फ्रान्स को ‘राजनीतिक धार्मिकता’ का खतरा – राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन की चेतावनी

Third World Warपैरिस: फ्रान्स को ‘पॉलीटिकल इस्लाम’ अर्थात ‘राजनीतिक धार्मिकता’ से खतरा निर्माण हुआ है| इसलिए फ्रान्स की सरकार इसके विरोध में ठोस भूमिका स्वीकारेंगी ऐसा राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रोन ने कहा है| इस बारे में फ्रान्स की सरकार किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी, ऐसी चेतावनी फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने दी है|

फ्रान्स की राजधानी पैरिस एवं अन्य जगहों पर ‘यलो वेस्ट’ प्रदर्शन शुरू हुए हैं| इन प्रदर्शनकारियों की विभिन्न मांगों पर फ्रान्स में ‘द ग्रेट नैशनल डिबेट’ अर्थात चर्चा एवं समझौते के व्यापक सत्र शुरू हुए थे| इन चर्चाओं में कई लोग शामिल हुए थे| ऐसे में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन अंतिम रूप से निर्णय लेंगे एवं जनता की आकांक्षा के अनुसार सरकार की धारणा में आवश्यक बदलाव करेंगे, ऐसा कहा जा रहा था| इस पृष्ठभूमि पर गुरुवार को राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन ने अत्यंत महत्वपूर्ण घोषणा की है|

फ्रान्स, राजनीतिक धार्मिकता, खतरा, राष्ट्राध्यक्ष, इमैन्युएल मैक्रॉन, चेतावनी, पैरिसइस घोषणा में कर में कटौती, शरणार्थियों पर बड़ी तादाद में नियंत्रण रखने जैसी योजनाओं का समावेश है| उस समय बोलते हुए राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन ने ‘पॉलीटिकल इस्लाम’ अर्थात ‘राजनीतिक धार्मिकता’ से फ्रान्स को खतरा होने की तरफ ध्यान केंद्रित किया है| इसके जरिए फ्रान्स में अलगाववाद का पुरस्कार किया जा रहा है, ऐसा कहकर यह बात कभी भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, ऐसी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन ने दी है| साथ ही फ्रान्स धर्मनिरपेक्ष देश होकर इस देश में किसी को भी धर्म का राजनीतिक उपयोग नहीं करने देंगे, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन ने सूचित किया है|

इसके विरोध में फ्रान्स सरकार की भूमिका कठोर होगी और इस भूमिका के बारे में किसी भी प्रकार का समझौता संभव नहीं है, ऐसा भी फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने स्पष्ट किया है| इस प्रकार के प्रयत्न उधेड़े जाएंगे और इसके लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी| इसके अनुसार कई संगठनों को मिलनेवाली विदेशी सहायता रोकने का निर्णय लिया जाएगा, ऐसे संकेत फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने दिए हैं| उनके इस वक्तव्य को फ्रान्स तथा अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने काफी अहमियत दी है|

राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन ने किए इन विधानों को पृष्ठभूमि रही है| फ्रान्स एवं अन्य यूरोपीय देशों में परधर्मिय शरणार्थियों का प्रमाण बढ़ रहा है| जिसकी वजह से अपनी असली पहचान एवं संस्कृति और धर्म खतरे में होने की चिंता स्थानीय लोगों से व्यक्त की जा रही है| तथा यह परधर्मिय शरणार्थी स्थानिय लोगों में मिलजुल कर रहने के लिए तैयार न होकर अपनी संस्कृति कायम रखे हुए हैं और अपना स्वतंत्र अस्तित्व संभाल रहे हैं| जिससे अपने देश की एकसंघता को गंभीर खतरा होने की चेतावनी यूरोपीय देशों में कई गुट एवं जनता से दी जा रही है| फ्रान्स में ऐसा हो रहा है और उसकी प्रतिक्रिया राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन ने गुरुवार को दिए भाषण से उमड़ने की बात स्पष्ट दिखाई दे रही है|

इससे पहले भी राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन ने शरणार्थियों के पक्ष में अपनाई भूमिका अपने देश में राष्ट्रवादी विचारधारा के राजनीतिक पक्ष तथा जनता की आलोचना का विषय बनी थी| इस पृष्ठभूमि पर फ्रान्स धर्म के नाम पर काम कर रही अलगाववादी शक्तियों को रोकेगा, यहा भरोसा राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन को दिलाना पड़ रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.