अफगानिस्तान में अमरिकी दूतावास के निकट तालिबान ने किए आत्मघाती हमलें में १० लोगों की मौत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरूवार की सुबह तालिबान ने किए आत्मघाती हमले में १० लोग मारे गए है और ४० से भी अधिक जख्मी हुए| अमरिकी दूतावास के निकट हुए इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने उठाई है| पिछले चार दिनों में तालिबान ने काबुल में किया यह दुसरा हमला है| अमरिका के साथ शुरू शांतिवार्ता के बावजुद अफगानिस्तान में तालिबान के हमलें बंद नही हुए है, यह बात फिर से स्पष्ट हुई है|

काबुल में ‘ग्रीन झोन’ के तौर पर पहचाने जा रहे अतिसुरक्षित क्षेत्र में यह आत्मघाती हमला किया गया| विदेशी दूतावास और नाटो का दफ्तर होने से इस क्षेत्र में बडी आवाजाही रहती है| ऐसे क्षेत्र में तालिबान ने यह हमला किया| इस हमले में मारे गए लोगों में अफगान नागरिकों का समावेश है| अमरिकी दूतावास और नाटो के दफ्तर के निट यह विस्फोट किया गया है और इससे पश्‍चिमी देश और संगठन अभीतक तालिबान के निशानेपर होने की बात स्पष्ट हुई है|

विस्फोट के बाद कुछ मिनिटों में ही तालिबान ने इस हमलें की जिम्मेदारी स्वीकार की| सोमवार रात में भी तालिबान ने काबुल में भीषण विस्फोट करवाया था| इस दौरान १६ लोग मारे गए एवं ११९ लोग जख्मी हुए थे| तालिबान ने इस हमलें की जिम्मेदारी स्वीकार कर हमले का समर्थन भी किया था| अमरिका के साथ बातचीत शुरू होते हुए भी तालिबान कमजोर नही है, बल्कि शक्तिमान है, यह संदेशा देने के लिए ही यह हमला किया है, ऐसा तालिबान के प्रवक्ता ने कहा था|

गुरूवार के दिन हुए इस हमले के बाद तालिबान ने ऐसी प्रतिक्रिया नही दी है| अमरिका के विशेष दूत झल्मे खलिलझाद काबुल में मौजुद होते समय तालिबान ने किया यह दुसरा हमला है| कुछ दिन पहले खलिलझाद ने तालिबान के साथ ‘डील’ होने का ऐलान किया था| लेकिन, इस हमले के साथ तालिबान ने फिर एक बार अमरिका को संदेशा दिया दिख रहा है|

कुछ दिन पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के ‘कुंडुझ’ शहर पर हमला किया था| उसके बाद राजधानी काबुल में दो विस्फोट करवाकर तालिबान ने शक्तिप्रदर्शन किया है| इसके बाद अफगानिस्तान में तालिबान के प्रति विरोध की भावना और भी तीव्र हुई है| इस आतंकी संगठन पर कभी भी भरौसा रखना मुमकिन नही| तालिबान के हाथ में सत्ता गई तो अफगानिस्तान में फिर से खून खराबे का सत्र शुरू होगा, यह चिंता अफगान जनता व्यक्त करने लगी है| अफगान सरकार भी जनता की यही भावना व्यक्त कर रही है| साथ ही इस विस्फोट के जरिए तालिबान ने हमें अफगानिस्तान की सियासी प्रक्रिया में शामिल होने में रुचि नही है, यह बात फिर एक बार दिखाई है, ऐसी बातचीत शुरू हुई है|

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