पाकिस्तान के ‘एफ-१६’ विमानों को लेकर किए गए निर्णय पर खुलासा करने की अमरीका की कोशिश

नई दिल्ली  पाकिस्तान की वायु सेना के ‘एफ-१६’ विमानों के लिए पुर्जों की आपूर्ति करने की तैयारी अमरीका ने दर्शायी है। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान की सैन्य सहायता रोकने का निर्णय किया था। इस निर्णय को बदलकर बायडेन प्रशासन ने पाकिस्तान के ‘एफ-१६’ विमानों के लिए पुर्जों की आपूर्ति करने की तैयारी दर्शायी है। इस पर भारत चिंता जता रहा है और इसी दौरान अमरीका ने इस पर खुलासा किया है। अमरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण और मध्य एशियाई विभाग के उपमंत्री डोनाल्ड लू ने अमरीका पाकिस्तान को केवल इन विमानों के पुर्जों की ब्रिकी कर रही है, और यह सहायता नहीं होती, यह दावा किया है।

अमरीका से प्राप्त ‘एफ-१६’ विमान पाकिस्तानी वायुसेना के प्रमुख आधार माने जाते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष के पद पर रहते हुए ईन विमानों के लिए पाकिस्तान को सहायता मुहैया करने से साफ इन्कार किया था।

अफ़गानिस्तान के आतंकवाद विरोधी युद्ध में पाकिस्तान ने अमरीका का विश्वासघात किया है, यह आरोप लगाकर ट्रम्प ने पाकिस्तान की सैन्य सहायता रोक दी थी। इस वजह से अपनी वायुसेना के बेड़े के इन ‘एफ-१६’ विमानों का इस्तेमाल करना पाकिस्तान के लिए कठिन था। लेकिन, बायडेन प्रशासन ने ट्रम्प के निर्णय को बदलकर पाकिस्तान के लिए ‘एफ-१६’ के पूर्जों की एवं इन विमानों के रखरखाव का प्रावधान कराया। इसके लिए तकरीबन ४.५ करोड़ डॉलर्स का कारोबार होगा, यह बात कही जा रही है।

इस निर्णय पर भारत से प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई। भारत हमारा रणनीतिक भागीदार देश होने का बयान कर रहे अमेरिका से ही पाकिस्तान को प्रदान हो रही यह सहायता चुभती है, ऐसी आलोचना भारतीय विश्लेषकों ने की थी। इस पर अमरीका ने खुलासा किया है। अमरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण और मध्य एशियाई विभाग के उपमंत्री डोनाल्ड लू ने इस पर खुलासा करनेवाली जानकारी साझा की। पाकिस्तानी वायुसेना के ‘एफ-१६’ विमान ४० साल पूराने हैं। उनके पुर्जे और पंखों की मरम्मत के लिए अमरीका सहायता कर रही है। इसका मतलब अमरीका पाकिस्तान को नई तकनीक या सहायता प्रदान कर रही है, ऐसा नहीं होता। बल्कि अमरीका पाकिस्तान को इन विमानों के पुर्जों की बिक्री कर रही है। यह कारोबार यहीं तक सीमित है, ऐसा डोनाल्ड लू ने कहा।

चालिस साल पूराने ‘एफ-१६’ विमानों की मरम्मत नहीं हुई तो इन विमानों की दुर्घटना हो जाएगी और इससे पायलट की जान को खतरा होगा। इसके लिए अमरीका ने यह निर्णय किया है। पूरे विश्व में अमरीका के बेचे गए विमान या अन्य यंत्रणा का जीवनकाल बढ़ाने के लिए अमरीका इस तरह की सेवा प्रदान करती है। यह अमरिकी नीति का हिस्सा होने का बयान भी डोनाल्ड लू ने किया।

अमरीका यह दावे कर रही है पर वास्तव में भारत के खिलाफ अपनी नाराज़गी जताने के लिए अमरीका ने पाकिस्तान को यह सहायता प्रदान करने का निर्णय करने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। यूक्रेन युद्ध भारतीय वायुसेना एवं नौसेना के लिए आवश्यक लड़ाकू विमानों की खरीद का निर्णय करते हुए भारत हमारे हितों की रक्षा नहीं करता ऐसी अमरीका ने शिकायत की है। इस वजह से भारत को आगाह करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष बायडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को राहत देनेवाला निर्णय किया हुआ दिख रहा है।

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