पाकिस्तान में नए सेनाप्रमुख नियुक्त करने के मुद्दे पर विवाद शुरू

इस्लामाबाद – नए सेनाप्रमुख का नाम और साथ ही अन्य सेना अधिकारियों की बढ़ोतरी की सूचि लेकर पाकिस्तान के वरिष्ठ सेना अधिकारी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मिलने गए। लेकिन, प्रधानमंत्री शरीफ ने हमें यह नियुक्ति मंजूर ना होने की बात कहकर इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से इन्कार किया। इसके बाद गुस्सा हुए इस सेना अधिकारी ने वहीं पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को लताड़ा। इस मारपीट के निशान चेहरे पर स्पष्ट दिखने से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को कुछ दिन मूँह छुपाकर रहना पड़ा, ऐसा दावा इस देश के पत्रकार कर रहे हैं। ऐसे में सरकार के खिलाफ खड़े हए इम्रान खान की पार्टी के कार्यकर्ता इस पर खुशियां मना रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री रहते हुए इम्रान खान के साथ भी ऐसा ही हुआ था, इस पर ध्यान आकर्षित करके तमाचा खानेवाले का गाल बदले हो लेकिन हाथ एक ही है, यह ना भूलें, ऐसा पाकिस्तान के पत्रकार इम्रान खान की पार्टी को इशारा दे रहे हैं।

नए सेनाप्रमुखसेनाप्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा २९ नवंबर को निवृत्त हो रहे हैं। लेकिन, पाकिस्तान के नए सेनाप्रमुख कौन बनेंगे, इसका निर्णय अभी तक नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और उनके भाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को अपनी मर्जी के अधिकारी को सेनाप्रमुख बनाना है। लेकिन, पाकिस्तान की सेना और इस देश की कुख्यात गुप्तचर संगठन आयएसआय की सूचि इससे अलग है। यह मतभेद चरम स्तर पर पहुँचे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री शरीफ पर गुस्सा हुए पाकिस्तानी सेना अधिकारी ने उनसे मारपीट करने की खबरें पाकिस्तान में कोहराम मचा रही हैं। इन खबरों की पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी इस देश के पत्रकार इस मुद्दे पर सेना की जोरदार आलोचना कर रहे हैं। इसमें मौजूदा सरकार का कड़ा विरोध कर रहे पत्रकारों का भी समावेश है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को तमाचा जड़ा है और इसका उत्सव मना रहे इम्रान खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं को इन पत्रकारों ने जोरदार फटकार लगायी है।

आयएसआय के प्रमुख पद पर किसे नियुक्त करना है, इस पर सेनाप्रमुख जनरल बाजवा से मतभेद होने के कारण इम्रान खान को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा था। मौजूदा प्रधानमंत्री की तरह उन्हें भी सेना अधिकारी ने मारा था, इसकी याद इन पत्रकारों ने ताज़ा की। इसकी वजह से पाकिस्तान के सारे अधिकार अवैध रूप से अपने हाथों में रखने वाली सेना को काबू में रखने की कोशिश करें, आज दूसरे नेता से मारपीट हो रही है, इससे खूश ना होना, ऐसी चेतावनी इन पत्रकारों ने इम्रान खान और उनके समर्थकों को दी है।

पाकिस्तानी सेनाप्रमुख ने ही इम्रान खान सरकार को गिराकर भूतपूर्व विपक्षी नेताओं को साथ लेकर संयुक्त सरकार गठित की थी। इसके बाद पाकिस्तान की सेना पर इम्रान खान ने गंभीर आरोप लगाए थे। उनपर हुई गोलीबारी के पीछे भी सेना का हाथ होने का आरोप इम्रान खान ने लगाया था। साथ ही इन हमलों के बाद रुका अपना लॉन्ग मार्च फिर से शुरू करने का ऐलान इम्रान खान ने किया है। २६ नवंबर को सभी को चौंकाने वाला ऐलान हम करेंगे, ऐसा इम्रान खान ने कहा है।

इसकी वहज से नए सेनाप्रमुख की नियुक्ति के मुद्दे पर सरकार और सेना अधिकारियों के बीच हुए मतभेद का लाभ उठाने की तैयारी इम्रान खान करते हुए दिख रहे हैं। लेकिन, पाकिस्तान को इसके बड़े खराब परिणाम भुगतने पडेंगे। क्योंकि इस वजह से देश में अराजकता निर्माण होने की संभावना निर्माण हुई है। पाकिस्तान के दिवालिया होने की संभावना भी बढ़ी है। ऐसी स्थिति में यह अराजकता पाकिस्तान की व्यवस्था तोड़ने का कारण बनेगी, ऐसी चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं। लेकिन, अपनी सरकार बनने के बिना पाकिस्तान की समस्या दूर नहीं होगी, यह दावा कर रहे इम्रान खान और उनके समर्थक रुकने के लिए तैयार नहीं हैं।

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