‘इजिप्ट’ ने ‘ब्रिक्स’ की सदस्यता की अर्जी दाखिल की – रशिया के राजदूत की साझा जानकारी

कैरो/मास्को – इजिप्ट ने ‘ब्रिक्स’ का हिस्सा होन के लिए अर्जी दाखिल की है। इजिप्ट में नियुक्त रशिया के राजदूत जॉर्जी बोरिसेन्सो ने रशियन वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार के दौरान यह जानकारी साझा की। अमरीका और अन्य पश्चिमी देशों के वर्चस्व को चुनौती दे रहे रशिया, भारत, चीन, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका इन पांच देशों के प्रभावी गुट के तौर पर ‘ब्रिक्स’ की पहचान बनी है। इस वजह से पश्चिमियों के वर्चस्व की दाहकता महसूस कर रहे लैटिन अमरीका, अफ्रीका, खाड़ी और आग्नेय एशिया के १९ देशों ने ‘ब्रिक्स’ की सदस्यता पाने की तैयारी दर्शायी है। इनमें सौदी अरब का समावेश होने की बात कही जा रही है। लेकिन, सौदी से भी पहले इजिप्ट ‘ब्रिक्स’ का हिस्सा होने के लिए पहल करते दिख रहा है।

‘ब्रिक्स’ ने शुरू किए कुछ उपक्रमों से जुड़ने की इच्छा इजिप्ट रखता है। ‘ब्रिक्स’ सदस्य देश व्यापार के लिए मुद्रा का नया विकल्प अपनाने के लिए पहल कर रहे हैं। सदस्य देशों के राष्ट्रीय मुद्रा एवं संभावित नई मुद्रा पेश करने की गतिविधियां हो रही है। इस उपक्रम से मेल करने के लिए इजिप्ट उत्सुक हैं और उसने ब्रिक्स का हिस्सा होने के लिए अर्जी दाखिल की है’, ऐसी जानकारी रशिया के राजदूत जॉर्जी बोरिसेन्को ने ‘तास’ वृत्तसंस्था से साझा की।

फ़रवरी महीने में इजिप्ट ने ‘ब्रिक्स’ देशों के साथ इस मुद्दे पर अधिकृत स्तर पर खत के जरिये संवाद किया था, इसपर भी रशियन राजदूत ने ध्यान आकर्षित किया। इजिप्ट को सदस्य के तौर पर शामिल करने के लिए रशिया ने समर्थन दिया है, यह भी बोरिसेन्को ने स्पष्ट किया। लगभग १.८ ट्रिलियन डॉलर्स की अर्थव्यवस्था बना इजिप्ट विश्व में प्रमुख २० अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं। अफ्रीका की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बना इजिप्ट ‘ट्रान्सनैशनल कंट्री’ (अफ्रिका और एशिया इन दोनों महाद्विपों का हिस्सा) के तौर पर जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे समुद्री व्यापार की रीड़ कही जा रही सुएझ नहर इजिप्ट का ही अंग है।

अफ्रीकी महासंघ के साथ अरब लीग और ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन इन वैश्विक स्तर की प्रमुख संगठनों के संस्थापक देशों में इजिप्ट का समावेश होता है। इस वजह से अफ्रीकी महाद्वीप के साथ अरब जगत में इजिप्ट एक प्रमुख और प्रभावी देश जाना जाता है। अमरीका के साथ मित्रता के संबंध रखने वाले इस देश ने पिछले कुछ सालों से रशिया और चीन के साथ नज़दिकीयां बढ़ाई थी। इस पृष्ठभूमि पर इजिप्ट ने ‘ब्रिक्स’ में शामिल होने के लिए अधिकृत अर्जी दाखिल करना ध्यान आकर्षित करता है। फ़रवरी महीने में ‘ब्रिक्स’ गुट की बैंक ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ के नए सदस्य के तौर पर इजिप्ट को मंजूरी प्रदान की गई थी। इस वजह से ‘ब्रिक्स’ में इजिप्ट का समावेश तय समझा जा रहा है।

भारत, चीन, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका इन देशों के ‘ब्रिक्स’ संगठन ने पिछले कुछ सालों में अपने विस्तार की बड़ी गतिविधियां शुरू की है। रशिया-यूक्रेन युद्ध और अमरीका से चीन के खिलाफ विभिन्न स्तर पर हो रही कार्रवाई की पृष्ठभूमि पर रशिया और चीन इन दोनों देशों ने ‘ब्रिक्स’ का विस्तार करने के लिए पहल की थी।

पिछले वर्ष नवंबर महीने में रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने ‘ब्रिक्स’ में लगभग १२ से अधिक नए देश शामिल होंगे, ऐसा अनुमान व्यक्त किया था। इनमें सौदी अरब, ईरान, यूएई, अर्जेंटिना, अल्जेरिया, इजिप्ट, बहरीन और इंडोनेशिया का समावेश हैं। इनमें से इजिप्ट ने सदस्यता के लिए अधिकृत अर्जी पेश की है और ईरान एवं सौदी अरब भी इस दिशा में गतिविधियां करने में लगे होने की बात कही जा रही है। ब्रिक्स का यह संभावित विस्तार अमरीका और यूरोपिय देशों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया है।

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