अमरिका के अर्कान्सास में ‘चर्च ऑफ सॅटन’ को अनुमति प्राप्त हुई

Third World Warलिटिल रॉक: अमरिका के आर्कान्सास राज्य की यंत्रणा ने चर्च ऑफ सॅटन अर्थात शैतान के मंदिर को अधिकृतता बहाल की है| इसके अनुसार चर्च ऑफ़ सॅटन अब धार्मिक गुट बना है और इसके अनुसार अमरिका में धार्मिक गुटों को दी जानेवाली सारी सहुलियत एवं अधिकार आगे चलकर चर्च ऑफ़ सॅटन को मिलनेवाली है| पिछले कुछ वर्षों से इस संगठन के अनुयाई इसकी मांग कर रहे थे|

अमरिका, अर्कान्सास, चर्च ऑफ सॅटन, अनुमति प्राप्त, लिटिल रॉकचर्च ऑफ सॅटन के संस्थापक ल्यूसियन ग्रेव्हज् ने अपने संगठन को अधिकृत स्तर पर मंजूरी मिले एवं शैतान की उपासना को स्वतंत्र धर्म के तौर पर स्वीकारा जाए ऐसी मांग की थी| इस मांग से इनकार करना मतलब अपने धार्मिक स्वतंत्रता का दमन करना है, ऐसा आरोप ग्रेव्हज् ने किया था| पर कानून के अनुसार इस प्रकार का धार्मिक भेदभाव नहीं किया जा सकता| अन्य धर्मों को उपासना की स्वतंत्रता मिलते समय शैतान की उपासना से इंकार करना कानून को संभव नहीं है, ऐसा ग्रेव्हज् का एवं उसकी संगठन का कहना था| उनके इस बहस को प्रतिक्रिया मिलती दिखाई दे रही है|

‘इंटरनल रेवेन्यू सर्विसेस’ (आयआरएस) ने चर्च ऑफ़ सॅटन को कर से सहुलियत देने का निर्णय किया है| धार्मिक ग्रंथों को इस स्वरूप की सहुलियत दी जाती है| इस वजह से चर्च ऑफ़ सॅटन को मिली यह सहुलियत मतलब अधिकृत स्तर पर मंजूरी प्राप्त होने की बात दिखाई दे रही है| स्थानीय माध्यमों से वैसे दावे किए जा रहे हैं और आगे चलकर चर्च ऑफ़ सॅटन मांग कर रहे अधिकार भी उन्हें मिलेंगे ऐसा माध्यमों का कहना है|

अमरिका, अर्कान्सास, चर्च ऑफ सॅटन, अनुमति प्राप्त, लिटिल रॉकइसकी वजह से आनेवाले समय में चर्च ऑफ़ सॅटन अधिकृत धार्मिक संगठनों के तौर पर आगे आएगा एवं उसे सारे अधिकार मिलेंगे| विशेष रूप से आनेवाले समय में यह संगठन अपने बारे में धार्मिक भेदभाव होने की शिकायत कर सकता है एवं उन्हें कानून से सुरक्षा भी मिलेगी इसकी तरफ माध्यमों ने ध्यान केंद्रित किया है| चर्च ऑफ़ सॅटन के संस्थापक ल्यूसियन ग्रेव्हज् ने इससे पहले भी अपनी संगठन को भेदभाव पूर्ण बर्ताव देने की बात कहते हुए शिकायतें की थी| जिसकी वजह से अपनी धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में होने का आरोप ग्रेव्हज् ने कई बार किया है|

इससे पहले भी चर्च ऑफ़ सॅटन के अनुयाईयों ने आर्कान्सास में अपने उपास्य देवता बफोमेट का मंदिर स्थापित करने का प्रयत्न किया था| पर इसे कड़ा विरोध हुआ था| फिर भी अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का दाखिला देकर इस संगठन ने यह मंदिर तैयार किया है एवं उस में बफोमेट की मूर्ति भी रखी थी|

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