‘ओपेक’ के संकेत और ईरान के परमाणु समझौते की पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल की कीमत फिर से प्रति बैरल १०० डॉलर्स पर

वियना – ईंधन उत्पादक देशों के ‘ओपेक’ संगठन और अन्य ईंधन उत्पादक देशों ने तेल उत्पादन कम करने के संकेत दिए और ईरान के परमाणु समझौते को लेकर निर्माण हुए संभ्रम की पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल की कीमत फिर से १०० डॉलर्स प्रति बैरल पर पहुँची हैं। ओपेक और सहयोगी उत्पादक देशों के ‘ओपेक प्लस’ गुट ने तेल उत्पादन कम करने का निर्णय लेने से कच्चे तेल की कीमत उछलकर प्रति बैरल १५० डॉलर्स तक पहुँचेगी, ऐसी चेतावनी विश्‍लेषकों ने दी है।

पिछले महीने वैश्‍विक मंदी का ड़र और कोरोना संक्रमण में हो रही बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल की कीमत की १० प्रतिशत गिरावट हुई थी। इस वजह से कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल १०० डॉलर्स से भी कम हुई थी। फ़रवरी में शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार तेल की कीमत १०० डॉलर्स के स्तर से कम हुई थी। इसके बाद ओपेक और सहयोगी देशों ने उत्पादन में बढ़ोतरी करने के साथ ही चीन की अर्थव्यवस्था को लग रहे झटके और मंदी के महौल के कारण कच्चे तेल की कीमत १०० डॉलर्स से कम रही थी।

कुछ दिन पहले ओपेक के प्रमुख देश सौदी अरब के ईंधन मंत्री ने तेल उत्पादन कम करने का बयान किया था। उतपादन की बड़ी बढ़ोतरी के लिए ईंधन उत्पादक देश अतिरिक्त ईंधन क्षमता पर्याप्त मात्रा में नहीं रखते, साथ ही ईंधन बाज़ार की स्थिति फिलहाल अनिश्‍चित है, ऐसा कहकर सौदी के ईंधनमंत्री प्रिन्स अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान ने उत्पादन कम करने की भूमिका अपनाई थी। ईंधन बाज़ार की मौजूदा स्थिति गलत संकेत दे रही है, यह भी सौदी के मंत्री ने कहा था। सौदी के मंत्री का यह बयान ओपेक और सहयोगी देशों ने उत्पादन कम करने का इशारा माना जा रहा है।

दूसरी ओर ईरान का परमाणु समझौता आखरी चरण में होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। लेकिन, इस पर बना संभ्रम का माहौल पूरी तरह से दूर नहीं हुआ है। इस वजह से कच्चे तेल की आपूर्ति कम रहने की संभावना है। इस पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल की कीमत उछलना शुरू हुई है। गुरूवार के कारोबार के दौरान कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल १०१.७९ डॉलर्स दर्ज़ हुई। ओपेक ने अपने इशारे को सच्चाई में उतारा तो आनेवाले समय में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल १५० डॉलर्स तक उछल सकती है, ऐसा इशारा ईंधन विश्‍लेषक पॉल सैन्की ने दिया। ईंधन बाज़ार में अतिरिक्त भंड़ार नहीं बचा है, यही सौदी के बयान से साबित हो रहा है और यह बात कीमत बढ़ने का कारण साबित हो सकती है, इस पर सैन्की ने ध्यान आकर्षित किया।

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