‘वुल्फ वॉरिअर डिप्लोमसी’ चीन को महँगी पड़ेगी – पूर्व राजदूत की आलोचना

बीजिंग – अमरीका में नियुक्त चीन के पूर्व राजदूत कुई तिआन्की ने चीन की हुकूमत द्वारा इस्तेमाल की जानेवाली ‘वुल्फ वॉरिअर डिप्लोमसी’ की आलोचना की है। क्रोध और टक्करें मारने पर आधारित यह युद्ध चीन को सहायकारी साबित नहीं होगा, ऐसा दावा पूर्व राजदूत ने किया। अमरीका के साथ बने संबंधों में ‘वुल्फ वॉरिअर डिप्लोमसी’ का इस्तेमाल न करते हुए, परिस्थिति को अधिक सावधानी से हैंडल करना होगा, ऐसी सलाह भी उन्होंने दी है। तिआन्की ये चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के विश्वसनीय अधिकारी के रूप में जाने जाते होने के कारण, उन्होंने की हुई आलोचना गौरतलब साबित हुई है।

wolf-warrior-diplomacy-chinaकुई तिआन्की ये 2013 से 2021 ये 8 साल अखंडित रूप में चीन के अमरीका में नियुक्त राजदूत के रूप में कार्यरत थे। अमरीका के तीन राष्ट्राध्यक्षों का कार्यकाल नज़दीकी से देखनेवाले चिनी राजदूत के रूप में वे जाने जाते हैं। ट्रम्प के अमरिकी राष्ट्राध्यक्षपद के कार्यकाल के दौरान, तिआन्की के कार्यकाल को चीन द्वारा बढ़ाया गया था। अमरीका में सर्वाधिक समय तक सक्रिय रहनेवाले चिनी राजदूत के रूप में तिआन्की को चीन के राजनीतिक दायरे में विशेष स्थान है। इस पृष्ठभूमि पर उन्होंने चीन में एक अनौपचारिक कार्यक्रम में चीन की ही राजनयिक नीति पर की आलोचना महत्त्वपूर्ण साबित होती है।

‘जिस युद्ध की हमने तैयारी ही नहीं की है और जो युद्ध जीतने की गारंटी नहीं है, वह युद्ध केवल भावनाओं के ज़ोर पर लड़ने में कोई भी मतलब नहीं है। यह केवल क्रोध का प्रदर्शन और टक्करें मारने की वृत्ति का निदर्शक साबित होता है। हमने जो कुछ हासिल किया है, उसे दूसरों की वजह से गँवाना नहीं चाहिए। अपनी लापरवाही अथवा अकार्यक्षमता के कारण नुकसान ना होने दें। ऐसी पेचिंदा परिस्थिति में हमें हमेशा ही देश के व्यापक हित को मद्देनज़र रखना होगा। केवल इंटरनेट सेलिब्रिटी बनने की कोशिश ना करें’, इन शब्दों में कुई ने चीन के राजनयिक अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले आक्रमक बयानों को लक्ष्य किया।

अमरीका द्वारा दिए जानेवाले उकसावों में बह जाना चीन को रोकना होगा, ऐसी सलाह दी पूर्व राजदूत ने दी है। इन ने अमरीका के साथ बने संबंधों में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है, ऐसा भी कुई तिआन्की ने जताया। ‘अमरिकी प्रतिबंधों को जैसे को तैसा प्रत्युत्तर देने के बजाय चीन की हुकूमत ने अधिक दूरदर्शी नीति अपनाने की आवश्यकता है। चीन में आए अमरिकी उद्योग और कंपनियों को चीन में ही रखने के प्रयास करने पड़ेंगे। अमरिकी प्रशासन ने उन्हें नियमों में उलझाकर चीन छोड़कर स्वदेश आने पर मजबूर करना उचित नहीं होगा’, इन शब्दों में कुई ने चिनी नीति की कड़ी आलोचना की।

पिछले कुछ सालों में चीन के विदेशस्थ राजदूत, वरिष्ठ राजनीतिक अधिकारी और नेता बहुत ही जहाल भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। पश्चिमी देशों समेत अन्य किसी भी देश ने चीन के विरोध में फ़ैसला करने पर, उसकी आक्रमक शब्दों में आलोचना करके धमकाया जा रहा है। चीन की यह नीति ‘वुल्फ वॉरिअर डिप्लोमसी’ के नाम से जानी जाती है और इसके पीछे जिनपिंग की आग्रही भूमिका ही कारणीभूत है, ऐसा माना जाता है। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता यांग जिएची और विदेश मंत्री वँग यी इस ‘वुल्फ वॉरिअर डिप्लोमसी’ के पुरस्कर्ता बताए जाते हैं। 

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