‘मेरीटाइम इंडिया विजन-२०३०’ के तहत बंदरगाह की परियोजनाओं में होगा तीन लाख करोड़ रुपयों का निवेश

नई दिल्ली – इससे पहले कभी भी ना हुआ हो, इस तरह से जलमार्ग की परियोजनाओं में सरकार निवेश कर रही है। विश्‍व की अग्रीम ‘ब्यू इकॉनॉमी’ यानी समुद्री क्षेत्र की अहम अर्थव्यवस्था के रूप में भारत को विकसित करने पर सरकार गंभीर होने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही है। प्रधानमंत्री के हाथों ‘मेरीटाइम इंडिया समिट’ का शुभारंभ हुआ। इस दौरान ‘मेरीटाइम इंडिया विजन-२०३०’ को कार्यान्वित किया गया। इसके तहत सरकार अगले दस वर्षों में सिर्फ बंदरगाह परियोजनाओं में ही ३ लाख करोड़ रुपयों का निवेश करेगी। इसके अलावा देश में २३ जलमार्ग विकसित करने का लक्ष्य भी तय किया गया है, यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेखांकित की।

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किसी क्षेत्र की ओर टुकड़ों-टुकड़ों में ध्यान केंद्रित करने के बजाय, उस क्षेत्र के समूचे विकास करने पर ध्यान देना अहम होता है। देश के समुद्री क्षेत्र का विकास करके सरकार यही कर रही है और इस क्षेत्र के सभी ओर ध्यान दिया जा रहा है। इस दृष्टि से सरकार ने इससे पहले, ‘नौकावहन मंत्रालय’ का नाम बदलकर ‘बंदरगाह, जहाज़ निर्माण एवं जलमार्ग मंत्रालय’ किया है, इसपर भी प्रधानमंत्री ने ग़ौर फरमाया।

समुद्री यातायात, परिवहन, व्यापार, जहाज़ निर्माण, जहाज़ दुरुस्ती, जहाज़ को तोड़ने का काम, मत्स्य पालन उद्योग जैसें अलग अलग मुद्दों पर सरकार ध्यान दे रही है। ‘बंदरगाह, जहाज़ निर्माण और जलमार्ग मंत्रालय’ ने निवेश करने के लिए उचित ४०० परियोजनाओं की सूचि तैयार की है। इन प्रकल्पों में २.२५ लाख करोड़ रुपयों का निवेश हो सकता हैं, यह जानकारी भी प्रधानमंत्री ने प्रदान की।

बंदरगाहों के विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वर्ष २०१६ में सागरमाला परियोजना शुरू की थी। इसके तहत वर्ष २०३५ तक छह लाख करोड़ डॉलर्स निवेश की ५७४ परियोजनाओं का निर्माण होगा। ‘मेरीटाइम इंडिया विजन-२०३०’ यह इसी उद्देश्‍य को मज़बूत करने का प्लैन है। अगले दस वर्षों में इसके तहत सिर्फ बंदरगाहों के निर्माण के लिए तीन लाख करोड़ रुपयों का निवेश होगा। इससे २० लाख लोगों के लिए रोज़गार का अवसर प्राप्त होगा। साथ ही, सन २०३० तक २३ जलमार्ग विकसित करने का लक्ष्य भी सरकार ने तय किया है। इसके अलावा बांगलादेश, भूटान, नेपाल और म्यांमार जैसें पड़ोसी देशों के साथ, जलमार्ग के ज़रिये कनेक्टिव्हिटी बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए ‘ईस्टर्न जलमार्ग कनेक्टिव्हिटी ट्रान्सपोर्ट ग्रीड़’ को मज़बूत किया जाएगा, यह बयान प्रधानमंत्री ने किया। बंदरगाहों को तटीय आर्थिक क्षेत्र यानी ‘कोस्टल इकॉनॉमिक झोन’, बंदरगाहों के करीब स्मार्ट सिटीज्‌ और औद्योगिक पार्क का निर्माण करने पर भी जोर दिया जा रहा हैं। ‘मेरीटाइम इंडिया विजन’ के तहत महाराष्ट्र, गुजरात, ओड़िशा, पश्‍चिम बंगाल में अधिक क्षमता के बंदरगाह विकसित किए जा रहे हैं। वर्ष २०१४ में भारतीय बंदरगाहों से ८७० दशलक्ष टन सामान का नियंत्रण हो रहा था। अब यह क्षमता बढ़ाकर १,५५० टन होने पर प्रधानमंत्री ने गौर फ़रमाया।

भारत के समुद्री क्षेत्र में निवेश करने के बड़े अवसर हैं और निवेशक इसका लाभ उठायें। भारत का विशाल तटीय क्षेत्र आपकी प्रतीक्षा कर रहा है, यह आवाहन भी इस समय प्रधानमंत्री ने किया।

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