भारत पर दबाव डालने के लिए चीन की नई हरकतें

भारत पर दबावनई दिल्ली – भारत की सीमा के नजदीकी क्षेत्र में नया गाँव बसाकर चीन भारत पर दबाव डालने की तैयारी कर रहा है। नेपाल, भूतान की सीमा पर चीन इसके लिए गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। अरुणाचल प्रदेश की एलएसी की नज़दीकी क्षेत्र में भी गाँव बसाकर, चीन उसके लिए बुनियादी सुविधाएँ विकसित कर रहा है। इस पृष्ठभूमि पर, भारत के लष्करप्रमुख जनरल नरवणे ने अरुणाचल प्रदेश की एलएसी का दौरा किया। यहाँ की सुरक्षा का जायज़ा लेकर लष्करप्रमुख ने चिनी लष्कर पर कड़ी नजर रखने के आदेश सेना को दिए। उसी समय, भारतीय सेना की गश्त और सतर्कता का भी लष्करप्रमुख ने विशेष कौतुक किया है।

‘तिबेट सिन्स 1951: लिबरेशन, डेव्हलपमेंट अँड प्रॉस्पॅरिटी’ नामक श्वेतपत्र चीन ने प्रकाशित किया है। इसमें अरुणाचल प्रदेश की एलएसी से सटे हुए तिब्बत के ‘ल्हूम्झे’ प्रांत में गाँव विकसित करने का उल्लेख है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने, इस इलाके में गाँव बसाकर यहाँ की चीन की भूमि की रक्षा करने की सूचना स्थानीय प्रशासन को की थी। इस श्वेतपत्र के कारण यह बात सामने आई है। उसी समय, भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए ही चीन ये गतिविधियाँ कर रहा है, यह बात भी इससे उजागर हुई है। एलएसी के नज़दीक आबादी बढ़ाकर चीन उसपर अपना दावा अधिक मज़बूत बनाने की कोशिश कर रहा है।

अरुणाचल प्रदेश की एलएसी से नजदीक ही होनेवाले लोंगिऊ इलाके में भी चीन नया गाँव बना रहा है। साथ ही, यहाँ से नजदीक ही चीन चार हवाई अड्डों का निर्माण करने की तैयारी कर रहा है। यह चीन के भारतविरोधी दाँवपेंचों का भाग साबित होता है। भारत ने इसकी गंभीर दखल ली है। लष्करप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अरुणाचल प्रदेश की एलएसी का दौरा करके यहाँ की सुरक्षा का जायज़ा लिया। लद्दाख की एलएसी पर चीन के लष्कर ने भारतीय सेना पर दबाव डालने की कोशिश की। इसमें असफल होने के बाद चीन एलएसी के अन्य इलाकों में घुसपैंठ करके, तनाव बनाने की कोशिश करेगा, ऐसी गहरी संभावना जताई जाती है। इस कारण भारतीय सेना द्वारा इस मामले में अधिक सावधानी बरती जा रही है।

जनरल नरवणे ने अरुणाचल प्रदेश की एलएसी पर तैनात सेना अधिकारियों की गश्त और सावधानी की प्रशंसा की। उसी समय, चीन की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखने की सूचना भी लष्करप्रमुख ने की है। इसी बीच, चीन की इन हरकतों से भारत पर दबाव डालने की आत्यंतिक ज़रूरत स्पष्ट हो रही है। तिब्बत के भूभाग में चीन के लष्कर की गतिविधियों की तीव्रता बढ़ती चली जा रही है। इसकी ओर भी भारत बहुत ही सावधानी से देख रहा है। गलवान में हुए संघर्ष के बाद भारतीय लष्कर की ताकत और अपने जवानों की मर्यादाओं को चीन जान चुका है। इसी कारण चीन लद्दाख के हवामान की आदत होनेवाले तिब्बती युवाओं की अपने लष्कर में भर्ती कर रहा है। इसके द्वारा चीन, भारत के साथ अगले संघर्ष की तैयारी करता दिखाई दे रहा है। वहीं, फिलहाल चीन के लष्कर के पास भारत से खुलेआम टक्कर लेने की क्षमता नहीं है, यह भी चीन ने इसके द्वारा अप्रत्यक्ष रूप में मान्य किया दिख रहा है।

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