केंद्रीय गृहमंत्री जम्मू-कश्मीर दौरे पर

श्रीनगर, दि. २४ (पीटीआय) – केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह दो दिन के जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आये हैं| ‘कश्मीरियत’ पर भरोसा रखनेवाले सभी से चर्चा करने के लिए हम तैयार हैं, ऐसा राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया| पिछले डेढ़ महीने से इस राज्य में जारी हिंसा में ६५ लोगों की जानें गयी हैं और हज़ारो करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है| इस पृष्ठभूमि पर राजनाथ सिंह का यह दौरा काफी अहम है|

केंद्रीय गृहमंत्रीजम्मू-कश्मीर में फिर से कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री ने इस दौरे का आयोजन किया है| इस दौरे में गृहमंत्री ने सेना, जम्मू-कश्मीर के पुलीस अधिकारियों से मुलाक़ात की और यहाँ की सुरक्षा का जायजा लिया| जम्मू-कश्मीर की समस्या की तरफ़ केवल सुरक्षा के सवाल के रूप में न देखा जाये, ऐसा आवाहन राज्य के नेताओं ने किया था| जम्मू-कश्मीर के मसलों का केवल राजनीतिक चर्चा के माध्यम से ही हल मिल सकता है, ऐसा विश्‍वास इन नेताओं ने जताया था| इस पृष्ठभूमि पर, राजनाथ सिंह ने राज्य के प्रमुख विरोधी पक्ष ‘नॅशनल कॉन्फ़रन्स’ के नेताओं से मुलाकात करते हुए उनसे चर्चा की|

सुरक्षाबलों ने ‘पॅलेट गन’ का इस्तेमाल बंद करना चाहिए, ऐसी माँग ‘नॅशनल कॉन्फ़रन्स’ के नेता ओमर अब्दुल्ला ने की| साथ ही, राजनीतिक चर्चा की प्रक्रिया शुरू करते हुए केंद्र सरकार ने कश्मीर मसले का हल निकालना चाहिए, ऐसा सुझाव अब्दुल्ला ने गृहमंत्री को दिया|

साथ ही, जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने, ‘राज्य के हालात अब सुधर रहे हैं’ ऐसा गृहमंत्री को बताया| ‘हालाँकि राज्य के कुछ हिस्सों में अभी भी कर्फ्यू लगाया गया है, मग़र ज़रूरी चीज़ों की किल्लत की वजह से जनता बेहाल नहीं हुई है’ ऐसा भरोसा भी अधिकारियों ने गृहमंत्री को दिलाया|

इसी दौरान, सेनाप्रमुख जनरल दलबिर सिंग सुहाग भी गृहमंत्री के साथ जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आये हैं| ‘कार्रवाई करते समय, जितना हो सके उतना संयम रखो’ ऐसा आवाहन जनरल दलबिर सिंग ने सुरक्षाबलों के जवानों को किया है| ‘बुर्‍हान मुझफ्फर वानी’ की मौत के बाद जारी हिंसक प्रदर्शनों की वजह से अब तक ६६ लोगों की मौत हुई है और तक़रीबन छ: हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है| इस वजह से इस राज्य के हालात जल्द से जल्द सामान्य हो जायें, यह भारत के लिए ज़रूरी है| वहीं, दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता और हिंसा बरक़रार रहें, इसके लिए पाकिस्तान सभी स्तरों पर से कोशिश कर रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

पीओके’ मुद्दे को लेकर अमरीका ने पाकिस्तान के फटकारा

वॉशिंग्टन, दि. २४ (पीटीआय) -जम्मू-कश्मीर में हिंसा और दंगा करनेवालों पर की कार्रवाई से, भारत के खिलाफ़ पूरे विश्‍व में अपप्रचार की मुहिम छेड़नेवाले पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा है| ‘भारत के खिलाफ़ झूठी शिकायत करनेवाले इस देश की एजन्सियाँ ‘पाकिस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर’ (पीओके) में भीषण ज़ुल्म करते हुए मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है’ ऐसा इल्ज़ाम भारत ने लगाया था| इन इल्ज़ामों को समर्थन देते हुए अमरीका ने, ‘पीओके’ में हो रहे ज़ुल्मों पर चिंता जताई है|

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने, ‘पीओके’ में पाकिस्तानी यंत्रणाएँ मानवाधिकारों को पैरों तले रौंदते हुए यहाँ की जनता पर अत्याचार कर रही हैं, ऐसा कहा है| अमरीका की मानवाधिकारविषयक समिति ने इस संदर्भ में अहवाल में जारी करते हुए, ‘यह काफ़ी चिंताजनक बात है’ ऐसा कहा| ऐसे ज़ुल्म करनेवाले पाकिस्तान ने चर्चा के माध्यम से समस्या का हल ढूँढ़ना चाहिए, ऐसा आवाहन टोनर ने किया| भारत के प्रधानमंत्री ने, ‘पीओके’ में पाकिस्तान द्वारा किये जा रहे जुल्मों का मुद्दा कुछ ही दिन पहले उपस्थित किया था| इसको ‘पीओके’ की जनता ने काफ़ी अच्छा प्रतिसाद दिया था| यहाँ की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया भी अदा किया था|

भारत ने ‘पीओके’ के संदर्भ में अपनायी भूमिका को अमरीका ने भी समर्थन दिया है, इस वजह से पाकिस्तान की हालत और भी कठिन हो सकती है| अमरीका कश्मीर मसले पर भारत का पक्ष ले रहा है, ऐसी आलोचना पाकिस्तान से हो रही है| लेकिन ‘पीओके’ और बलुचिस्तान में पाकिस्तानी एजेन्सियों की ओर से हो रहे ज़ुल्मों का मसला पाकिस्तान पर और भी दबाव बढ़ानेवाला हो सकता है, ऐसा मत ज्येष्ठ विशेषज्ञ जता रहे हैं|

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