भारत से सुरक्षा परिषद के विस्तार की मांग

नई दिल्ली – संयुक्त राष्ट्रसंघ के आमसभा की अध्यक्षा मारिया फर्नांडा इस्पिनोसा गार्सेस से भारत के भेंट पर आए हैं। उन्होंने विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से भेंट करके चर्चा की है। आनेवाले सितंबर महीने में राष्ट्रसंघ की आम सभा होने वाली है और इस पृष्ठभूमि पर गार्सेस ने प्रमुख देशों का दौरा किया है। सुरक्षा परिषद के विस्तार के साथ आतंकवाद विरोधी धारणाओ के बारे में विदेशमंत्री स्वराज और गार्सेस इनमे चर्चा होने की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दी है।

पिछले ३ दिनों से गार्सेस भारत के भेंट पर होकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनसे भी मुलाकात की है। उसके बाद विदेश मंत्री स्वराज के भेंट में गार्सेस ने भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देनेवाले योगदान का उल्लेख किया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के सशक्तिकरण के लिए भारत बड़ा योगदान दे रहा है, ऐसा गार्सेस ने कहा है। अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था नियोजित रूप से चलाने के लिए तथा अंतरराष्ट्रीय नियमों के अंतर्गत मुक्त व्यापार शुरू करने के लिए राष्ट्रसंघ को भारत के सहयोग की अपेक्षा होने की बात राष्ट्रसंघ के आम सभा के अध्यक्षा ने कही है।

राष्ट्रसंघ के अलग-अलग योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका का स्वीकार करने के बावजूद सुरक्षा परिषद का विस्तार और इसमें भारत का समावेश करने की मांग नजरअंदाज होने की नाराजगी विदेशमंत्री स्वराज ने उस समय व्यक्त की।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता की अमरिका, ब्रिटेन, फ्रान्स, रशिया इन देशों ने भारत की मांग को योग्य ठहराकर भारत के समावेश को समर्थन है, ऐसा इससे पहले भी घोषित किया था। पर राष्ट्रसंघ ने अब तक इस दिशा से आवश्यक सुधार करने के लिए कदम नहीं उठाए हैं, इसकी तरफ स्वराज ने ध्यान केंद्रित किया है। तथा विदेशमंत्री स्वराज ने जागतिक आतंकवाद के विरोध में कठोर नियमों की आवश्यकता होने की बात उस समय जोर देकर कही है। आतंकवाद विरोधी कार्रवाई करते हुए कोई भी भेदभाव ना हो, यह भारत की भूमिका उस समय विदेश मंत्री ने स्पष्ट तौर पर प्रस्तुत की है।

दौरान आनेवाले महीने में संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा होने वाली है और उसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शामिल होंगी।

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