रशिया-चीन के बढ़ते प्रभाव की पृष्ठभूमि पर अमरिकी वित्तमंत्री जैनेट येलेन का अफ्रीका दौरा

डकार/वॉशिंग्टन – चीन और रशिया अफ्रीकी महाद्वीप में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं और इसी बीच अमरिकी वित्तमंत्री जैनेट येलेन अफ्रीका के दौरे पर गई हैं। उनका अफ्रीका दौरा दस दिन का है और इस दौरान वे सेनेगल, ज़ांबिया और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेंगीं। कुछ दिन पहले चीन के विदेश मंत्री किन गैन्ग ने अफ्रीकी देशों का दौरा करके चीन विरोधी नाराज़गी दूर करने की कोशिश की थी। इसके बाद अमरिकी वित्तमंत्री का अफ्रीका का दौरा ध्यान आकर्षित करता है।

चीन ने पिछले दो दशकों में अफ्रीकी महाद्वीप में अपना प्रभाव बढाने में सफलता हासिल की है। इस महाद्वीप में चीन ने अरबों डॉलर्स निवेश किया है और जिबौती जैसे देश में चीन ने विदेश में अपना पहला सैन्य अड्डा स्थापित करके अपनी महत्वाकांक्षा स्पष्ट की है। ‘बेल्ट ऐण्ड रोड इनिशिएटिव’ योजना के तहत भी चीन अफ्रीकी महाद्वीप को प्राथमिकता देता दिखाई दे रहा था। दूसरी ओर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने भी अफ्रीका में प्रभाव बढ़ाने की गतिविधियां शुरू की हैं। ईंधन और रक्षा क्षेत्र के सहयोग के बलबूते पर रशिया ने अफ्रीका के सहयोगी देशों की संख्या बढ़ाना शुरू किया है। रशिया की निजि सुरक्षा कंपनी ‘वैग्नर ग्रूप’ ने अफ्रीका के कुछ देशों में अपने दल तैनात किए हैं और इसके ज़रिये रशिया अपनी नींव अधिक दृढ करने की कोशिश कर रही है।

चीन और रशिया की गतिविधियों की वजह से अमरीका एवं यूरोप का अफ्रीका में प्रभाव घट गया है। अफ्रीकी देश चीन और रशिया की ओर झुककर निर्णय लेते जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संगठन के साथ कई अंतरराष्ट्रीय व्यासपीठों पर अफ्रीकी देशों ने चीन का साथ दिया है। इसी बीच रशिया-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन का पक्ष लेकर उसे सहायता प्रदान करने से अफ्रीकी देशों ने इन्कार किया था। इसकी वजह से अमरीका समेत यूरोपिय देश भी बेचैन हैं और फिर से अफ्रीकी महाद्विप में अपना प्रभाव बढ़ाने की गतिविधियां कर रहे हैं। अमरीका ने पिछले साल अगस्त में स्वतंत्र ‘अफ्रीका स्टैटेजी’ घोषित की थी। उसी के साथ अमरीका की संयुक्त राष्ट्र संगठन में नियुक्त राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड और विदेश मंत्री एन्थनी ब्लिंकन ने अफ्रीका का दौरा किया था। दिसंबर में अफ्रीकी देशों के राष्ट्रप्रमुखों के साथ व्यापक परिषद का भी आयोजन किया गया था।

अमरिकी वित्त मंत्री येलेन के इस अफ्रीका दौरे इसका अगला चरण माना जा रहा है। अमरीका और वैश्विक वित्त संस्थाओं द्वारा अफ्रीका को प्रदान हो रही वित्त सहायता और अन्य सहयोग की अहमियत समझाना ही येलेन के इस दौरे का उद्देश्य बताया जा रहा है। सेनेगल के अपने दौरे में येलेन ने राजनीतिक नेताओं के साथ ही युवा उद्यमी एवं अन्य प्रमुख उद्यमियों से संवाद करने पर जोर दिया। इस दौरान अफ्रीका के युवा वर्ग की बढ़ती मात्रा अफ्रीकी महाद्वीप के विकास में निर्णायक साबित होती है, इसका अहसास भी येलेन ने कराया। साथ ही अफ्रीका को कर्ज के जाल में फंसाने की मंशा वाले चीन की येलेन ने आलोचना की।

‘आकर्षित करने वाले, लेकिन अपारदर्शी समझौतों से अफ्रीकी देश बचें । ऐसे समझौतों में लोगों की सहायता करने का दिखावा किया जाता हो, लेकिन आखिर में ऐसे समझौते असफल ही होते हैं’, ऐसी आलोचना येलेन ने की। साथ ही अफ्रीकी देशों को कर्ज़ मुहैया करने वाले चीन जैसे देशों ने मौजूदा समय में इन देशों का कर्ज माफ करके इन्हें सामान्य स्तर पर आने के लिए सहायता करनी चाहिये, ऐसी सलाह भी येलेन ने दी। उचित समय पर कर्ज़ मांफ किया जाए तो कर्ज देनेवालों के साथ-साथ कर्ज़ लेने वालों के लिए भी उपयुक्त होता है, ऐसी फटकार भी अमरिकी वित्तमंत्री ने इस दौरान लगाई।

दक्षिण अफ्रीका के साथ रशिया और चीन करेंगे नौसैनिक युद्धाभ्यास

मास्को/प्रिटोरिया – रशिया और चीन फ़रवरी में दक्षिण अफ्रीका के साथ नौसैनिक युद्धाभ्यास कर रहे हैं। ‘ऑपरेशन मोसी’ नामक यह बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास १७ से २६ फ़रवरी के बीच होगा, ऐसी जानकारी दक्षिण अफ्रीका की सेना ने प्रदान की। दरबान और रिचर्डस्‌‍ बे क्षेत्र के समुद्री इलाके में इस युद्धाभ्यास का आयोजन होगा, यह भी दक्षिण अफ्रीका ने कहा है। यह युद्धाभ्यास चीन और रशिया के अफ्रीका में बढ़ते प्रभाव के संकेत देता है, यह दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

इससे पहले साल २०१९ में दक्षिण अफ्रीका ने रशिया और चीन के साथ संयुक्त नौसैनिक युद्धाभ्यास किया था। ‘ब्रिक्स’ गुट के सदस्य दक्षिण अफ्रीका के साथ रशिया और चीन ने अच्छे ताल्लुकात बनाने में सफलता हासिल की है। रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैवरोव इस महीने दक्षिण अफ्रीका का दौरा भी करेंगे, यह कहा जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में रशियन जहाज़ दक्षिण अफ्रीका के बंदरगाह में रुके थे। इस मुद्दे पर अमरीका और यूरोपिय देशों ने दक्षिण अफ्रीका से तीव्र नाराज़गी जताई थी।

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