रुपए की गिरावट की वजह से चिंता बढ़ी

नई दिल्ली – डॉलर की तुलना में रुपए की न्यूनतम गिरावट दर्ज हुई है और रुपया डॉलर के पीछे ६९.९३ तक गिरा है। सोमवार को १.१० रुपये से हुई यह गिरावट पिछले वर्ष में एक दिन में हुई रुपये की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।

अमरिका ने जारी किए प्रतिबंधों की वजह से तुर्की का चलन होनेवाले लीरा में हुए गिरावट का परिणाम भारत के रुपए के साथ अन्य चलन पर होने की बात विश्लेषकों ने कही है। कुछ दिनों पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने हालही में शुरू होने वाले व्यापारियों से चलन युद्ध भड़क सकता है, ऐसी चेतावनी दी है।

डॉलर के दाम में हुई बढ़त से दुनियाभर में परिणाम होती दिखाई दे रही है। विशेष रूप से अमरिका ने चीन यूरोपीय महासंघ और तुर्की जैसे देशों के विरोध में हाथ लिए कठोर उपाय योजनाओं की वजह से बहुत बड़ी उथल पुथल दिखाई दे रही है। डॉलर की तुलना में अनेक देशों के चलन के दाम इसकी वजह से गिरने लगे हैं और तुर्कीश लीरा यह सबसे अधिक गिरनेवाला चलन ठहरा है। गुरुवार को तुर्कीश लीरा की १२ प्रतिशत तथा शुक्रवार को २० प्रतिशत गिरावट की दर्ज हुई है। सोमवार को तुर्की का चलन ८ प्रतिशत गिरा है।

अमरिका ने तुर्की से होनेवाले लोहा और एलुमिनियम के निर्यात पर कर बढाया था तथा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने तुर्की के विरोध में आक्रामक विधान भी किए थे। इसके प्रभाव की वजह से तुर्कीश लीरा की बहुत बड़ी गिरावट हुई है और उसके परिणाम अन्य देशों के चलन पर हुआ है।

भारत का रुपया भी इस परिणाम से नहीं बच सका है। रुपए की गिरावट यह चिंता का विषय बना है और हालही में परिस्थिति देखकर हुए आगे चलकर रुपए की अधिक गिरावट हो सकती है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

पिछले महीने में संपन्न हुए जागतिक व्यापार परिषद की बैठक में भारत के व्यापार मंत्री सुरेश प्रभु ने जागतिक व्यापार के सामने बहुत बड़ी चुनौती होने की बात कही थी। तथा रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने फिलहाल दुनिया के प्रमुख देशों में शुरू होनेवाले व्यापार युद्ध का रूपांतर चलन युद्ध में होगा, ऐसी चेतावनी दी थी। इसकी वजह से बड़ी उथल पुथल होगी और चलन के दाम गिर सकते हैं, ऐसे संकेत पटेल ने दिए थे। तथा भारत के विकास पर इसका प्रभाव हो सकता है, ऐसा दावा रिजर्व बैंक के गवर्नर ने किया था।

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