रशियन आक्रमण का मुकाबला करने के लिए इस्टोनिया में भव्य सील २०१८ युद्धाभ्यास की शुरुआत

१९ नाटो देशों के १५ हजार से अधिक सैनिकों का सहभाग

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

तालीन – रशियन सीमा से जुड़े हुए बाल्टिक देशों का भाग होनेवाले इस्टोनिया में बुधवार से सील २०१८ यह व्यापक युद्धाभ्यास शुरू हुआ है। रशिया और बेलारूस में हुए आक्रमण यह इस युद्धाभ्यास की मध्यवर्ती संकल्पना होकर उसमें इस्टोनिया के साथ १९ नाटो देशों के १५००० से अधिक सैनिक शामिल हुए हैं। इस्टोनिया ने अपने लष्करी टुकड़ियों के साथ, निमलष्करी दल, पुलिस एवं नागरी सुरक्षा दल भी इस युद्धसराव मे उतारे हैं, जिससे यह युद्धाभ्यास ध्यान केंद्रित करने वाला साबित हुआ है।

इस्टोनिया में १९९१ वर्ष के बाद इतने बड़े तादाद में होनेवाला सील २०१८ पहला बड़ा युद्धाभ्यास है। इस्टोनिया की जनसंख्या लगभग १३ लाख होकर इस युद्धाभ्यास के लिए सैनिकोंसमेत लगभग १३ हजार लोगों को शामिल किया गया हैं। इस्टोनिया की सीमा रशिया से जुड़ी होने से इतनी बड़ी तादाद में आयोजित इस युद्धाभ्यास को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सील २०१८, युद्धाभ्यास, इस्टोनिया, रशिया, आक्रमण, तालीन, नाटो

इस्टोनिया के व्यतिरिक्त अमरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रान्स, लाटविया जैसे १८ देशों के २००० से अधिक सैनिक सिल २०१८ युद्धाभ्यास में शामिल हुए हैं। अमरिका के यूएच-६० ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर तथा फ्रान्स के मिराज-२००० और पोलैंड के सुखोई-२२ लड़ाकू विमान भी युद्धाभ्यास में दाखिल हुए हैं। इस्टोनिया की जनता अपने बचाव के लिए सिद्ध हुई है, ऐसे शब्दों में इस्टोनिया के प्रधानमंत्री जुरी रातास ने युद्धाभ्यास का समर्थन किया है।

२ मई से शुरू हुआ यह युद्धाभ्यास १३ मई तक चलेगा और उसका थोड़ा हिस्सा लाटविया में आयोजित होगा ऐसी जानकारी नाटो से दी गई है। रशिया के बढ़ते खतरे की वजह पृष्ठभूमि पर लाखों ने इस वर्ष में विविध यूरोपियन देशों में बड़ी तादाद में युद्धाभ्यास का आयोजन किया है।

इस्टोनिया में युद्धाभ्यास शुरू होते समय रशिया के लड़ाकू विमानों ने बाल्टिक सी क्षेत्र में अमरिका के गश्ती विमान के पास से खतरनाक तरिके से उड़ान भरी है, ऐसी जानकारी सामने आई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.