पाकिस्तान के लष्करप्रमुख और प्रधानमंत्री एक दूसरे को हटाने की तैयारी में

इस्लामाबाद – पाकिस्तान के लष्करप्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और प्रधानमंत्री इम्रान खान के बीच का विवाद चरम सीमा तक पहुँचा है। किसी भी पल जनरल बाजवा प्रधानमंत्री इम्रान खान का तख्ता पलट देंगे, ऐसी ज़ोरदार चर्चा पाकिस्तान में शुरू हुई है। उसी समय प्रधानमंत्री इम्रान खान भी, अगर उनके विरोध में ऐसी गतिविधियाँ हुईं ही, तो जनरल बाजवा को लष्करप्रमुख पद से निष्कासित करने के आदेश देंगे, ऐसे दावे किए जाते हैं। लष्कर प्रमुख और प्रधानमंत्री एक दूसरे के विरोध में इस तरह भिड़ने की तैयारी में होने के कारण पाकिस्तान में चिंता का माहौल है।

पाकिस्तान के लष्करप्रमुखपाकिस्तान का कुख्यात गुप्तचर संगठन आईएसआई के प्रमुख की नियुक्ति को लेकर लष्करप्रमुख बाजवा और प्रधानमंत्री इम्रान खान के बीच यह विवाद भड़का है। जनरल बाजवा ने इस पद से लेफ्टनंट जनरल फैज हमीद को हटाकर उनके स्थान पर लेफ्टनंट जनरल नदीम अंजूम की नियुक्ति की थी। इसके आदेश पर हस्ताक्षर करने से प्रधानमंत्री इमरान खान ने इनकार किया था। इस कारण पाकिस्तान में सत्ता संघर्ष भड़का होकर, इसमें प्रधानमंत्री अथवा लष्करप्रमुख इनमें से एक को निश्चित रूप से जाना होगा, ऐसी चर्चा शुरू हुई है। प्रधानमंत्री और लष्करप्रमुख ने भी इसे अपनी प्रतिष्ठा का मसला बनाने के कारण, पीछे हटना दोनों के लिए भी संभव नहीं है, ऐसा दावा इस देश के वरिष्ठ पत्रकार कर रहे हैं।

लेकिन प्रधानमंत्री और लष्करप्रमुख आईएसआई के प्रमुख की नियुक्ति करने के मामले में एक दूसरे के संपर्क में हैं, यह बताकर पाकिस्तान के कानून मंत्री फवाद चौधरी ने इस पर पर्दा डालने की कोशिश की। प्रधानमंत्री और लष्करप्रमुख के बीच का विवाद चरमसीमा तक पहुँचा होने के दावों का भी फवाद चौधरी ने खंडन किया। कानून के अनुसार आईएसआई के प्रमुख की नियुक्ति की जाएगी। इस मामले में फैसला करने के अधिकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पास हैं, ऐसा बताकर चौधरी ने ये संकेत दिए कि इम्रान खान ही इस मामले में फैसला करेंगे। साथ ही, पाकिस्तान के मंत्रिमंडल में इसपर विचार विनिमय किया जाएगा, ऐसी जानकारी फवाद चौधरी ने दी।

इसी बीच, पाकिस्तान की विरोधी पार्टियाँ प्रधानमंत्री इम्रान खान के विरोध में आक्रामक बनीं होकर, यह लष्करप्रमुख के इशारे पर हो रहा है, ऐसा दावा कुछ पत्रकारों ने किया। वहीं, जब अफगानिस्तान में बहुत बड़ी उथल-पुथल हो रही है और भारत कश्मीर के मसले पर आक्रामक बना है, ऐसे में पाकिस्तान के लिए यह अंतर्गत सत्तासंघर्ष घातक साबित होगा, ऐसी चिंता पत्रकारों ने व्यक्त की है।

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