भारत में निवेश करनेवाली टेसला मोटर्स को झटका देने की चीन की चाल

बीजिंग – ‘‘चीन अथवा अन्य किसी भी देश में अगर हमारी मोटर्स जासूसी के लिए इस्तेमाल की जा रही होंगी, तो ‘टेसला मोटर्स’ अपना उद्योग बंद कर देगी’’, ऐसा ‘टेसला मोटर्स’ के सीईओ एलॉन मस्क ने घोषित किया। इस कंपनी की मोटर्स अपने देश में जासूसी करने के लिए इस्तेमाल में लाईं जा रहीं हैं, ऐसा आरोप चीन ने किया था। यह बहाना बनाकर चीन ने अपने लष्करी अधिकारियों को, इन मोटर्स का इस्तेमाल न करने के आदेश दिए थे। उस पर मस्क से यह प्रतिक्रिया आई है। लेकिन टेसला मोटर्स पर चीन ने की यह कार्रवाई यानी यह कंपनी भारत में कर रहे निवेश की सज़ा होने की चर्चा शुरू हुई है।

अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक मोटर्स बनानेवाली टेसला मोटर्स ने पिछले साल चीन में लगभग डेढ़ लाख मोटर्स की बिक्री की थी। चीन में इसका बड़ा मार्केट होकर भी टेसला मोटर्स ने, भविष्य के मार्केट के रूप में उदयित हो रहे भारत पर ध्यान केंद्रित किया है। भारत में भी टेसला मोटर्स का उत्पादन शुरू होनेवाला है और आनेवाले कुछ महीनों में ही इसकी शुरुआत होगी ऐसा स्पष्ट हुआ है। उसपर चीन के सरकारी माध्यमों ने होहल्ला शुरू किया था। टेसला मोटर्स की महँगी कार्स खरीदने की क्षमता ही भारतीयों के पास नहीं है, ऐसे ताने सरकारी माध्यमों ने मारे थे।

सरकार का ही नियंत्रण होने वाले चीन के सोशल मीडिया में भी, टेसला मोटर्स के विरोध में मुहिम छेड़कर, ये मोटर्स ना खरीदने का आवाहन किया जा रहा था। उसके बाद चीन के लष्कर ने अपने अधिकारियों को, टेसला मोटर्स की कार्स लष्करी आस्थापनों में ना लाने के आदेश दिए थे। इन गाड़ियों का इस्तेमाल करके जासूसी की जा रही होने का आरोप चीन के लष्कर ने किया था। उसपर टेसला मोटर्स के सीईओ एलॉन मस्क से प्रतिक्रिया आई है। चीन तथा अन्य किसी भी देश में अपनी मोटर का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जाने की बात अगर सामने आई, तो उद्योग बंद करने का फैसला लूँगा, ऐसा कहकर मस्क ने चीन के आरोपों को उत्तर दिया है।

इस मामले के उपलक्ष्य में चीन की बेचैनी फिर एक बार दुनिया के सामने आई है। कोरोना महामारी फैलने के बाद चीन दुनियाभर में नफरत का विषय बन गया है। उसी समय, ‘दुनिया की फैक्ट्री’ ऐसी पहचान बने चीन पर आनेवाले समय में उत्पादन के लिए पूरी तरह निर्भर नहीं रहा जा सकता, इसका एहसास जागतिक उद्योग क्षेत्र को हुआ है। इसी कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ चीन से बाहर निकल रहीं होकर, उनमें से कुछ कंपनियों ने भारत में निवेश शुरू किया है। ऐसी कंपनियों में ऍपल और टेसला मोटर्स जैसी शीर्ष कंपनियों का समावेश है।

उत्पादन और सप्लाई चैन के लिए भारत यह चीन के लिए विकल्प साबित होनेवाला देश है, ऐसी चर्चा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुई है। इस मोरचे पर जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारत से सहयोग कर रहे हैं। इस कारण भारत में होनेवाला निवेश बड़े पैमाने पर बढ़ता चला जा रहा है। यहाँ तक कि कोरोना की महामारी होते हुए भी, भारत में होनेवाले विदेशी निवेश की मात्रा रिकॉर्ड स्तर पर थी। यह बात चीन को अच्छी खासी चुभ रही है। इसी कारण ऍपल तथा टेसला मोटर्स जैसी कंपनियों को चीन द्वारा चेतावनी दी जा रही है। लेकिन इन कंपनियों की योजनाओं पर उसका कुछ खास असर होने की संभावना नहीं है।

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