रक्षाबलों को विभिन्न मोर्चों पर लड़ने की क्षमता विकसित करनी होगी – एअरचीफ मार्शल व्ही.आर.चौधरी

पुणे – ‘मौजूदा समय में युद्ध की तकनीक और युद्ध का स्वरूप बदल रहा है। साथ ही देश की सुरक्षा के लिए बने खतरे का स्वरूप भी बदलता दिख रहा है। ऐसें समय में रक्षाबलों को देश की सुरक्षा के लिए एक नहीं, बल्कि कई मोर्चों पर अपनी क्षमता विकसित करनी होगी’, वायुसेनाप्रमुख एअरचीफ मार्शल व्ही.आर.चौधरी ने कहा है।

एअरचीफ मार्शलपुणे में स्थित ‘नैशनल डिफेन्स अकॅडमी’ (एनडीए) की १४२ वीं पासिंग आऊट परेड के समारोह को संबोधित करते समय वायुसेनाप्रमुख बोल रहे थे। पिछले कुछ महीनों से रक्षाबलों के प्रमुख बदलते समय के अनुसार युद्ध की तकनीक और युद्ध का स्वरूप एवं युद्धभूमि में बदलाव होने के मुद्दे पर लगातार ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस वजह से देश के सामने सुरक्षा संबंधित चुनौतियाँ बदल ने का अहसास रक्षाबल करा रहा हैं। वायुसेनाप्रमुख ने ‘एनडीए’ की पासिंग आऊट परेड़ के समारोह में बोलते समय लगभग इन्हीं शब्दों में देश की सुरक्षा के सामने उभरीं नई चुनौतियों की जानकारी साझा की।

पूरा विश्व परंपरागत युद्ध की तकनीक से दूर हो रहा है और नई तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा हैं। इस बदलाव से मेल करना हमारे लिए अनिवार्य बना है और इन मोर्चों पर अपनी युद्धक्षमता बढ़ाने के अलावा अन्य विकल्प नहीं। इसके लिए अपनी नीति में बदलाव करने की ज़रूरत बनी हैं, ऐसी चेतावनी वायुसेनाप्रमुख ने दी। मौजूदा समय में भारत के सामने खड़ी सुरक्षा संबंधित चुनौतियों के मोर्चे बढ़े हैं। इसी कारण इन मोर्चों पर अपनी क्षमता विकसित करने के साथ ही एक साथ कई मोर्चों पर सामना करने की तैयारी रक्षाबलों को जुटानी होगी, ऐसा इशारा एअरचीफ मार्शल चौधरी ने दिया।

इसके लिए देश के रक्षाबलों ने तैयारी रखी हैं और नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया जा रहा हैं। ऐसें समय में देश की सुरक्षा की बागड़ोर संभालने के लिए आगे आए ‘एनडीए’ के कैडेटस्‌‍ को नई तकनीक अपनाने का संदेश इस दौरान वायुसेनाप्रमुख ने दिया। इसके लिए ड़टकर अध्ययन करना होगा, अनुसंधान और आकलन बढ़ाना होगा, ऐसा वायुसेनाप्रमुख ने आगे कहा। देश के रक्षाबलों में यह बदलाव हो रहा हैं और इसी बीच आपको प्राप्त हुआ यह अवसर काफी अहमियत रखता हैं, ऐसा कहकर वायुसेनाप्रमुख ने इन कैडेटस्‌‍ का अभिनंदन किया।

इसी बीच, यूक्रेन युद्ध में रशिया व्यस्त होने के दौरान भारतीय रक्षाबलों को ज़रूरी रक्षा सामान के पुर्जे रशिया से प्रदान होंगे क्या, यह सवाल किया जा रहा था। लेकिन, वायुसेनाप्रमुख ने यह समस्या उभरी नहीं हैं, ऐसी गवाही दी है। पूर्जों के लिए वायुसेना ने पर्याप्त प्रावधान करने की नीति काफी पहले से अपनायी थी। इस वजह से यूक्रेन युद्ध का वायुसेना की रक्षा तैयारी पर बिल्कुल ही असर नहीं हुआ है, ऐसा एअरचीफ मार्शल व्ही.आर.चौधरी ने कहा। लेकिन, आनेवाले समय में कम से कम मात्रा में विदेशों से खरीद करने की नीति वायुसेना अपनाएगी, यह ऐलान वायुसेनाप्रमुख ने इस दौरान किया। ‘मेड इन इंडिया’ के तहत तैयार हुए हथियार और राड़ार यंत्रणा वायुसेना इस्तेमाल करेगी, यह दावा भी वायुसेनाप्रमुख चौधरी ने इस दौरान किया।

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