३० करोड़ डॉलर्स की लष्करी सहायता रद्द करने का निर्णय लेकर – अमरिका का पाकिस्तान को और एक झटका

वॉशिंगटन: तालिबान का ‘हक्कानी गुट’ और ‘लष्कर ए तोयबा’ जैसे आतंकवादी संगठनों पर निर्णायक कार्रवाई के लिए देर लगाने वाले पाकिस्तान को अमरिका ने और एक झटका दिया है। अमरिका का रक्षा विभाग पेंटागन ने पाकिस्तान को दी जाने वालो ३० करोड़ डॉलर्स की सहायता को रद्द कि है। इसके कुछ घंटों पहले अमरिकी यंत्रणाओं ने परमाणुओं से संबंधित अवैध व्यवहार करने का आरोप लगाकर दो पाकिस्तानी कंपनियों पर कार्रवाई की थी।

सितम्बर मे अमरिकी विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं। उसके पहले अमरिका ने दो पाकिस्तानी कंपनियों पर कार्रवाई करके पाकिस्तान को दि जाने वाली लगभग ३० करोड़ डॉलर्स की लष्करी सहायता को रद्द कर दिया है। इसके पहले पाकिस्तान को दी जाने वाली लष्करी सहायता अस्थायी समय के लिए स्थगित की गई थी। लेकिन उसे अब रद्द किया जा रहा है, ऐसा पेंटागन के प्रवक्ता कोन फाल्कनर ने घोषित किया है।

तालिबान का ‘हक्कानी गुट’ और ‘लष्कर ए तोयबा’ के साथ साथ अन्य आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई की जाए, ऐसी माँग अमरिका लगातार कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान आतंवाद विरोधी कार्रवाई करने में पूरी तरह से असफल रहा है, ऐसा आरोप फाल्कनर ने किया है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ महीनों पहले अपने नए दक्षिण आशिया की नीति के सन्दर्भ में घोषणा की थी। दक्षिण आशिया क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खतरनाक साबित होने वाले आतंकवादी संगठनों को आसरा देने वाला पाकिस्तान इन आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करे, ऐसी अमरिका ने चेतावनी दी थी। इस साल की शुरुआत में ही ट्रम्प ने पाकिस्तान पर विश्वासघात का गंभीर आरोप किया था।

३० करोड़ डॉलर्स, लष्करी सहायता, रद्द, निर्णय, पाकिस्तान, एक झटका, अमरिका, लष्कर ए तोयबाआतंकवाद के खिलाफ युद्ध के लिए पिछले १५ सालों से अमरिका पाकिस्तान को अरबों डॉलर्स की मदद करता आ रहा है। लेकिन पाकिस्तान ने अमरिका को धोखा देने के बजाय दूसरा कुछ किया ही नहीं है, ऐसे स्पष्ट शब्दों में ट्रम्प ने पाकिस्तान को फटकार लगाई है। उनकी इस आलोचना के बाद पाकिस्तान की १.१५ अरब डॉलर्स की आर्थिक सहायता रोकदी गई थी। अफगानिस्तान में अमरिका और नाटो के सैनिकों पर हमले करने वाले तालिबान के हक्कानी गुट को पाकिस्तान आसरा और सहायता दे रहा है। ऐसा अमरिका ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था। साथ ही सभी आतंकवादी संगठनों पर पाकिस्तान निशाना साधे, ऐसी अमरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। लेकिन इस चेतावनी के बाद भी पाकिस्तान ने ‘हक्कानी गुट’ और ‘लष्कर ए तोयबा’ जैसे आतंकवादी संगठनों को आसरा दिया है और उनपर पाकिस्तान कोई भी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है। कुछ दिनों पहले ही अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने पाकिस्तान ने हक्कानी गुट और लष्कर जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है, ऐसा अमरिकी कांग्रेस की सुनवाई में स्पष्ट किया था। साथ ही अमरिकी संसद में पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता १५ करोड़ तक सीमित रखने वाले विधेयक को मान्यता दी थी।

इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान को दी जाने वाली ३० करोड़ डॉलर्स की आर्थिक सहायता अमरिका ने रोकदी है। पेंटागन ने पाकिस्तान को दी जाने वाले ८० करोड़ डॉलर्स के ‘कोएलिशन सपोर्ट फंड’ (सीएसएफ) की पुनर्रचना की है। पाकिस्तान की रद्द की हुई इस आर्थिक सहायता की राशी का अमरिका दूसरी जगह इस्तेमाल करेगी, ऐसा फाल्कनर ने कहा है।

हाल ही में पाकिस्तान में इम्रान खान की सरकार आई है। पिछले हफ्ते माईक पॉम्पिओ ने फोन पर इम्रान खान के साथ चर्चा की थी। इसमें आतंकवाद का मुद्दा उपस्थित किया गया था। लेकिन अमरिका के विदेश मंत्रालय ने यह घोषित करने के बाद पाकिस्तान ने आतंकवाद के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है, ऐसा कहा था। साथ ही अमरिकी विदेश मंत्रालय ने इस सन्दर्भ किए हुए दावे पीछे लेकर गलती को सुधारे ऐसी माँग की थी। लेकिन अमरिका ने इससे इन्कार किया था।

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की नई सरकार को कोई भी सहूलियत देने का अमरिका का इरादा नहीं है, यह इससे स्पष्ट होता है। साथ ही माईक पॉम्पिओ अपने पाकिस्तान के दौरे में इम्रान खान की सरकार की तरफ आतंकवाद पर कार्रवाई करने का मुद्दा उपस्थित करेंगे और पाकिस्तान को अमरिका की तरफ से सहायता अपेक्षित है, तो पाकिस्तान को आतंवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी, ऐसे स्पष्ट संकेत देने वाली खबरें आ रही हैं। उसके पहले पाकिस्तानी कंपनियों पर प्रतिबन्ध लगाकर और लष्करी सहायता रद्द करके अमरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया है।

दौरान, पाकिस्तान के चीन और रशिया के साथ बढ़ते संबंध भी इसकी वजह है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। पिछले महीने में ही अमरिका ने पाकिस्तानी लष्कर को दिया जाने वाला प्रशिक्षण भी रोक दिया था। साथ ही आर्थिक संकट में गिरे पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष कर्ज न दे, ऐसी अमरिका ने चेतावनी दी थी। आने वाले समय में पाकिस्तान को अमरिका की तरफ से और भी जबरदस्त झटके लगने की संभावना है।

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