‘लष्कर’ और ‘जैश’ का भारत पर समुद्री रास्ते से हमला करने का षडयंत्र – गुप्तचर विभाग की चेतावनी

नई दिल्ली – पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत को चर्चा का आवाहन किया है। दोनों देश चर्चा शुरू करके अपनी समस्या सुलझाएं, इससे अपनी जनता को गरीबी से बाहर निकालना मुमकिन हो जाएगा, ऐसा भरोसा उन्होंने जताया है। लेकिन पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री भारत को यह प्रस्ताव दे रहे थे, उसी समय, ‘लष्कर-ए-तोयबा’ और ‘जैश-ए-मोहम्मद’ इन पाकिस्तान ने पाले हुए और पाकिस्तानी लष्कर के इशारे पर चलने वाले आतंकवादी संगठनों ने भारत पर भयानक आतंकवादी हमला करने की तैयारी शुरू करने की खबर आई है। यह हमले समुद्री रास्ते से होंगे और भारतीय नौसेना इस हमले का निशाना होगी, ऐसी गुप्तचर विभाग ने चेतावनी दी है।

पिछले दो महीनों में गुप्तचर विभाग ने दूसरी बार समुद्री रास्ते से पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन भारत को निशाना बना सकते हैं, ऐसी चेतावनी दी हैं। भारतीय नौसेना की क्षमता बहुत बड़े पैमाने पर बढती जा रही है और इस वजह से पाकिस्तान परेशान हो गया है। दोनों देशों के नौसेना के सामर्थ्य की तुलना नहीं हो सकती है, इस बात को पाकिस्तानी नौसेना के अधिकारी खुलकर कबूल कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में भारतीय नौसेना को झटका देने की जिम्मेदारी ‘लष्कर’ और ‘जैश’ इन आतंकवादी संगठनों पर सौंपी गई होगी, ऐसी कड़ी संभावना जताई जा रही है। इसके लिए बहुत पहले से तैयारी की जा रही थी, यह बात सामने आई है।

लष्कर और जैश में भरती होने की इच्छा रखने वाले आतंकवादियों को समुद्री रास्ते से हमले करने का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य किया गया है। यह बात आने वाले समय में भारत के समुद्री क्षेत्र में होने वाले हमलों की जैसे पूर्वसूचना ही है। सिर्फ गुप्तचर विभाग ने ही नहीं, बल्कि कुछ राज्यों के पुलिस दलों की तरफ से भी इस बारे में रिपोर्ट सामने आने का दावा मीडिया की तरफ से किया जा रहा है। विशेषतः भारतीय नौसेना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला विमान वाहक युद्धपोत ‘आईएनएस विक्रमादित्य’ और पनडुब्बी ‘आईएनएस चक्र’ यह आतंकवादियों के निशाने पर होंगी, ऐसा कहा जा रहा है। इसीके साथ ही भारत के समुद्री क्षेत्र में घुमने वाले अन्य युद्धपोतों और गश्ती नौकाओं को भी आतंकवादियों के हमले का खतरा है।

इन आतंकवादी हमलों की साजिश के पीछे सिर्फ लष्कर और जैश नहीं है, बल्कि उसके पीछे ‘आईएसआई’ और पाकिस्तानी लष्कर का षडयंत्र है, यह बात सामने आ रही है। लष्कर ने २००४ से अपना समुद्री पथक बनाया था। इसके लिए लष्कर ने भर्ती भी की थी। पाकिस्तानी लष्कर और आईएसआई के समर्थन के बिना यह असंभव है, ऐसा विश्लेषक कह रहे हैं।

इम्रान खान भारत को चर्चा का प्रस्ताव दे रहे हैं, ऐसे में आतंकवादी संगठनों की तरफ से पाकिस्तान भारत पर हमले करने की तैयारी में होने की खबरें भी आ रही हैं। इसके पिछे भयंकर षडयंत्र है और प्रधानमंत्री इम्रान खान के सामने पाकिस्तानी लष्कर और आतंकवादी संगठनों को रोकने की कड़ी चुनौती है।

इम्रान खान ने सोशल मीडिया पर के अपने पोस्ट में भारत को चर्चा का आवाहन करके चर्चा के माध्यम से ही दोनों देशों के बीच की समस्या को सुलझाने का संदेश दिया है। वैसा हुआ तो दोनों देशों की जनता को गरीबी से बाहर निकालना आसान हो जाएगा, ऐसा इम्रान खान ने भरोसा जताया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के साथ चर्चा की प्रक्रिया अबाधित होनी चाहिए, ऐसी अपेक्षा व्यक्त की है।

इसके पहले भी पाकिस्तान ने भारत से चर्चा करने के लिये पहल की है। इस के साथ ही यदी भारत पर आतंकी हमला होता है, तभी भी भारत पाकिस्तान के साथ शुरु चर्चा जारी रखे, यह जताने की कोशिष पाकिस्तान करता रहा है। मगर भारत सरकार ने इस संदर्भ में ठोस भुमिका अपना कर, चर्चा और आतंकी हमले एक साथ संभव नही है, यह स्पष्ट किया है।

इसी बिच पाकिस्तान में भारत में आतंकी हमला करने के लिये षडयंत्र की तैयारी शुरु होने की बात सामने आने से, पाकिस्तान के साथ चर्चा करने के विषय में भारत ने अपनाई भुमिका उचित है, यही स्पष्ट हो रहा है।

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