सीमा पर शांति है, फिर भी भारतीय लष्कर सतर्क है – लष्करप्रमुख का पड़ोसी देशों को संदेश

नई दिल्ली – फरवरी महीने में लद्दाख की एलएसी से सेनावापसी करने का फैसला होने के बाद यहाँ की परिस्थिति पहले जैसी हो रही है, ऐसा लष्करप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है। लेकिन भारतीय लष्कर किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए सिद्ध है, ऐसा जनरल नरवणे ने स्पष्ट किया। साथ ही, कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर भी संघर्ष विराम के बाद शांति है, ऐसा बताकर लष्करप्रमुख ने देश को आश्वस्त किया। फिलहाल चीन और पाकिस्तान दोनों मोरचे पर भारत को एक ही समय चुनौती मिलेगी इसकी चर्चा शुरू है, ऐसे में लष्कर प्रमुख ने यहाँ की परिस्थिति नियंत्रण में होने का संदेश दिया दिख रहा है। उसी समय, लष्कर किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए सिद्ध होने का एहसास भी लष्करप्रमुख ने करा दिया।

Indian-army-Narawaneपिछले कुछ दिनों से, भारत पाकिस्तान पर हमला करनेवाला होने की ज़ोरदार चर्चा पाकिस्तान में शुरू हुई है। उसी में भारत में लद्दाख की एलएसी पर अतिरिक्त तैनाती की होने की खबर प्रकाशित हुई थी। यह ५० हज़ार सैनिकों की तैनाती चीन को भी बेचैन करनेवाली साबित हुई। चीन का सरकारी मुखपत्र होनेवाले ग्लोबल टाइम्स ने उसकी गंभीर दखल ली और भारत चीन के विरोध में आक्रामक नीति ना अपनाएँ, ऐसी चेतावनी दी। साथ ही, चीन के विरोध में आक्रामकता भारत के लिए ही घातक साबित होगी, ऐसा चीन के मुखपत्र ने जताया था। वहीं, भारत की इस तैनाती पर पाकिस्तान के विश्लेषकों ने अलग ही प्रतिक्रिया दी।

लद्दाख में भारत कर रहा हज़ारों सैनिकों की यह तैनाती, चीन के लिए ना होकर, पाकिस्तान के लिए ही होने का दावा इन विश्लेषकों ने किया था। भारत जल्द ही पाकिस्तानव्याप्त काश्मीर पर कब्ज़ा करने के लिए हमला करनेवाला है, अपना बचाव करने के लिए पाकिस्तान के बाद ज्यादा अवधि नहीं रही, ऐसा दावा इन विश्लेषकों ने किया। रविवार को जम्मू के वायुसेना के अड्डे पर हुए ड्रोन हमले का कारण बताकर, भारत यकीनन ही पाकिस्तान पर कार्रवाई करेगा, ऐसी चिंता पाकिस्तान के अन्य पत्रकार और विश्लेषक ज़ाहिर कर रहे हैं। साथ ही, भारत की इस हमले का अमरीका और इस्रायल ये देश साथ देंगे, ऐसी चिंता इन पत्रकार और विश्लेषकों ने व्यक्त की थी।

पाकिस्तान और चीन से आईं इन प्रतिक्रियाओं के कारण भारत युद्ध की बहुत बड़ी तैयारी कर रहा होने का प्रचार शुरू हुआ था। अमरीका के राजनीतिक क्षेत्र में काम करनेवाले एक पाकिस्तानी वंश के विश्लेषक ने तो, भारत में जम्मू कश्मीर की सीमा पर हज़ारों बंकर्स का निर्माण किया है, वे इसी कारण के लिए हैं, यह बताकर पाकिस्तान की चिंता बढ़ाई थी। जल्द ही पाकिस्तानव्याप्त कश्मीर पर कब्जा करने के लिए भारत हमला किए बगैर नहीं रहेगा, ऐसा एक विश्लेषक ने जताया था। इस कारण फिलहाल पाकिस्तान के माध्यम भारत के संभावित हमले की चिंता से डरे हुए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर, भारत खुद युद्ध की शुरुआत नहीं करेगा, ऐसा संदेश लष्करप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के बयानों द्वारा दिया जा रहा है। चीन से सटी एलएसी पर फरवरी महीने के बाद की परिस्थिति सर्वसाधारण बन रही है, ऐसा जनरल नरवणे ने स्पष्ट किया। फरवरी महीने में ही लद्दाख की एलएसी पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों ने सेनावापसी का प्रस्ताव मान्य किया था। साथ ही, कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर भी संघर्ष विराम लागू होने के बाद घुसपैठ रुकी है, ऐसा बताकर, यहाँ पर भी शांति होने की बात जनरल नरवणे ने स्पष्ट की है। ऐसा होने के बावजूद भी, भारतीय लष्कर किसी भी चुनौतियों का सामना करने के लिए सिद्ध होने का दावा करके, आज जनरल नरवणे ने पड़ोसी देशों को, भारत सतर्क है ऐसा संदेश दिया है।

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