चीन के ‘शाओमी’ के ५,५०० करोड़ की राशी ‘ईडी’ ने जब्त की

नई दिल्ली – विश्‍व के मोबाईल निर्माण क्षेत्र की शीर्ष चीनी कंपनी ‘शाओमी’ के भारत में मौजूद बैंक खातों में जमा राशि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त की हैं| शाओमी इंडिया ने पिछले कुछ सालों में अवैध मार्ग से काफी रकम देश से बाहर भेजी हैं| कंपनी के इस गबन से भारत के ‘फॉरिन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट’ (फेमा) कानून का उल्लंघन हुआ हैं, यह आरोप लगाकर ‘ईडी’ ने कंपनी की वर्णित राशि जब्त करने की जानकारी अधिकारी ने साझा की|

भारतीय मोबाईल बाज़ार में २४ प्रतिशत हिस्सा पानेवाली चीनी कंपनी ‘शाओमी’ ने भारत के फेमा कानून का उल्लंघन किया हैं| साथ ही करों की चोरी करके काफी रकम देश से बाहर भेजी हैं| ‘शाओमी’ की उपकंपनी ‘शाओमी इंडिया’ के इस गबन को लेकर पिछले कुछ महीनों से जॉंच हो रही थी| इससे पहले कंपनी के दफ्तरों पर ईडी ने दो बार छापे किए थे| साथ ही हाल ही के दिनों में कंपनी के पूर्व प्रमुख को समन्स थमाया गया था|

‘शाओमी इंडिया’ ने साल २०१४ में भारत ने अपना उत्पादन शुरू किया था| इसके अगले ही साल कंपनी ने रॉयल्टी के नाम से विदेशों की तीन कंपनियों को राशि भेजना शुरू किया| अबतक देश से बाहर भेजी गयी राशि कम नहीं हैं, बल्कि ५,५५१ करोड़ रुपये हैं| विशेष तौर पर जिन कंपनियों को यह राशि अवैध पद्धती से भेजी गयी हैं, उन कंपनियों से ‘शाओमी इंडिया’ ने किसी भी तरह से सेवा प्राप्त नहीं की हैं| ‘शाओमी’ इस मुल चीनी कंपनी से प्राप्त निदेशों के अनुसार ‘शाओमी इंडिया’ ने यह रकम तीन कंपनियों को भेजी| इनमें से एक कंपनी ‘शाओमी’ से ही जुड़ी कंपनी हैं| अन्य दो अमरिकी कंपनियॉं हैं| यह रकम इन कंपनियों को क्यो प्रदान हुई, इसका खुलासा नहीं हुआ हैं| लेकिन, यह पैसा कंपनी की बेहिसाबी आय हैं|

‘शाओमी’ के साथ कई चीनी कंपनियॉं ईडी और अन्य भारतीय यंत्रणाओं के राड़ार पर हैं| ओप्पो कंपनी पर भी पिछले वर्ष छापे किए गए थे| फ़रवरी महीने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नामांकित दूरसंचार क्षेत्र की चीनी कंपनी हुवेई पर आयकर विभाग ने छापे किए थे| हुवेई कंपनी ने करों की चोरी करने की जानकारी प्राप्त होने पर यह छापे किए गए थे| इसपर चीन की प्रतिक्रिया भी प्राप्त हुई थी| चीनी कंपनियॉं संबंधित देशों के कानून का पालन करती हैं, ऐसा चीन ने कहा था|

साल २०२० में गलवान घाटी मे हुए संघर्ष के बाद भारत ने अबतक चीनी के २०० से अधिक ऐप्स पर पाबंदी लगाई हैं और इनमें से अधिकांश ऐप्स के माध्यम से जासूसी और जानकारी की चोरी होने का आरोप हैं| इसके अलावा मनी लौण्डरिंग, संदिग्ध व्यवहार और कर चुकाने के मामलों में चीन और चिनी नागरिकों की संबंधित कंपनियों पर पिछले डेढ़ सालों में कार्रवाई हुई हैं| एक खबर के अनुसार विभिन्न चीनीकंपनियों पर देशभर में ७०० अपराधिक मामले दर्ज़ हैं| इनमें से कुछ कंपनियों पर शेल कंपनी स्थापीत करके मनी लौण्डरिंग करने का आरोप हैं| भारतीय दंड़ संहिता और इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी ऐक्ट के तहत दिल्ली में ही ऐसें ३०० मामलें दर्ज़ हैं|

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