चीन के कर्ज के जाल में फंसा पाकिस्तान ‘सीपीईसी’ परियोजना पर फेरविचार करें – अमरिकी विदेश मंत्रालय का इशारा

इस्लामाबाद – ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) परियोजना में पारदर्शिता नही है, यह फटकार अमरिका के दक्षिण एवं मध्य एशिया विभाग के उपमंत्री एलिस वेल्स ने लगाई है| ‘सीपीईसी’ परियोजना के लिए पाकिस्तान ने चीन से बडी मात्रा में कर्ज प्राप्त किया है और इस कर्ज के जाल में फंसे बिना पाकिस्तान नही रहेगा, यह इशारा भी वेल्स ने दिया| उनके इस चेतावनी पर पाकिस्तान ने खुलासा किया है| ‘सीपीईसी’ परियोजना के मुद्दे पर पाकिस्तान ने जरूरी ख्यान रखा है, यह दावा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने किया है|

‘सीपीईसी परियोजना में पासितन में चीन कर रहा निवेश सीर्फ निवेश नही है और बडे दर से दिया कर्ज है| यह कर्ज प्राप्त करते समय पाकिस्तान ने अपने गलें में कंसेगा नही, इसका ध्यान रखना होगा| वैश्‍विक बैंक ने ब्लैक लिस्ट की हुई कंपनियों को ‘सीपीईसी’ के अरबों डॉलर्स के कान्ट्रैक्ट पाकिस्तान ने प्रदान किए है’, यह कहकर एलिस वेल्स ने पाकिस्तान को इसके परिणामों से अवगत कराया| इसी लिए पाकिस्तान इस परियोजना पर फिर से विचार करें, यह अपनी भावना होने की बात वेल्स ने कही| एलिस वेल्स ने हाल ही में चार दिनों की पाकिस्तान यात्रा की है| उनके इशारे के बाद पाकिस्तान की निंद उडने के संकेत प्राप्त हो रहे है| पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आयेशा फारुखी ने वेल्स की चेतावनी पर प्रतिक्रिया दर्ज की है| चीन से ‘सीपीईसी’ परियोजना पर प्राप्त किया कर्ज मात्र ४.९ अरब डॉलर्स का है| यह कर्जा पाकिस्तान ने लिए कुल कर्ज की तुलना में दस प्रतिशत भी नही है| इस वजह से चीन के जाल में पाकिस्तान के फंसने की संभावना ही नही है, यह दावा फारुखी ने किया है|

साथ ही ‘सीपीईसी’ के तहेत हो रहे विकास काम पुरे भी हो चुके है, इस पर भी फारुखी ने ध्यान आकर्षित किया| पाकिस्तान इस तरह से ‘सीपीईसी’ को लेकर जताई जा रही आपत्ति पर जवाब देने की कोशिश कर रहा हो, पर यह परियोजना पाकिस्तान के लिए घातक होने की बात इस देश के कुछ विशेषज्ञों ने पहले ही स्वीकारी है| प्रधानमंत्री इम्रान खा ने सरकार स्थापित करते ही इस परियोजना पर नए से बातचीत करके पाकिस्तान को नुकसान से बचाने की कोशिश की थी| पर, चीन ने इसे स्पष्ट शब्दों में इन्कार किया| इस वजह से पाकिस्तान को राहत मिलने का मार्ग बंद हुआ और यह देश अब चीन के चंगुल में फंसा दिख रहा है|

पिछले कुछ दिनों से अपने सीर पर बने चीन का कर्ज कम करने के लिए पाकिस्तान ‘पीओके’ की जमीन का सौदा करने की कोशिश में होने की बात स्पष्ट हुई थी| प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार इस मुद्दे पर जनता को सच्चाई बयान नही कर रही है, यह दावा पाकिस्तान में हो रहा है|

इसी पृष्ठभूमि पर एलिस वेल्स की पाकिस्तान यात्रा काफी अहम समझीजा रही है| पाकिस्तान की यात्रा करने से पहले वेल्स ने भारत की भी यात्रा की थी|

इसी बीच अगले दिनों में अमरिका ‘सीपीईसी’ के मुद्दे पर पाकिस्तान पर दबाव बढाने की तैयारी कर रही है, यह बात वेल्स के बयान से स्पष्ट हुई है| प्रमुख बात यह है की, वैश्‍विक बैंक ने प्रतिबंध लगाए चीन की कंपनियों को ‘सीपीईसी’ के कामों के अरबों डॉलर्स के काम प्राप्त हुए है, इस बात पर ध्यान आकर्षित करके वेल्स ने इसके लिए पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाना संभव होने के संकेत दिए है| इस ओर अनदेखा करना पाकिस्तान के लिए काफी महंगा साबित हो सकता है|

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