राष्ट्रमंड़ल देशों में चीन का प्रभाव खत्म करने के लिए चीन का भारी निवेश – चीन ने ९०० अरब डॉलर्स से अधिक निवेश करने का ब्रिटेन में असर

९०० अरब डॉलर्सवॉशिंग्टन/बीजिंग/लंदन – चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत राष्ट्रमंड़ल गुट के देशों पर अपनी पकड़ मज़बूत करने की कोशिश कर रही है और इन देशों में चीन ने अब तक ९०० अरब डॉलर्स से अधिक का निवेश करने की चौकानेवाली रपट सामने आयी है| अमरीके के एक अध्ययन मंड़ल ने यह रपट जारी की है और कौरिबियन देश एवं अफ्रीकी महाद्विप में मौजूद राष्ट्रमंड़ल के सदस्य देशों को लक्ष्य किए जाने की ओर ध्यान आकर्षित किया है| इस रपट को लेकर ब्रिटेन के राजनीतिक दायरे में तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई है और क्या ब्रिटीश सरकार सो रही है? ऐसे सवाल बड़े गुस्से से पूर्व अधिकारी एवं विश्‍लेषक कर रहे हैं|

९०० अरब डॉलर्स‘अमरिकी एन्टरप्राईज इन्स्टिट्यूट’ नामक अध्ययन मंड़ल ने इससे संबंधित आँकड़े सार्वजीनिक किए हैं| चीनी हुकूमत ने ५४ राष्ट्रमंड़ल सदस्य देशों में से ४२ देशों को अपनी शिकारी आर्थिक नीति का लक्ष्य बनाया है, यह इशारा इसमें दिया गया है| इसमें प्रमुखता से कैरिबियन क्षेत्र एवं अफ्रीकी महाद्विप के देशों का समावेश है| कैरिबियन क्षेत्र के जमाइका, बार्बाडोस, एंटिग्वा ऐण्ड बर्बुडा, बहामा और त्रिनिदाद ऐण्ड टोबैगो जैसे दस देशों में लगभग १० अरब डॉलर्स का निवेश किया है| यह निवेश इन देशों के जीडीपी की तुलना में कम से कम १० प्रतिशत से ६० प्रतिशत होने का बयान अमरिकी अध्ययन मंड़ल ने किया है|

अफ्रीकी महाद्विप के राष्ट्रमंड़ल के सदस्य सिएरा लिओन, युगांड़ा, मोज़ांबिक, ज़ांबिया, लेसोथो, कैमरून में भी चीन ने अरबों डॉलर्स का निवेश किया है| इस निवेश का इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्रसंगठन में समर्थन प्राप्त करने के लिए एवं अहम बंदरगाहों और स्थानों पर कब्ज़ा करने के लिए होने की बात सामने आ रही है| ताइवान के मुद्दे पर राजनीतिक दबाव ड़ालने के लिए भी कम्युनिस्ट हुकूमत निवेश का इस्तेमाल कर रही है, यह बात पहले भी सामने आयी थी| राष्ट्रमंड़ल गुट का हिस्सा होनेवाले ग्रेनाडा और डॉमिनिकन रिपब्लिक को चीन ने ताइवान के साथ संबंध तोड़ने के लिए मज़बूर किया था| चीन ने इन दोनों देशों में तीन अरब डॉलर्स से अधिक निवेश किया है|

९०० अरब डॉलर्सकुछ महीने पहले चीन ने जमाइका के अहम किंग्टन फ्रीपोर्ट बंदरगाह पर कब्ज़ा किया था| इसके बाद चीन ने बीते हफ्ते में ही युगांड़ा का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ‘एन्टेबी एअरपोर्ट’ पर कब्ज़ा करने का वृत्त भी सामने आया था| यह घटनाएँ एवं अमरिकी अध्ययन मंड़ल की रपट से ब्रिटेन के राजनीतिक दायरे में तीव्र प्रतिक्रियाएँ दर्ज़ हुई हैं| ब्रिटेन की सांसद बैरोनेस हेलेना केनेडी ने चीन की यह कोशिश शीतयुद्ध की दिशा की ओर जाती है और इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं, यह इशारा दिया| चीन द्वारा ऐसे निवेश की वजह से ब्रिटेन का प्रभाव क्षेत्र कमज़ोर हो रहा है, इस ओर भी केनेडी ने ध्यान आकर्षित किया|

‘चीन आर्थिक ताकत का इस्तेमाल करके राष्ट्रमंड़ल के सदस्य देशों का शिकार कर रहा है| इस पर प्रत्युत्तर देने के लिए ब्रिटेन को आवश्यक गतिविधियॉं शुरू करनी पड़ेंगी| इसके लिए पहले ही देर हो चुकी है’, यह आलोचना ब्रिटीश अध्ययन मंड़ल ‘हेन्री जैक्सन सोसायटी’ के संचालक ऐलन मेंडोज़ा ने की है|

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