चीनी ‘ऐप्स’ के खिलाफ़ ‘ईडी’ की सख्त कार्रवाई

नई दिल्ली – ‘प्रवर्तन निदेशालय’ (ईडी) ने ‘बेटिंग’ और ‘डेटिंग’ ऐप्स चला रही चीन की १५ कंपनियों के ठिकानों पर छापे मारे हैं। इन कंपनियों के ‘एचएसबीसी बैंक’ में स्थित खाते ‘फ्रीज़’ करके ४६ करोड़ रुपए ज़ब्त किए गए हैं। दो सप्ताह पहले हैदराबाद में चीनी गेमिंग कंपनी का ‘ऑनलाईन’ जुए का रैकेट तबाह किया गया था। इसके बाद अब यह बड़ी कार्रवाई की गई है।

‘ईडी’

‘ईडी’ ने शुक्रवार के दिन दिल्ली, गुरूग्राम, मुंबई और पुणे में ‘चीनी ऐप्स’ चला रही कंपनियों पर छापा मारा। कंपनी के रजिस्टर्ड दफ्तर, संचालक और चार्टर्ड अकाउंटंटस्‌ के दफ्तर पर यह छापे मारे गए। इस कार्रवाई के दौरान ‘ईडी’ ने १७ हार्ड डिस्क, पांच लैपटॉप, फोन और कई अहम दस्तावेज़ बरामद किए हैं। दो सप्ताह पहले आयकर विभाग ने ‘मीन लॉन्डरिंग’ के मामले में दिल्ली, गुरूग्राम और नोएडा में चीनी कंपनियों पर छापे मारे थे। इन मामलों की जाँच करने के दौरान अवैध ऑनलाईन जुए का पर्दाफाश हुआ।

‘ऑनलाईन’ जुए’ से लगभग १,३०० करोड़ रुपयों का कारोबार हो रहा है, यह दावा पुलिस ने किया। इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने ‘याह हाओ’ नामक चीनी नागरिक के साथ तीन लोगों को हिरासत में लिया है। चीनी ऑनलाईन ऐप्स के मामले में धीरज सरकार और अंकित कपूर इन दो भारतीय नागरिकों की भी गिरफ्तारी हई है। भारतीय चार्टर्ड अकाउंटंटस्‌ की सहायता से कुछ चीनी नागरिकों ने कई कंपनियां शुरू की हैं। शुरू में उन्होंने इन कंपनियों में जाली भारतीय संचालकों को नियुक्त किया था। इसके बाद उनकी जगह पर चीनी नागरिकों की नियुक्ती की गई थी, यह दावा ईडी ने किया। पुलिस ने ‘डोकीपे टेक्नॉलॉजी प्रायवेट लिमिटेड’, ‘लिंकन टेक्नॉलॉजी प्रायवेट लिमिटेड’ और अन्य संबंधितों के खिलाफ़ एफआयआर दर्ज़ किया है।

‘ईडी’

चीनी कंपनियां मनी लॉन्डरिंग और ऑनलाईन जुए में शामिल होने की बात सामने आ रही है तभी ‘ऑनलाईन बेटिंग’ के अलावा यह कंपनिया हवाला के लिए ‘ऑनलाईन वॉलेट्स’ का भी इस्तेमाल करने में जुटे होने की आशंका ईडी को है। इसी वजह से ईडी अब पेटीएम, कैशफ्री, रेजरपे जैसे ऑनलाईन वॉलेट और पेमेंट गेटवे चला रही कंपनियों की भी जांच करेगी।

चीन की कुछ कंपनियों ने भारत में बड़ा निवेश किया है। इन कंपनियों का चीनी सेना से सीधा या अप्रत्यक्ष संबंध होने की रपट भारतीय गुप्तचर संस्था ने पेश की है। गलवान वैली में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर किए हमले के बाद भारत ने सीमा पर करारा जवाब दिया था। साथ ही चीन को आर्थिक स्तर पर जोरदार प्रत्युत्तर देने का कदम भी भारत ने उठाया है। चीनी ऊर्जा उपकरणों की आयात पर पाबंदी लगाकर बुनियादी सुविधा और ‘एमएसएमई’ क्षेत्र में चीन के निवेश का जाएज़ा लेना, चीनी कंनियों से उपकरणों की खरीद ना करने जैसे आर्थिक स्तर पर चीन को झटका देनेवाले कई निर्णय भारत ने लिए हैं।

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