चीन के ‘बीआरआय’ के विरोध में युरोपीय महासंघ अफ्रीका में करेगा १५० अरब डॉलर्स का निवेश

१५० अरब डॉलर्स का निवेशब्रुसेल्स/बीजिंग – हाँगकाँग, झिंजियांग एवं ताइवान-लिथुआनिया के मुद्दों पर युरोप और चीन के बीच बने तनाव में अब नई बढ़ोतरी हुई है। युरोपीय महासंघ ने चीन के महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ को चुनौती देने के लिए अफ्रीकी महाद्वीप में भारी १५० अरब डॉलर्स का निवेश करने का ऐलान किया है। गुरुवार को युरोपियन कमिशन ने इसका ऐलान किया और यह महासंघ के ‘ग्लोबल गेटवे’ उपक्रम का हिस्सा होगा, यह भी स्पष्ट किया गया है।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने पिछले दशक में महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ (बीआरआय) योजना का ऐलान किया था। अलग अलग देशों में बुनियादी सुविधाओं के माध्यम से चीन का प्रभाव बढ़ाना, यही इस योजना का मुख्य उद्देश्‍य था। पिछले कुछ सालों में चीन ने इस योजना को अपनी शिकारी अर्थनीति का हिस्सा बनाया हैं और गरीब एवं पिछड़े देशों की साधन सम्पत्ति पर जबरन कब्ज़ा करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा हैं। इसका सबसे अधिक नुकसान अफ्रीकी महाद्वीप के देशों को पहुँचा होने की बात समझी जा रही है।

१५० अरब डॉलर्स का निवेशचीन ने ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ के तहत अफ्रीका में १०० अरब डॉलर्स से भी अधिक निवेश किया है। इसमें सबसे अधिक मात्रा चीन के बैंकों ने प्रदान किए कर्ज की हैं। इस कर्ज का भुगतान करने के बदले में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने अफ्रीका के बंदरगाह, हवाई अडड्डे एवं खदानों पर कब्ज़ा करना शुरू किया हुआ दिख रहा है। भुगतान ना होने पर अथवा योजना के अनुसार कब्ज़ा ना होने पर चिनी बैंकों ने प्रकल्प आधे में छोड़ना शुरू किया है, यह भी अब स्पष्ट हो रहा है।

१५० अरब डॉलर्स का निवेशकुछ दिन पहले ही चिनी बैंकों ने नाइजीरिया का रेल प्रकल्प आधे में छोड़ देने की बात स्पष्ट हुई थी। चिनी बैंकों के इन्कार के कारण नाइजीरिया ने प्रकल्प पूरा करने के लिए युरोप से सहायता माँगने की खबर भी प्राप्त हुई है। इस पृष्ठभूमि पर, युरोपीय महासंघ ने अफ्रीका में १५० अरब डॉलर्स निवेश करने का ऐलान करना अहमियत रखता है। ‘ग्लोबल गेटवे’ उपक्रम की जानकारी प्रदान करते हुए महासंघ के अधिकारियों ने भी अफ्रीकी देशों को प्राथमिकता देने के संकेत दिए थे।

दो वर्ष पहले जापान ने ‘पार्टनरशिप फॉर क्वालिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर’ नामक कार्यक्रम से चीन की ‘बीआरआय’ को चुनौती दी थी। ऑस्ट्रेलिया और न्यूझीलैण्ड ने भी पैसिफिक क्षेत्र के छोटे ‘आयलैण्ड नेशन्स’ के लिए स्वतंत्र आर्थिक सहायता का ऐलान किया था। इसके बाद जून महीने में ‘जी ७’ गुट ने ‘बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड’ (बी ३ डब्ल्यू) कार्यक्रम का ऐलान करके चीन को बड़ा झटका दिया था। इसके बाद अब युरोप ने अफ्रीका के लिए बड़े निधी का ऐलान करके, चीन की शिकारी आर्थिक नीति को बड़ा झटका दिया हुआ दिख रहा है।

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