चीन के बैंक ‘सीपीईसी’ का निवेश रोकने की तैयारी में

इस्लामाबाद – चीन को अपना सच्चा मित्रदेश कहने का ऐलान करके सौदी अरब से बने संबंधों से दूर जानेवाले पाकिस्तान को अब चीन ने ही जोरदार झटका दिया है। चीन की वित्तसंस्थाओं और बैंक्सचायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) परियोजना में निवेश करने के लिए तैयार ना होने की जानकारी सामने आ रही हैं। पाकिस्तान में मौजूद अस्थिरता इसके लिए ज़िम्मेदार होने का कारण चीन के बैंक दे रहे हैं। तभी पाकिस्तान के नेता चीन के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं, ऐसी आलोचना पाकिस्तान के माध्यम कर रहे हैं। इससे पाकिस्तानी जनता के मन में इम्रान खान की सरकार और चीन के खिलाफ असंतोष काफी बढ़ रहा है।

बीते सप्ताह में सौदी अरब ने पाकिस्तान को आर्थिक सहुलियत और इंधन की सप्लाई करने से इन्कार करने पर पाकिस्तान ने चीन को अपनाऑल वेदर फ्रेंड़घोषित किया था। इसके बाद पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा मेहमूद कुरेशी ने चीन को तुरंत भेंट करके विदेशमंत्री वैंग ई से चर्चा की थी। अपनी इस चीन यात्रा को बड़ी कामयाबी प्राप्त होने का ऐलान कुरेशी ने किया था। लेकिन, कुरेशी चीन की यात्रा से खाली हाथ लौटे हैं, इस ओर पाकिस्तानी माध्यमों ने ही ध्यान आकर्षित किया। प्रधानमंत्री इम्रान खान और विदेशंमत्री कुरेशी ने इस पर अधिक जानकारी देने से इन्कार किया था। लेकिन, कुरेशी की इस चीन यात्रा की जानकारी धीरे धीरे सामने आ रही है।

पाकिस्तान मेंचायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) परियोजना में निवेश करने से चीन की वित्तसंस्थाओं और बैंक्स तैयार ना होने के दावे पाकिस्तान के माध्यम कर रहे हैं। कुछ चीनी बैंकों ने इस परियोजना में हो रहा निवेश बंद करने के संकेत दिए हैं। विदेशमंत्री कुरेशी ने अपनी चीन यात्रा में इससे संबंधित चीनी अधिकारी से चर्चा करने की जानकारी सामने आ रही है। पाकिस्तान में बनी सियासी अस्थिरता चीन के बैंकों की इस भूमिका के लिए ज़िम्मेदार होने का कारण दिया जा रहा हैं। इम्रान खान की सरकार पर चीनी बैंकों का विश्‍वास नहीं रहा, यह बात कुछ पाकिस्तानी पत्रकार कर रहे हैं। तभी पाकिस्तान में किसी भी क्षण सियासी उथलपुथल हो सकती हैं, इसी कारण चीन के बैंकों ने इस परियोजना की सहायता बंद की है, यह बात पाकिस्तान के कुछ माध्यम कह रहे है।

इसी बीच पाकिस्तानी जनता में भी सीपीईसी परियोजना के बारे में बड़ी नाराज़गी है। इस परियोजना के आड़ चीन ने पाकिस्तान का आर्थिक शोषण किया है, यह आरोप पाकिस्तानी जनता और माध्यम कर रहे हैं। इसके लिए सीपीईसी से संबंधित चीनी ऊर्जा परियोजनाओं में ६२ करोड़ डॉलर्स के गलत व्यवहारों का दाखिला दिया जा रहा है। इसके साथ ही इस परियोजना में शामिल चीन के कान्ट्रैक्ट कर्मचारी पाकिस्तानी सैनिक और नागरिकों पर कर रहे हमलों की वजह से भी पाकिस्तानी जनता एवं सैनिकों के मन में असंतोष बढ़ा है। तभी इस परियोजना का समर्थन कर रहे पाकिस्तान के पूर्व लष्करी अधिकारी विदेश में करोड़ों की संपत्ति बनाकर बैठे हैं, ऐसे आरोप पाकिस्तानी माध्यमों में हो रहे हैं।

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