यूरोपिय देश रशियन ईंधन की खुफिया तरिके से खरीद कर रहे हैं – जापानी अखबार का दावा

मास्को – यूक्रेन पर हमला कर रही रशिया से ईंधन की खरीद बंद करने के बड़े-बड़े ऐलान अमरीका के साथ-साथ यूरोपिय देश भी कर रहे हैं। रशियन ईंधन की खरीद कर रहे भारत और चीन पर दबाव बनाने की कोशिश भी अमरीका और यूरोपिय देशों ने की थी। रशिया से ईंधन खरीदना यानी यूक्रेन युद्ध के लिए रशिया को पैसो की आपूर्ति करना ही है यह दावा यूरोपिय देश कर रहे हैं। लेकिन, यह सभी दावे और आदर्शवादी भूमिका खोखली होने की खबर जापान के ‘बिज़नेस डेली निक्केई’ ने जारी किया। इसके अनुसार खुलेआम नहीं बल्कि, खुफिया तरीके से यूरोपिय देश रशियन ईंधन की ग्रीस के ज़रिये खरीद कर रहे हैं।

ग्रीस के समुद्री क्षेत्र में ईंधन से भरे रशियन जहाज़ दूसरे जहाज़ों में ईंधन भर रहे हैं। इनमें से एक-दो जहाज़ों के फोटो सार्वजनिक हुए हैं। इसमें से एक जहाज ग्रीस का और एक जहाज़ भारत से जुड़ा होने की जानकारी जापान के ‘बिज़नेस डेली निक्केई’ ने प्रदान की। इनमें से एक फोटो २४ अगस्त का है। इस तरह से ग्रीस का इस्तेमाल करके यूरोपिय चोरीछुपे रशियन ईंधन खरीदकर अपनी ज़रूरतें पूरी कर रहे हैं। पिछले साल रशिया ने ग्रीस को ४०.३४ लाख बैरल ईंधन तेल की आपूर्ति की थी। लेकिन, इस साल यही मात्रा २३०.८६ लाख बैरल्स तक पहुँची है और एक ही साल में ग्रीस को इतनी बड़ी मात्रा में रशिया ने ईंधन प्रदान करना अलग संकेत देता है, यह दावा ‘बिज़नेस डेली निक्केई’ ने किया।

रशियन वृत्तसंस्थाओं ने इस खबर को काफी अहमियत दी है और इसके ज़रिये यूरोपिय देशों का दोगला रवैया सामने लाया है। इसके अलावा रशिया का ईंधन यूरोपिय देशों तक चोरी के मार्ग से पहुँचाकर चीन बड़ा लाभ प्राप्त कर रहा है, ऐसी खबरें प्रसिद्ध हुई थीं। इस तरह खुफिया मार्ग से रशियन ईंधन खरीदकर अन्य देशों को रशियन ईंधन ना खरीदने का उपदेश कर रहे यूरोपिय देशों की सच्चाई सामने आयी है। रशिया से हम ईंधन नहीं खरीद रहे हैं, ऐसे दावे कर रहे ब्रिटेन में भी जून में रशियन ईंधन पहुँचा था, यह खबर निक्केई ने दी है। इससे रशिया के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपना रहे ब्रिटेन के दावों पर भी सवाल खड़े हुए हैं।

यूरोपिय देशों में ठंड़ के मौसम के दौरान ईंधन वायु की माँग काफी मात्रा में बढ़ती है। इससे पहले रशिया ने यूरोप की ईंधन वायु सप्लाई बंद करने से यूरोपिय देशों में सनसनी निर्माण हुई है। इस संकट का सामना करने के लिए आयोजित यूरोपिय देशों की बैठक असफल होने के दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच जर्मनी जैसा देश ईंधन वायु का इस्तेमाल और बटवारे के मुद्दे पर बेल्जियम, लक्ज़ेंबर्ग, नेदरलैण्ड और पोलैण्ड जैसे पड़ोसी देशों से उम्मीद के अनुसार सहयोग प्राप्त ना होने से गुस्साया है, ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.