिछले हफ्ते में ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रिती पटेल ने ‘फाईव्ह आईज्’ देशों के मंत्रियों की इमरजेंसी बैठक बुलाई।

5-lac-afghan-migrants-europe-1ब्रिटेन समेत अमरीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूझीलंड इन पाँच देशों की गुप्तचर यंत्रणाओं का समावेश होनेवाले इस संगठन के सामने पटेल ने, इन समूहों को रोकने के लिए उपाययोजना बनाने के बारे में चर्चा की। पूर्वी युरोप का बेलारूस यह देश इन अफगानी शरणार्थियों का हथियार जैसा इस्तेमाल कर रहा होने की चिंता ब्रिटेन को सता रही है। बेलारूस इन शरणार्थियों को पोलैंड और लिथुआनिया इन देशों की सीमाओं को लाँघकर युरोप में घुसपैठ करने के लिए उकसा रहा होने का आरोप किया जाता है।

युरोप में दाखिल हुए शरणार्थी बड़ी संख्या में ब्रिटेन में घुसपैठ कर रहे होने की चिंता ब्रिटिश यंत्रणाएँ व्यक्त कर रहीं हैं। पिछले साल ब्रिटेन में 28 हज़ार से अधिक शरणार्थी आ धमके थे। वहीं, इस साल केवल जनवरी महीने में ही 1,341 शरणार्थी कॅलेस की खाड़ी पार करके ब्रिटेन के किनारे तक पहुँचे होने का दावा ब्रिटिश यंत्रणाएँ कर रहीं हैं। यह बहुत ही गंभीर बात होकर, अफगानी शरणार्थियों के ये समूह ब्रिटेन के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं। अगर समय पर ही उन्हें नहीं रोका गया, तो वे ब्रिटेन के सामने गंभीर समस्याएँ पैदा कर सकते हैं, ऐसी चेतावनी दी जाती है।

बता दें, तालिबान की हुकूमत आने के बाद पश्चिमी देशों ने अफगानिस्तान की निधि को रोका है। इससे अफ़गानियों की मुश्किलें बढ़ रहीं होकर, अगर पश्चिमी देशों ने अफगानिस्तान की निधि खुली नहीं की, तो शरणार्थियों के झुंड अमरीका और युरोप पर छोड़ने की चेतावनी तालिबान ने कुछ महीने पहले दी थी।

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