पहली तिमाही में देश की जीडीपी रिकॉर्ड २० प्रतिशत पर

नई दिल्ली – कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव से बाहर निकल कर भारतीय अर्थव्यवस्था ने बड़ी उड़ान भरी होकर पहली तिमाही में सकल उत्पाद दर (जीडीपी) २०.१ प्रतिशत इतनी रिकॉर्ड रहा होने की बात सामने आई है। मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान आर्थिक वर्ष की पहली तिमाही के आंकड़े घोषित किए गए। इस कारण उद्योग जगत में और निवेशकों में भी उत्साह का माहौल है। अर्थ विशेषज्ञों ने भी उस पर संतोष ज़ाहिर किया है। फिर भी उम्मीद की तुलना में जीडीपी अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन थोड़ा सा कम रहा है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। आरबीआई ने पहली तिमाही में जीडीपी २१.४ प्रतिशत रहेगी, ऐसा अनुमान ज़ाहिर किया था।

gdp-20-percentकोरोना की दूसरी लहर अभी भी फिर से मिटी नहीं है। लेकिन जुलाई महीने से आर्थिक व्यवहार सामान्य होने की शुरुआत हुई। उससे पहले अप्रैल से जून इस आर्थिक वर्ष की पहली तिमाही में दूसरी लहर ने शिखर को छुआ था और अधिकांश राज्यों ने विभिन्न प्रकार के संचार प्रतिबंध लगाए थे। ऐसा होने के बावजूद भी भारतीय अर्थव्यवस्था का पहले तीन महीनों का प्रदर्शन दीप्तिमान रहा है। पहली लहर कम होने के बाद पिछले साल के नवंबर महीने से धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियाँ सामान्य होने लगीं। जनवरी से मार्च इस पिछले आर्थिक वर्ष की आखिरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट १.६ प्रतिशत इतने सकारात्मक स्तर पर पहुँची थी। उससे पहले की तीन तिमाही के आँकड़े नकारात्मक थे और विकास दर की प्रतिशत ऋण संख्या में दर्शाई गई थी। पिछले साल की पहली तिमाही में जीडीपी यह माइनस २४.४ प्रतिशत इतनी थी। बाद के समय में यह आँकड़े सुधरते गए और आखिरी तिमाही में जीडीपी १.६ प्रतिशत तक जा पहुँची। फिर भी पूरे साल की जीडीपी यह माइनस ७.३ प्रतिशत इतनी रही थी।

लेकिन इस साल की पहली तिमाही में हालात ठीक उल्टे हैं। लहर की तुलना में दूसरी लहर बड़ी होने के बावजूद भी, आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह ठप ना हों इस प्रकार लगाए गए प्रतिबंधों के कारण तथा पूरे देश में कुल मिलाकर प्रतिबंध लगाए ना होने के कारण अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं। इस कारण पिछले आर्थिक साल की पहली तिमाही में माइनस २४.४ प्रतिशत होने वाली जीडीपी इस साल २०.१ प्रतिशत दर्ज की गई है। पिछले साल आर्थिक विकास को जो ब्रेक लगा था, उसकी कसर इस साल पूरी होते हुए दिख रही है।

सभी क्षेत्रों में विकास दर बढ़ी है। गृह निर्माण, उत्पादन, माइनिंग, होटल, परिवहन, दूरसंचार, ऊर्जा क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले आर्थिक वर्ष की आखिरी तिमाही से यानी जनवरी से मार्च तक की कालावधी की तुलना में सुधर गया था। यह रफ्तार कायम होकर प्रमुख क्षेत्रों ने दमदार प्रदर्शन किया है। पहली तिमाही में करसंकलन भी बढ़कर ५.२१ लाख करोड़ इतना हुआ है। लेकिन कोरोना के प्रभाव के कारण सरकार ने खर्चा बढ़ाया होकर, अब तक १०.४ लाख करोड रुपए खर्च किए है। इससे फिसकल डिफिसिट बड़ा है। आनेवाले समय में आर्थिक विकास और जोर से होगा। टीकाकरण ने रफ्तार पकड़ने के बाद आर्थिक गतिविधियों में और तेज़ी आएगी, ऐसा विश्वास विशेषज्ञों ने ज़ाहिर किया है। 

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