बंगलुरू से सोलापुर के बीच रोरो रेल सेवा शुरू

सोलापुर – बंगलुरू के नेलमंगला से सोलापुर तक ‘रोल ऑन रोल ऑफ’ (रो-रो) सेवा शुरू की गई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येडियुरप्पा ने ‘वीडियो कान्फरन्सिंग’ के ज़रिए इस गाड़ी को हरी झंड़ी दिखाई। अप्रैल महीने में यह ‘रो-रो’ सेवा शुरू करने के लिए रेल मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। इस सेवा के माध्यम से कृषि, रसायन एवं अन्य क्षेत्रों के सामान की यातायात करना संभव होगा। रेल प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही किसानों के कृषि सामान की यातायात करने के लिए ‘किसान रेल’ सेवा शुरू की है। इस सेवा को किसानों से अच्छा रिस्पान्स प्राप्त हो रहा है।

रोरो रेल

देश में पहली रो-रो रेल सेवा वर्ष १९९९ में कोंकण रेल के मार्ग पर शुरू की गई थी। रविवार से शुरू हुई नेलमंगला से सोलापुर तक की रो-रो रेल सेवा प्रायोगिक तत्व पर चलाई जा रही है। यह प्रयोग कामयाब होने पर यह सेवा मध्य रेलवे, दक्षिण-मध्य रेलवे और दक्षिण-पश्चिम रेलवे मार्गों पर शुरू किए जाने की योजना है। रो-रो सेवा में खुले वैगन पर सामान से भरे ट्रकों की यातायात होगी। यह ट्रक गंतव्य स्थान पर उतारे जाएंगे। इस रो-रो सेवा की एक यात्रा में ४३ ट्रक पहुँचाए जाएंगे। इससे इंधन और समय की बचत होगी।

नेलमंगला से सोलापुर के बीच ६८२ किलोमीटर दूरी का यह रेल मार्ग १,२६० टन की यातायात की क्षमता रखता है। इस रेल पर चढाए जानेवाले हर एक ट्रक पर ३० टन सामान भरने की अनुमति होगी। इस ट्रक के साथ चालक और उसका एक सहायक यात्रा कर सकेंगे। इन दोनों को द्वितीय वर्ग का टिकट खरीदना पडेगा।

इस सेवा से सामान की यातायात के लिए प्रति टन २,७०० रुपए शुल्क लिया जाएगा। इस रो-रो सेवा के माध्यम से सुविधा, सस्ती और पर्यावरण के लिए सहायक यातायात करना संभव होगा। फिलहाल यह ‘रो-रो’ ट्रेन बंगलुरू के नेलमंगला से सोलापुर के बीच सप्ताह में दो बार चलाई जाएगी।

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