ट्रम्प को ईरान में प्रदर्शन के बारे में बोलने का अधिकार नहीं – ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी

तेहरान: ईरान में शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में १२ लोगों की जान गई है। इस प्रदर्शन की पृष्ठभूमि पर ईरान ने सोशल मीडिया पर प्रतिबन्ध लगाए हैं। इस पर अमरिका ने टीका की है। साथ ही अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान के अच्छे लोगों की परिवर्तन चाहिए ऐसा विधान किया था। उस पर ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने पलटवार किया है और ईरान को आतंकवादी ठहराने वाले ट्रम्प को इस बारे मो बोलने का अधिकार नहीं है, ऐसा कहा है।

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पिछले कुछ दिनों से ईरान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए थे। कुछ शहरों में यह प्रदर्शन हिंसक बनकर आगजनी होने की खबरें भी आईं थी। इसमें १२ लोगों की जान जाने की बात सामने आई है और अब तक ईरान की यंत्रणाओं ने २०० लोगों की धरपकड़ की है। इस प्रदर्शन की पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने जनता को शांति बनाए रखने का आवाहन किया है। उसी समय ईरानी जनता को पूरी आजादी है और सरकार पर टीका करने का और प्रदर्शन करने का अधिकार भी रोहानी ने मान्य किया है। लेकिन विरोध, टीका और प्रदर्शन करना और हिंसा करके सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करना यह दो अलग बातें हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने कहा है।

ईरान के इस प्रदर्शन पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं, ऐसा दावा ट्रम्प ने किया था। साथ ही ईरान के कुछ अच्छे लोगों को राजनीतिक परिवर्तन चाहिए, ऐसा दावा भी ट्रम्प ने ट्वीट के माध्यम से किया था। अमरिका के व्हाईट हाउस ने ईरान ने इन प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि पर सोशल मीडिया पर लादे प्रतिबंधों पर टीका की है और यह नागरिकों के अधिकारों का हनन है, ऐसा दावा किया है। अमरिका की संयुक्त राष्ट्रसंघ की राजदूत निकी हॅले ने ईरानी जनता स्वातंत्र्य और लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रही है, ऐसा कहा है। स्वातंत्र्य और माधवाधिकार के लिए ईरान में चल रही लड़ाई को सफलता मिले, इसके लिए हम प्रार्थना करते हैं, ऐसा भी निकी हॅले ने आगे कहा है।

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इस्रायल के गुप्तचर विभाग के मंत्री ‘इस्रायल कात्झ’ ने ईरान के प्रदर्शनकारियों को शुभेच्छा दी है। इन प्रदर्शनों के साथ इस्रायल का कोई संबंध नहीं है। लेकिन ईरान की जनता लोकतंत्र के लिए कर रही संघर्ष को समरी शुभकामनाएँ हैं, ऐसा कात्झने कहा है। दौरान, अमरिका की ओरसे ईरान में चल रहे प्रदर्शनों पर आ रही प्रतिक्रियाओं पर, उसमें भी ट्रम्प के विधानों पर ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने आपत्ति जताई है। कुछ दिनों पहले ईरान को आतंकवादी देश कहने वाले ट्रम्प को इस प्रदर्शन के बारे में बोलने का कुछ भी अधिकार नहीं है, ऐसा कहकर रोहानी ने ट्रम्प पर टीका की है।

ईरान में चल रहे इन प्रदर्शनों की तरफ लोकतंत्रवादी आन्दोलन के तौर पर कुछ लोग देख रहे हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता ईरान के सुप्रसिद्ध वकील शिरिन इबादी ने इतने में ही यह प्रदर्शन रुकने वाले नहीं है, ऐसी संभावना जताई है। उल्टा यह प्रदर्शन मतलब आगे होने वाले व्यापक जनआन्दोलन की शुरुआत साबित होगी, ऐसा दावा इबादी ने किया है। इन दिनों ईरानी जनता के सामने प्रचंड आर्थिक संकट खड़ा है और इस देश में भ्रष्टाचार शुरू है। सन २०१५ में ईरान और पश्चिमी देशों के बीच परमाणु अनुबंध हुआ था। उसके बाद अपनी समस्याएँ हल होंगी, ऐसा ईरानी जनता को लग रहा था। लेकिन इस परमाणु अनुबंध का जनता को लाभ नहीं मिला सका। साथ ही इसके बाद के कालावधि में ईरान का लष्करी खर्चा बड़े पैमाने पर बढ़ गया है। इसके खिलाफ ईरानी जनता में असंतोष पनप रहा है और यह प्रदर्शन इसी असंतोष से ही शुरू हुआ है, ऐसा इबादी का कहना है।

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